डोनाल्ड ट्रंप निर्वाचित के बाद से ही अपनी राजनैतिक और आर्थिक महत्वाकांक्षा को दिखाना शुरू कर दिया है , ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति के निर्वाचन कुछ हफ़्तों के दौरान ही कनाडा, मेक्सिको और ग्रीनलैंड को अपने देश में मिलाने की बात कर चुके हैं.
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है वह ग्रीनलैंड को खरीद लेंगे या कब्जा कर लेंगे, कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बना देना चाहिए साथ ही उन्होंने पनामा नहर को ‘अमेरिका की नहर’ कहा और मेक्सिको की खाड़ी का नाम बदलकर ‘अमेरिका की खाड़ी’ करने का सुझाव दिया.
इस महीने की शुरुआत में जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या वो स्वायत्त डैनिश क्षेत्र या पनामा नहर के लिए सैन्य या आर्थिक बल का इस्तेमाल करेंगे? इस सवाल पर उन्होंने कहा, “नहीं, मैं आपको इन दोनों पर ही भरोसा नहीं दिला सकता हूं.”
लेकिन ग्रीनलैंड के मामले में उन्होंने एक कदम आगे बढ़कर कहा कि अमेरिका को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से ग्रीनलैंड की ज़रूरत है. डोनाल्ड ट्रंप ने ग्रीनलैंड को खरीदने की बात की थी।
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा था कि राष्ट्रीय सुरक्षा और दुनिया में कहीं भी जाने की आज़ादी के लिहाज से अमेरिका ये मानता है कि ग्रीनलैंड पर हमारा नियंत्रण बेहद ज़रूरी है.
ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री म्यूट इग़ा ने साफ़ कह दिया था कि ग्रीनलैंड उसके लोगों का है और ‘वो बिकाऊ नहीं है.’
ग्रीनलैंड एक स्वतंत्र राष्ट्र नहीं है बल्कि वो डेनमार्क का एक स्वायत्त क्षेत्र है.
डोनाल्ड ट्रंप पुरानी महत्वाकांक्षा ग्रीनलैंड?
ग्रीनलैंड के लिए डोनाल्ड ट्रंप की ये महत्वाकांक्षा कोई नई नहीं हैं, 2019 में उन्होंने कहा था कि ये एक ‘शानदार रियल एस्टेट’ सौदा होगा. हालांकि तब उन्होंने कहा था इसे खरीदना उनकी प्राथमिकता में नहीं है
व्हाइट हाउस के तत्कालीन आर्थिक सलाहकार लैरी कुडलो ने फॉक्स न्यूज संडे को एक इंटरव्यू में बताया था कि ग्रीनलैंड में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की नज़र किस पर है.
उन्होंने कहा कि ये एक ऐसी रणनीतिक जगह है जहां बेशकीमती खनिज हैं.
डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका की सत्ता संभालेंगे।
इस बीच ट्रंप जिस तरह से ग्रीनलैंड का बार-बार ज़िक्र कर रहे हैं उससे ऐसा लगता है कि रिपब्लिकन पार्टी की भविष्य की योजनाओं में ग्रीनलैंड की अहमियत बढ़ती जा रही है.
विशेषज्ञ हाल के दिनों में ग्रीनलैंड के खनिजों की गई मैपिंग और इसके इर्द-गिर्द बदलते आर्थिक माहौल को इससे जोड़ कर देख रहे हैं.
ग्रीनलैंड में रेयर अर्थ खनिज?
ग्रीनलैंड में रेयर अर्थ खनिजों के भंडार दुनिया की बड़ी ताकतों को आकर्षित कर रहे हैं
ग्रीनलैंड अपनी रणनीतिक स्थिति की वजह से ही अमेरिका की नज़र में रहा है.
दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान ग्रीनलैंड को नाज़ियों को रोकने के रास्ते के तौर पर देखा गया.
शीत युद्ध के दौरान ग्रीनलैंड को ऐसी जगह के तौर पर देखा गया जहां से यूरोप और उत्तरी अमेरिका के बीच समुद्री रास्तों पर नियंत्रण हो सकता था. क्योंकि ये भौगोलिक रूप से आर्कटिक के नजदीक है.
अमेरिकी सेना दशकों से अटलांटिक और आर्कटिक महासागरों के बीच पिटफिक स्पेस बेस का संचालन करती रही है. इसे पहले थुले एयर बेस के नाम से जाना जाता था.
इस बेस का उपयोग बैलिस्टिक मिसाइल पर नज़र रखने के लिए किया जाता है.
लेकिन डेनमार्क और ग्रीनलैंड के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की ओर से 2023 के मध्य में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है यहां का चार लाख वर्ग किलोमीटर का जो इलाका बर्फ से ढका नहीं है उसमें 38 खनिजों के हल्के या भारी भंडार हैं. ये सभी आवश्यक मैटेरियल की यूरोपीय लिस्ट में शामिल हैं.
यहां कॉपर , ग्रेफाइट, नियोबियम, टाइटेनियम और रोडियम के बड़े भंडार तो हैं ही साथ ही रेयर अर्थ खनिज का भी अच्छा-खासा डिपॉजिट है.
नियोडिमियम और प्रेसियोडिमियम में खास चुंबकीय गुण होते हैं जो उन्हें इलेक्ट्रिक वाहनों और और पवन ऊर्जा उत्पादन के लिए जरूरी टर्बाइन के निर्माण में काम आते हैं.
जानकारों अनुसार, पूरी दुनिया के रेयर अर्थ तत्वों का 25 फ़ीसदी तक ग्रीनलैंड में हो सकता है और ये सामग्री 15 लाख टन हो सकती है.
अमेरिकी की चीन से होड़
चीन की नज़र भी ग्रीनलैंड के रेयर अर्थ खनिजों के भंडार पर है और इस दिशा में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग कई प्रकार से प्रयास कर रहे हैं, जिसमें जर्मनी, नोर्वे, स्वीडन, डेनमार्क और अन्य ग्रीनलैंड के सीमावर्ती देशों से नजदीकी बढ़ाना।
स्वायत्तता प्राप्त ग्रीनलैंड की अर्थव्यवस्था डेनमार्क की सब्सिडी पर निर्भर है और ये किंगडम ऑफ़ डेनमार्क का हिस्सा है.
जलवायु परिवर्तन को काबू करने की कोशिश के तौर पर स्वच्छ और रिन्युएबल एनर्जी को बढ़ावा दिया जा रहा है. और यह रेयर अर्थ खनिज, स्वच्छ और रिन्युएबल एनर्जी के उत्पादन में सहायक होते हैं। जिससे जलवायु परिवर्तन के इस दौर में रेयर अर्थ तत्वों की मांग काफी बढ़ गई है.
इस वजह से रेयर अर्थ खनिज की मांग में इजाफा हो रहा है. यही वजह है कि दुनिया की बड़ी ताकतों में दुनिया भर में रेयर अर्थ खनिजों के भंडार पर कब्जे की होड़ चल रही है.
जानकारों के मुताबिक, वर्ष 2024 तक, दुनिया भर में 1960 की तुलना में लगभग 4,500 फ़ीसदी अधिक रेयर अर्थ ख़निजों का इस्तेमाल कर रहे हैं. भले ही हम जल्दी ही ग्रीनलैंड में रेयर अर्थ खनिजों के खनन को संभव बना लें, लेकिन दुनिया की मौजूदा जरूरतों को पूरा करने के लिए इन खनिजों की और अधिक जरूरत होगी.
फिलहाल चीन रेयर अर्थ के खनन और प्रोसेसिंग मार्केट पर हावी है.
चीन में दुनिया भर के रेयर अर्थ खनिजों का एक-तिहाई मौजूद है.
वैश्विक खनन में चीन की 60 फ़ीसदी और प्रोसेसिंग में 85 फ़ीसदी हिस्सेदारी है.
ग्रीनलैंड में रेयर अर्थ खनिजों का खनन करने वाली दो माइनिंग कंपनियां ऑस्ट्रेलियाई हैं. लेकिन एक में चीन की सरकारी माइनिंग कंपनी शेंग्घे रिसोर्सेज का निवेश है.
चीन वर्षों से ग्रीनलैंड में अपनी मौज़ूदगी बढ़ाने की कोशिश कर रहा है.
चीनी कंस्ट्रक्शन कंपनियों ने ग्रीनलैंड में कम से कम दो हवाई अड्डे बनाने की कोशिश की है. लेकिन डेनमार्क की कंपनियों ने उन्हें पीछे धकेल दिया है.
माना जाता है कि अमेरिका की ओर से डेनमार्क पर दिए गए दबाव की वजह से ऐसा हुआ होगा.
इस क्षेत्र में चीन की गतिविधियों ने अमेरिका को सतर्क कर दिया है.
वैश्विक राजनैतिक, कूटनैतिक, आर्थिक और सैन्य जगत में चीन, अमेरिका का प्रमुख प्रतिद्वंद्वी है.
अपने पहले कार्यकाल में ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए रेयर अर्थ को अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी सामग्री के तौर पर शामिल किया था.
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने ग्रीनलैंड और अमेरिका के बीच तकनीकी और वैज्ञानिक विकास में सहयोग के लिए समझौते पर हस्ताक्षर भी किए थे.
एलन मस्क की ग्रीनलैंड में दिलचस्पी क्यों?
अगर डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल से पहले ही रेयर अर्थ खऩिजों और ग्रीनलैंड के प्रति दिलचस्पी दिखाई गई है तो इसका मतलब ये निकाल जा सकता है कि इसमें टेस्ला के सीईओ एलन मस्क की भूमिका और गहरी दिलचस्पी हो सकती है. टेस्ला इलेक्ट्रिक कार की दुनिया में सबसे बड़ी कंपनी है और इसके उत्पादन में रेयर अर्थ खनिजों का उपयोग होता है। इस पहलू को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.
विशेषज्ञ कहते हैं कि, निश्चित रूप से, लिथियम, तांबा, निकल और ग्रेफाइट के अलावा दूसरे रेयर अर्थ ख़निजों की ग्लोबल उपलब्धता में टेस्ला की दिलचस्पी है. इतने अहम खनिज की उपलब्धता पर निर्भर कंपनी का सीईओ अगर राजनीतिक तौर पर फ़ैसला लेने की स्थिति में हो तो हितों का टकराव हो सकता है. इससे ऐसे खनिजों की ग्लोबल उपलब्धता प्रभावित हो सकती है।
21 लाख वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल वाले ग्रीनलैंड द्वीप की आबादी सिर्फ़ 57 हज़ार है. कई तरह की स्वायत्तता वाले ग्रीनलैंड की अर्थव्यवस्था डेनमार्क की सब्सिडी पर निर्भर है और ये किंगडम ऑफ़ डेनमार्क का हिस्सा है.
इस द्वीप के 80 फ़ीसदी हिस्से पर स्थाई रूप से मोटी बर्फ़ जमी रहती है.
डोनाल्ड ट्रंप ऐसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति नहीं हैं जिन्होंने को ख़रीदने का सुझाव दिया है. 1860 के दशक में अमेरिका के 17वें राष्ट्रपति एंड्रयू जॉनसन ने पहली बार ये विचार रखा था.