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Saturday, July 5, 2025

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कोलंबिया विश्वविद्यालय में प्रदर्शन करने वाली फ़लस्तीनी महिला 1 साल बाद क्यों गिरफ़्तार?

अमेरिकी आप्रवासन अधिकारियों ने न्यूयॉर्क शहर के कोलंबिया विश्वविद्यालय में पिछले साल फ़लस्तीन के समर्थन में हुए प्रदर्शनों के एक दूसरे एक्टिविस्ट को गिरफ़्तार किया है.

डिपार्टमेंट ऑफ़ होमलैंड सिक्योरिटी (डीएचएस) ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि फ़लस्तीनी महिला लेक़ा कोर्डिया को न्यूयॉर्क में गिरफ़्तार कर लिया गया है. कोर्डिया वेस्ट बैंक की रहने वाली हैं.

बयान में यह भी कहा गया कि एक अन्य छात्रा रंजनी श्रीनिवासन, जो कि भारतीय नागरिक हैं, उन्होंने इस हफ़्ते की शुरुआत में खुद से अमेरिका छोड़कर जाने का विकल्प चुना.

कैंपस में बीते साल हैमिल्टन हॉल पर क़ब्ज़ा करने के अभियान में शामिल रहे कुछ छात्रों को विश्वविद्यालय ने या तो निलंबित कर दिया है या उन्हें निकाल दिया है.

ट्रंप प्रशासन ने कोलंबिया विश्वविद्यालय की 40 करोड़ डॉलर की फ़ंडिंग ये कहते हुए रोक दी है कि वो कैंपस में यहूदी विरोधी भावना से लड़ने में नाकाम रहा है.

विश्वविद्यालय प्रशासन की ये कार्रवाई तब शुरू हुई है, जब कोलंबिया विश्वविद्यालय के कैंपस के कार्यकर्ता महमूद ख़लील को गिरफ़्तार किया गया है. ख़लील को संघीय अप्रवासन प्राधिकरणों ने शनिवार को न्यूयॉर्क में हिरासत में लिया गया था, इसके बाद उन्हें लुइसियाना की जेल ले जाया गया.

डिपार्टमेंट ऑफ़ होमलैंड सिक्योरिटी के बयान में कहा गया है कि कोर्डिया ने अपने छात्र वीज़ा की अवधि से अधिक समय बिताया था. उनके वीज़ा को साल 2022 में “उपस्थिति की कमी के कारण” समाप्त कर दिया गया था. इसमें यह नहीं बताया गया कि वह कोलंबिया या किसी अन्य संस्थान में पढ़ रही थीं या नहीं.

डीएचएस के मुताबिक़, इससे पहले अप्रैल 2024 में भी कोर्डिया को कोलंबिया विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए गिरफ़्तार किया गया था.

 

 

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