Dogs banned in Iran: जब भी सबसे वफादार पालतू जानवरों की बात होती है, तो कुत्तों का जिक्र ही आता है। लेकिन, इस्लामिक देश ईरान को कुत्तों से लगता है दुश्मनी सी हो गई है। शायद यही कारण है कि देश के 20 से अधिक शहरों में ईरानी सरकार ने कुत्तों पर बैन लगा दिया है। इसी के साथ अब देश के 25 शहरों में कुत्तों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। मतलब ये कि ईरान के नागरिक या विदेशी न तो कुत्ते पाल सकते हैं और अगर हैं भी तो उन्हें घर से बाहर घुमा नहीं सकते।
ईरान इंटरनेश्नल के द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, कुत्तों को लेकर देश में कोई नया कानून नहीं है। बल्कि, वहां की इस्लामी सरकार ईरान के संविधान के अनुच्छेद 638 (सार्वजनिक नैतिकता), 688 (सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा) औऱ अनुच्छेद 40 के तहत कुत्तों पर प्रतिबंध सख्ती से लागू किया जा रहा है। इसके तहत ये कहा जा रहा है ये कुत्ते नुकसान पहुंचाते हैं। अधिकारियों ने कुत्तों पर बैन लगाते हुए चेतावनी भी दी है कि अगर कोई व्यक्ति पार्कों या सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों के साथ पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा सरकार ने पालतू जानवरों से जुड़ी दुकानों और अस्पतालों को भी बंद करने का आदेश जारी किया है।
ईरान के किन शहरों में लगा प्रतिबंध
अब तक देश के कम से कम 25 शहरों में कुत्तों के अस्तित्व को समाप्त करने की कोशिश की जा चुकी है। इन शहरों ने कुत्तों को बैन कर दिया है। उत्तर-पश्चिमी ईऱान के अर्दबील में सरकारी वकील ने ऐलान किया कि 6 जून से यह कानून लागू हो गया है। वकील ने कहा कि कुत्तों पर बैन शारीरिक स्वच्छता, सार्वजनिक स्वच्छता और मनोवैज्ञानिक सुरक्षा की गारंटी के लिए लगाया गया है। जिन शहरों में हालिया प्रतिबंध लगाए गए हैं, उनमें करमानशाह, इलम, हमादान, करमान, बोरौजर्ड, रोबत करीम, लवसनात और गोलेस्तान हैं। ईरान में कुत्तों को मारा भी जा रहा है।
ब्रिटेन में भी मुस्लिम युवक ने कर दी थी 37 कुत्तों की हत्या
बीते दिनों इसी तरह से ब्रिटेन के एसेक्स में एक 25 वर्षीय मुस्लिम व्यक्ति ने एनीमल शेल्टर हाउस में 37 कुत्तों की हत्या कर दी थी। बीबीसी के अनुसार इमारत पर पुलिस ने छापा मारा था, और 20 कुत्ते जिंदा पकड़े थे। इस इमारत के प्रति लोगों ने शिकायत की थी और उसके बाद पुलिस ने कार्यवाही की थी।
इस तरह की उन्मादी कार्यवाही को लेकर सवाल उठता है की क्या कोई भी जीव अपनी मर्जी से इस दुनिया में पैदा हुआ या फिर उस जीव को अन्य की तरह ही परमपिता परमेश्वर ने इस संसार में भेजा?
पारस जो की आज का ईरान है उसका इतिहास पारसियों की संस्कृति और परंपरा का है जिसमें उन्माद और कट्टर सोच को कोई जगह नहीं होनी चाहिए और किसी भी जीव को इस सृष्टि का हिस्सा माना जाना चाहिए।