उत्तर कोरिया की सीमाएं विदेशी पर्यटकों के लिए खुल रही हैं और इसी के चलते अब उत्तर कोरिया ने रूस, चीन और कुछ अन्य देशों के पर्यटकों को भी देश में आने की अनुमति दे दी है।
पांच साल के लंबे अंतराल के बाद पहली बार कुछ विदेशी पर्यटक उत्तर कोरिया आए। पर्यटकों की यह यात्रा इस बात का संकेत है कि विश्व पटल पर आर्थिक और राजनीतिक रूप से अलग-थलग पड़े इस देश का पर्यटन उद्योग खुल सकता है और दूसरे देशों के पर्यटक उत्तर कोरिया के पर्यटन स्थलों का रुख कर सकते हैं।
नॉर्थ कोरिया का इतिहास
आधिकारिक रूप से उत्तर कोरिया लोकतांत्रिक जनवादी गणराज्य,अमनोक नदी और तुमेन नदी उत्तर कोरिया और चीन के बीच सीमा का निर्धारण करती है जबकि, उत्तर-पूर्वी छोर पर तुमेन नदी की एक शाखा रूस के साथ सीमा बनाती है।
1910 में, कोरिया साम्राज्य पर जापान के द्वारा कब्जा कर लिया गया था। 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध के अन्त में जापानी आत्मसमर्पण के बाद, कोरिया को दो देशों में विभाजित किया गया सोवियत संघ (रूस) के प्रभाव वाले क्षेत्र को उत्तर कोरिया (नॉर्थ कोरिया) और दक्षिण में अमेरिका के प्रभाव वाले को दक्षिण में कोरिया (साउथ कोरिया) बनाया गया। रूस और अमेरिका दोनों महाशक्तियों की इन देशों के सरकारी कम-काज तथा नीति-निर्धारण में दखलंदाजी और सैन्य प्रभाव होने के कारण साउथ कोरिया और नॉर्थ कोरिया बीच 1950-1953 में युद्ध भी लड़ा जा चुका हैं।
नॉर्थ कोरिया आधिकारिक तौर पर स्वयं को आत्मनिर्भर समाजवादी राज्य के रूप में प्रस्तुत करता है, और वहाँ पर औपचारिक रूप से चुनाव भी किया जाता है। हालाँकि आलोचक इसे अधिनायकवादी तानाशाही का रूप मानते है,क्योंकि यहाँ की सत्ता पर एक ही ‘किम’ परिवार या किम इल-सुंग के परिवार के लोगों का आधिपत्य हैं।
कम्युनिस्ट देश होने के कारण, उद्योग और सामूहिक कृषि के माध्यम से उत्पादन पर सरकार का स्वामित्व होता हैं, जबकि अन्य सेवाएं जैसे, स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा, आवास और खान-पान जैसी अधिकांश सेवाएँ या तो मुफ़्त या सरकार द्वारा अनुदान (सब्सिडी) दिया जाता है।
उत्तर कोरिया सोंगुन (선군) या “सैन्य-पहले” नीति का पालन करता है तथा इसकी सक्रिय सेना, चीन, अमेरिका और भारत के बाद दुनिया में चौथी सबसे बड़ी सेना है। नार्थ कोरिया एक परमाणु हथियार सम्पन्न देश हैं। इसकी मिसाइल क्षमता की पहुँच दुनिया के हर कोने तक मानी जाती है। कई जानकार नॉर्थ कोरिया को, चीन की विध्वंसक हथियारों की प्रयोगशाला भी मानते है। अन्तर्राष्ट्रीय दबाब और प्रतिबंधों के डर से, चीन गुप्त तरीके से विनाशकारी हथियारों का परीक्षण नॉर्थ कोरिया की प्रयोगशालाओं में करता है और इसके बदले में चीन उसकी आर्थिक जरूरतों को पूरा करता है।
उत्तर कोरिया आधिकारिक रूप से नास्तिक देश है और यहाँ धर्म या पन्थ को किसी भी प्रकार से सरकार द्वारा प्रोत्साहित नहीं किया जाता है।
नॉर्थ कोरिया टूरिज्म
बीजिंग की ट्रैवल कंपनी कोर्यो टूअर्स ने 20 से 24 फरवरी तक पांच दिन की इस यात्रा का आयोजन किया. यह दौरा उत्तर कोरिया के उत्तर-पूर्वी सीमा शहर रासन में हुआ, जहां देश का विशेष आर्थिक क्षेत्र स्थित है.
यूरोपीय टूअर कंपनी कोरियनकन्सल्ट के मुताबिक 16 जनवरी 2025 को, रासन विशेष आर्थिक क्षेत्र उत्तर कोरिया का पहला इलाका बना जिसने अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए अपनी सीमाएं खोलीं. ब्रिटेन, कनाडा, ग्रीस, न्यूजीलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रिया, ऑस्ट्रेलिया और इटली के 13 यात्री चीन से जमीनी रास्ते के जरिए उत्तर कोरिया पहुंचे. वहां उन्होंने फैक्ट्रियों, दुकानों, स्कूलों और किम इल सुंग और किम जोंग इल की प्रतिमाओं का दौरा किया. कोर्यो टूअर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर साइमन कॉकरेल ने समाचार एजेंसी एपी को बताया, “जनवरी 2020 से देश ने सभी अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए अपनी सीमाएं बंद कर दी थीं. अब हमें रासन क्षेत्र में एक अवसर मिला है.”
आर्थिक सुधार की ओर कदम?
उत्तर कोरिया अपनी कमजोर अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करने के तरीके ढूंढ रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों और कोविड-19 के चलते अलग-थलग रहने से बुरी तरह प्रभावित हुई है. महामारी से पहले, पर्यटन देश के लिए विदेशी मुद्रा अर्जित करने का एक महत्वपूर्ण जरिया था. विशेषज्ञों का मानना है कि यह शुरुआत विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने की व्यापक योजना का हिस्सा हो सकती है.
उत्तर कोरिया ने 2024 की शुरुआत में कुछ विदेशी पर्यटकों के लिए सीमाएं खोली थीं. दक्षिण कोरिया के एकीकरण मंत्रालय के अनुसार, 2024 में लगभग 880 रूसी पर्यटकों ने उत्तर कोरिया का दौरा किया. हालांकि, चीन से आने वाले समूह पर्यटन अभी भी रुके हुए थे.
सख्त नियम अभी भी लागू
रूसी पर्यटकों को प्राथमिकता देने से विश्लेषक हैरान नहीं हैं. यह उत्तर कोरिया और रूस के गहरे होते संबंधों को दिखाता है. खबरों के अनुसार, उत्तर कोरिया ने रूस को हथियार और सैनिक मुहैया कराए हैं ताकि वह यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में मदद कर सके. दूसरी ओर, उत्तर कोरिया और चीन के संबंध ठंडे पड़ते दिख रहे हैं. चीन उत्तर कोरिया और रूस के साथ अमेरिका विरोधी गठबंधन बनाने में झिझक रहा है.
पर्यटन फिर से शुरू होने के बावजूद, उत्तर कोरिया की सख्त नीतियां जारी हैं. स्वतंत्र यात्रा की अनुमति नहीं है, और सभी आगंतुकों को सरकार द्वारा नियुक्त गाइड के साथ रहना पड़ता है. पर्यटकों की आवाजाही सीमित स्थानों तक ही होती है, और स्थानीय लोगों से बातचीत पर भी रोक रहती है. बिना अनुमति के फोटो खींचने पर कड़ी सजा हो सकती है, खासकर गरीबी या सैन्य स्थलों की तस्वीरें लेने पर.
उत्तर कोरिया ज्यादातर देशों के पर्यटकों को आने की अनुमति देता है, लेकिन दक्षिण कोरियाई नागरिकों पर प्रतिबंध है. 2017 में अमेरिकी छात्र ओटो वार्मबियर की गिरफ्तारी और मौत के बाद, अमेरिकी नागरिकों के लिए भी यात्रा प्रतिबंधित कर दी गई थीं. पर्यटकों को वहां के नेताओं के प्रति सम्मान दिखाने जैसे सख्त नियमों का पालन करना पड़ता है.
उत्तर कोरिया का भविष्य
उत्तर कोरिया जून में अपने पूर्वी तट पर एक बड़ा पर्यटन केंद्र खोलने की योजना बना रहा है. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया की “बेहतरीन कोंडो क्षमता” (Great Condo Potential) और विस्तृत समुद्र तटों का जिक्र किया था. कोंडो (Condo) का मतलब छुट्टी मनाने के लिए बने छोटे-छोटे घर है.
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर उत्तर कोरियाई पर्यटन उद्योग को आर्थिक रूप से सफल बनाना है, तो चीनी पर्यटकों की वापसी जरूरी होगी. 2009 में महामारी से पहले, उत्तर कोरिया में हर साल करीब 3 लाख चीनी पर्यटक आते थे, जो कुल विदेशी पर्यटकों के 90 फीसदी से ज्यादा थे.
दक्षिण कोरिया की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति संस्थान के शोधकर्ता ली सांगकुन के अनुसार, उत्तर कोरिया ने पर्यटन स्थलों पर भारी निवेश किया है, लेकिन घरेलू मांग बहुत कम है. ली ने समाचार एजेंसी एपी से बातचीत में कहा, “उत्तर कोरिया अब अंतरराष्ट्रीय पर्यटन फिर से शुरू कर विदेशी यात्रियों को आकर्षित करना चाहता है.”
हालांकि, विदेशी यात्रियों पर प्रतिबंध और वैश्विक प्रतिबंध उत्तर कोरिया की योजनाओं में बाधा डाल सकते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि रासोन (라선시/나선) और प्योंगयांग (평양시) जैसे शहरों में ही पर्यटकों को आने की अनुमति दी जाएगी, क्योंकि वहां निगरानी रखना आसान है.
कंपनियां नई सामूहिक यात्राओं और निजी दौरों की योजना बन रही है. आने वाले महीनों में यह साफ हो जाएगा कि क्या उत्तर कोरिया की यह पहल उसकी कमजोर अर्थव्यवस्था को सुधार पाएगी या फिर सख्त नीतियां पर्यटन उद्योग के विकास में बाधा बनेंगी.
कोरियनकन्सल्ट के मुताबिक, उत्तर कोरिया का केंद्रीय हिस्सा (जिसमें प्योंगयांग भी शामिल है) अभी भी पर्यटकों के लिए बंद है, लेकिन रासोन (라선시/나선) में देखने और करने के लिए बहुत कुछ है. रासोन एक मुक्त आर्थिक क्षेत्र है, जहां पर्यटक सिर्फ ऐतिहासिक स्मारकों, संग्रहालयों और प्राकृतिक स्थलों को ही नहीं बल्कि छोटे व्यवसायों, बंदरगाह, बैंक और बाजारों को भी देख सकते हैं.
उत्तर कोरिया का रासोन (라선시/나선) शहर, दुनिया का एक ऐसा अनोखा शहर या इलाका है, जहां तीन देशों उत्तर कोरिया, चीन और रूस की सीमाएं एक ही जगह पर मिलती हैं।