क्रिकेट में साल 2024 भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए बेहद यादगार रहा। 13 साल का सूखा खत्म करते हुए टीम इंडिया वर्ल्ड कप जीतने में कामयाब रही। साथ ही क्रिकेट के लिए वर्ष 2024 एक और माएने में महत्वपूर्ण रहा आर वह है कई दिग्गज खिलाड़ियों का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास लेना।
साल 2024 का अंत होते-होते टेस्ट क्रिकेट में भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे बड़े मैच विनर्स में से एक रहे आर अश्विन ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया. अश्विन अपने पीछे कामयाबी की ऐसी विरासत छोड़कर गए हैं, जिसकी बराबरी कर पाना आने वाली पीढ़ी के किसी भी क्रिकेटर के लिए आसान नहीं रहने वाला है.
अश्विन के अलावा शिखर धवन और दिनेश कार्तिक ने भी इसी साल क्रिकेट को अलविदा कहा. केदार जाधव, रिद्धिमान साहा, वरुण आरोन, सिद्धार्थ कौल, सौरभ तिवारी दोबारा मैदान पर अपने खेल का दमखम दिखाते हुए नज़र नहीं आएंगे.
टेस्ट क्रिकेट में 700 विकेट लेकर इतिहास रचने वाले जेम्स एंडरसन की गेंदें भी नए साल में बल्लेबाजों को परेशान करते हुए नज़र नहीं आएंगी.
नील वैगनर की शार्ट पिच गेंदें भी नए साल में बल्लेबाजों को नहीं डराएंगी.
डेविड वॉर्नर का तूफानी अंदाज और मोईन अली के लंबे-लंबे छक्के भी अब मैदान पर नहीं देखने को मिलेंगे.
आर अश्विन (Ravichandran Ashwin)
2024 के आखिरी महीने दिसंबर में आर अश्विन ने संन्यास की घोषणा करके अपने फैंस को हैरान कर दिया. भारत के लिए 106 टेस्ट में बल्ले और गेंद से कमाल दिखाने वाले आर अश्विन ने बॉर्डर-गावस्कर सिरीज़ के तीसरे टेस्ट के तुरंत बाद इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया.
अपने करीब 15 साल के करियर में अश्विन ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट में टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई. उनका अंतरराष्ट्रीय सफर 2010 में श्रीलंका के ख़िलाफ़ वनडे डेब्यू के साथ शुरू हुआ था. इस लंबे समय में अश्विन ने सभी फॉर्मेट में 765 विकेट लिए और वह अनिल कुंबले के बाद भारत के दूसरे सबसे कामयाब गेंदबाज़ बने.
टेस्ट फॉर्मेट की बात करें तो उन्होंने टेस्ट में कुल 106 मैचों में 537 विकेट लिए हैं. वह टेस्ट मैचों में सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में सातवें नंबर पर हैं. वहीं टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले स्पिनर्स के मामले में चौथे पायदान पर हैं.
वहीं, 116 वनडे मुकाबलों में उन्होंने 156 विकेट और 65 टी20 मुकाबलों में 72 विकेट चटकाए हैं. वह अपनी शानदार गेंदबाजी के साथ-साथ एक अच्छे बल्लेबाज़ भी रहे हैं. उन्होंने अपना क्रिकेट करियर एक सलामी बल्लेबाज़ के तौर पर शुरू किया था.
उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 26 की औसत से 3,503 रन बनाए हैं. वहीं वनडे क्रिकेट में 16 की औसत से 707 रन तो टी20 मुकाबलों में 26 की औसत से 184 रन जड़े हैं.
इतनी कामयाबी ही शायद वो वजह रही कि अश्विन ने संन्यास का एलान करते हुए कहा, “मुझे मेरे फैसले का कोई मलाल नहीं है. मैंने क्रिकेट में यह मुकाम सिर्फ और सिर्फ अपनी कड़ी मेहनत से हासिल किया. मुझे खुशी है क्रिकेट मेरे जीवन का हिस्सा बना. मैंने बहुत टेस्ट क्रिकेट खेला और इसी से मुझे मालूम चला कि जिंदगी को कैसे जीना है.”
शिखर धवन (Shikhar Dhawan)
शिखर धवन के लिए टीम इंडिया के रास्ते तो 2022 के अंत में उस वक्त बंद हो गए थे जब शुभमन गिल ने वनडे में दोहारा शतक लगाकर ये साबित किया कि उनके अंदर भारतीय क्रिकेट टीम का भविष्य बनने का माद्दा है.
लेकिन शायद धवन को उम्मीद थी कि उन्हें मैदान पर एक और बार टीम इंडिया की जर्सी पहनने का मौका जरूर मिलेगा. हालांकि ऐसा हुआ नहीं और जुलाई 2024 में उन्होंने सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने का एलान कर दिया.
धवन का डेब्यू 2010 में ही हो गया था. लेकिन टीम इंडिया में उनकी जगह 2013 में पक्की हुई. धवन की बल्लेबाजी का ही कमाल था कि टीम इंडिया 2013 में इंग्लैंड में खेली गई चैंपियंस ट्रॉफी जीतने में कामयाब रही. उसी साल टेस्ट क्रिकेट में भी धवन ने डेब्यू करते हुए 85 गेंद में शतक बनाकर तहलका मचा दिया.
मैदान पर शानदार प्रदर्शन करने वाले शिखर धवन की निजी ज़िंदगी में उतार-चढ़ाव साल 2023 में आया. जब दिल्ली की एक अदालत ने उनकी पत्नी और उनके बीच तलाक को मंजूर कर लिया.
इस दौरान वो अपने बेटे को लेकर काफी भावुक रहे और इस बारे में कई मौकों पर सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर अपनी भावनाएं जाहिर की.
धवन ने भारत के लिए 167 वनडे, 34 टेस्ट और 68 टी20 मैच खेलते हुए 10 हजार से ज्यादा रन बनाए.
दिनेश कार्तिक (Krishnakumar Dinesh Karthik)
दिनेश कार्तिक को शायद एक ऐसे क्रिकेटर के तौर पर याद किया जाएगा जो इंटरनेशल क्रिकेट में अपनी प्रतिभा के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाया.
टीम इंडिया के लिए दिनेश कार्तिक का करियर करीब 18 साल लंबा तो रहा, लेकिन इस दौरान ना जाने कितनी बार वो टीम में आए और बाहर हुए. 2004 में भारत के लिए टेस्ट में डेब्यू करने वाले दिनेश कार्तिक ने महज 26 टेस्ट ही खेले. हालांकि कार्तिक को 94 वनडे और 60 टी20 मुकाबले खेलने का मौका भी मिला.
चूंकि कार्तिक के करियर का लंबा हिस्सा धोनी की परछाई में ही गुजरा इसलिए वो टीम में कभी अपने लिए एक जगह फिक्स नहीं कर पाए. उन्हें कभी विकेटकीपर, कभी ओपनर, कभी मिडिल ऑर्डर बैटर और कभी फिनिशर के तौर पर आजमाया गया.
इस बीच कार्तिक को भारतीय क्रिकेट में ऐसे बल्लेबाज़ के तौर भी जाना जाएगा जिन्होंने 2018 में निदाहास ट्रॉफी में आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर टीम इंडिया को नामुमकिन नज़र आ रही जीत दिलाई.
इंटरनेशनल क्रिकेट के मुकाबले दिनेश कार्तिक का आईपीएल करियर कहीं ज्यादा यादगार रहा और उन्होंने आईपीएल में कई कभी ना भूले जाने वाली पारियां खेलीं.
केदार जाधव (Kedar Mahadev Jadhav)
बल्ले से ज्यादा अपनी गेंदबाजी के अलग एक्शन से पहचान बनाने वाले केदार जाधव ने भी क्रिकेट को इस साल अलविदा कह दिया.
केदार जाधव ने अपने शानदार खेल से फर्स्ट क्लास क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ी. उन्होंने 2013-14 के रणजी ट्रॉफी सीज़न में शानदार बल्लेबाजी की और छह शतक के साथ 1223 रन बनाए. वह उस सीजन में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे.
इस शानदार प्रदर्शन के कारण बीसीसीआई की नजर उन पर पड़ी और भारतीय टीम में उन्हें जगह मिली. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 2014 में श्रीलंका के ख़िलाफ़ वनडे मुकाबले में की थी.
उन्होंने 50 ओवर के फॉर्मेट में कुल 73 मुकाबले खेले हैं, जिसमें 42 की औसत से 1389 रन बनाए हैं. वहीं टी20 फॉर्मेट में उन्होंने ज़्यादा मुकाबले तो नहीं खेले हैं लेकिन उन्होंने खेले गए 9 मुकाबलों की 6 पारियों में 20 की औसत से 122 रन बनाए हैं. उन्होंने वनडे इंटरनेशनल में 27 विकेट भी लिए हैं.
रिद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha)
इस बात में शायद ही किसी को शक होगा कि रिद्धिमान साहा अभी तक भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे बेहतरीन विकेटकीपरों में से एक रहे हैं.
जितने कमाल के रिद्धिमान साहा विकेटकीपर रहे, उनके इंटरनेशनल डेब्यू करने की कहानी भी उतनी ही मजेदार है.
उन्हें 2010 में साउथ अफ्रीका के ख़िलाफ़ सिरीज में रिजर्व विकेट कीपर के तौर पर जगह मिली. उस समय यह माना जा रहा था कि उन्हें सिरीज में खेलने का मौका नहीं मिलेगा. लेकिन आखिरी समय में रोहित शर्मा के चोटिल होने के कारण उन्हें बतौर बल्लेबाज़ खेलने का मौका मिला.
डेब्यू की पहली पारी में वह शून्य पर आउट हो गए. लेकिन उन्होंने दूसरी पारी में वापसी की और टीम के लिए मुश्किल परिस्थितियों में 36 रन बनाए.
फिर उन्हें दो साल बाद यानी 2012 में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ टेस्ट खेलने का मौका मिला, जब आईसीसी द्वारा महेंद्र सिंह धोनी पर स्लो ओवर रेट के कारण एक मैच का प्रतिबंध लगाया गया.
महेंद्र सिंह धोनी ने दिसंबर 2014 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया, जिसके कारण रिद्धिमान साहा को भारतीय टीम में जगह मिलनी शुरू हो गई. उन्होंने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मुकाबला 2021 में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ खेला था. उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 40 मैच खेले हैं, जिसमें 29 की औसत से 1,353 रन बनाए हैं.
डेविड वॉर्नर (David Andrew Warner)
इस बात की कल्पना शायद ही कोई कर सकता है कि बिना फर्स्ट क्लास क्रिकेट के अनुभव के किसी खिलाड़ी को टेस्ट क्रिकेट खेलने का मौका मिलेगा. लेकिन डेविड वॉर्नर ने ऐसी परंपरा स्थापित की जिसकी बराबरी शायद ही कोई और खिलाड़ी कर पाएगा.
वॉर्नर ने बिना फर्स्ट क्लास क्रिकेट के अनुभव के टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया.
विड वॉर्नर का वनडे और टी20 में भी करीब 15 साल तक बराबर जलवा देखने को मिला.
लेकिन जितना डेविड वॉर्नर अपनी बल्लेबाज़ी की वजह से चर्चा में रहे उतना ही वो अपने बर्ताव की वजह से भी सुर्खियां बने. साल 2018 में दक्षिण अफ्रीका दौरे पर की गई बॉल टेंपरिंग की बड़ी कीमत चुकानी पड़ी. वॉर्नर को स्मिथ के साथ एक साल के लिए क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने बैन कर दिया.
इस घटना के बाद क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने साफ कर दिया कि उन्हें भविष्य में कभी भी लीडरशिप का रोल नहीं मिलेगा. हालांकि वॉर्नर ने जोरदार वापसी की और ऑस्ट्रेलिया को 2021 में टी20 वर्ल्ड कप और 2023 में वनडे वर्ल्ड कप का खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई.
उन्होंने कुल 112 टेस्ट मुकाबले खेले हैं, जिनमें उन्होंने 45 की औसत से 8786 रन बनाए हैं. वहीं खेले गए 161 वनडे मुकाबलों में उन्होंने 45 की औसत से 6932 रन बनाए हैं.
टी20 मुकाबलों की बात करें तो उन्होंने कुल 110 टी20 मुकाबले खेले हैं, जिसमें उन्होंने 33 की औसत से 3277 रन बनाए हैं.
जेम्स एंडरसन (James Michael Anderson; Jimmy Anderson)
तेज गेंदबाज़ का टेस्ट करियर 22 साल लंबा होगा यह बात असंभव से लगती है, लेकिन इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने ऐसा मुमकिन करके दिखाया. इसके साथ ही जेम्स एंडरसन दुनिया के पहले ऐसे तेज गेंदबाज़ बने जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 700 विकेट हासिल किए.
एंडरसन से पहले केवल दो स्पिनर्स मुथैया मुरलीधरन और शेन वॉर्न ही इस मुकाम को हासिल कर पाए थे.
एंडरसन ने अपना आखिरी टेस्ट मुकाबला वेस्ट इंडीज के ख़िलाफ इस साल खेला. उन्होंने कुल 188 टेस्ट मुकाबले खेले हैं, जिसमें उन्होंने 704 विकेट हासिल किए हैं. वहीं उन्होंने खेले गए 194 वनडे मैचों में 269 विकेट चटकाए हैं. साथ ही, उन्होंने 19 टी20 मुकाबले खेले हैं, जिसमें उन्होंने 18 विकेट लिए हैं.
मोईन अली (Moeen Munir Ali)
मोईन अली इंग्लैंड के ऐसे क्रिकेटर रहे जिनसे कप्तान ने ज़रूरत पड़ने पर बल्लेबाज़ी में भी ओपन करवाया और गेंदबाजी में भी. टीम की ज़रूरत के मुताबिक खुद को ढालने की काबिलियत मोईन अली में हमेशा रही और उसे पूरा करने से वो कभी पीछे नहीं हटे.
अगर पूछा जाए कि क्रिकेट के मैदान पर परफेक्ट क्रिकेटर कैसा हो सकता है तो शायद उसका जवाब मोईन अली हो सकते हैं. मोईन अली की फिरकी तो कमाल थी ही, उन्होंने बल्ले और फील्डिंग से कभी निराश नहीं किया.
हालांकि मोईन अली के लिए ये लिए मैदान पर पहुंचने का सफर कितना मुश्किल रहा उसके बारे में हम सोच भी नहीं सकते हैं.
उन्होंने अपने करियर में कुल 68 टेस्ट मुकाबले खेले हैं, जिनमें 28 की औसत से उन्होंने 3094 रन बनाए हैं. वहीं 138 वनडे मैचों में उन्होंने 24 की औसत से 2355 रन बनाए हैं. 92 टी20 मुकाबलों में उन्होंने 21 की औसत से 1,229 रन अपने बल्ले से बनाए हैं.
फिरकी का कमाल दिखाते हुए उन्होंने टेस्ट में कुल 204 विकेट चटकाए हैं. वहीं वनडे में 111 विकेट तो टी20 मुकाबलों में 51 विकेट हासिल किए हैं.
डेविड मलान (Dawid Johannes Malan)
जब खिलाड़ियों के क्रिकेट मैदान से अलविदा कहने की उम्र हो जाती तब डेविड मलान टी20 फॉर्मेट में 915 पॉइंट्स के साथ रैंकिंग में नंबर एक बल्लेबाज बने.
डेविड मलान दुनिया के उन चंद खिलाड़ियों में शामिल है जिन्होंने टेस्ट, वनडे और टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में शतक जड़ा हैं.
उन्होंने साउथ अफ्रीका के ख़िलाफ़ 2017 में टी20 मैच खेलकर अपने करियर का आगाज किया. उन्होंने इस डेब्यू मैच में 78 रन की शानदार पारी खेल इंग्लैंड की जीत में अहम भूमिका निभाई.
वो टी20 में जितने बेहतरीन बल्लेबाज रहे, टेस्ट में उतने ही बेअसर साबित हुए. तमाम मौकों के बावजूद उन्होंने अपने टेस्ट करियर में कुल 22 मैच खेले, जिनमें उन्होंने 27 की औसत से 1074 रन बनाए हैं. वहीं खेले गए 30 वनडे मैच में उन्होंने 56 की औसत से 1450 रन बनाए हैं.
उन्होंने खेले गए 62 टी20 मुकाबलों में 36 की औसत से 1892 रन बनाए हैं. वह आईपीएल का भी हिस्सा रह चुके हैं. उन्होंने 2021 में पंजाब किंग्स के लिए केवल एक मैच खेला था.
नील वैगनर (Neil Wagner)
एक वक्त पर इस बात की कल्पना करना मुश्किल था कि मौजूदा समय में टेस्ट क्रिकेट के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में से स्टीव स्मिथ को कोई गेंदबाज़ परेशान कर सकता है. लेकिन न्यूजीलैंड के नील वैगनर ने ऐसा मुमकिन करके दिखाया.
वैगनर के बारे में बात करते हुए स्मिथ ने कहा था कि उनका सामना करना ना सिर्फ मेरे लिए बल्कि दुनिया के किसी भी बल्लेबाज के लिए मुश्किल था.
हालांकि इस बेहतरीन गेंदबाज को इस साल की शुरुआत में टीम के लिए आखिरी मैच खेलने का मौका नहीं मिला.
वो ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ पहले मुकाबले में वैकल्पिक फील्डर के तौर पर मैदान में उतरे. जब वह मैदान पर फील्डिंग करने के लिए उतरे तो फैंस ने उन्हें तालियों के साथ आख़िरी विदाई दी.
साउथ अफ्रीका में पैदा हुए इस खिलाड़ी ने न्यूजीलैंड की टीम के लिए 2008 में फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलना शुरू किया. वैगनर न्यूजीलैंड के उन पांच गेंदबाजों में से एक हैं, जिन्होंने 250 से ज़्यादा टेस्ट विकेट हासिल किए हैं. वैगनर ने न्यूजीलैंड के लिए 64 टेस्ट मैच खेले.
क्रिकेट दुनिया में सबसे ज्यादा पसंदीदा खेल माना जाता है और जिसमें दुनिया के छोटे देश लाजबाब तरीके से खेल का प्रदर्शन करते देखे जा सकते हैं।