घाम तापो पर्यटन: प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य में शीतकालीन पर्यटन के लिए गढ़वाली भाषा में एक नया शब्द ‘घाम तापो पर्यटन’ (धूप सेंको पर्यटन) गढ़ते हुए कहा, ‘सर्दियों में जब देश के बड़े हिस्से में कोहरा छाया होता है, तो पहाड़ों पर धूप का आनंद होता है।
‘घाम तापो पर्यटन’ में घाम का मतलब धूप होता है और तापो का अर्थ सेंकना होता है. प्रधानमंत्री ने इस शब्द का इसलिए प्रयोग किया, क्योंकि दिल्ली, मुंबई, जैसे महानगरों में प्रदूषण की वजह से लोगों को धूप नहीं मिल पाती है. इससे कई तरह की बीमारियां लग जाती हैं, खासकर हड्डियों और त्वचा से जुड़ी बीमारियां होती हैं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड में बारहमासी पर्यटन की पुरजोर वकालत करते हुए गुरुवार को कहा कि इस खूबसूरत पहाड़ी राज्य में कोई ‘ऑफ सीजन’ नहीं होना चाहिए और हर सीजन ‘ऑन सीजन’ रहे जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को बड़े पैमाने पर मजबूती मिलेगी। मुखबा में देवी गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल में पूजा-अर्चना करने के बाद हरसिल में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर पर्यटक सर्दियों में प्रदेश में आएंगे तो उन्हें उत्तराखंड की वास्तविक आभा देखने को मिलेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य में शीतकालीन पर्यटन के लिए गढ़वाली भाषा में एक नया शब्द ‘घाम तापो पर्यटन’ (धूप सेंको पर्यटन) गढ़ते हुए कहा, ‘सर्दियों में जब देश के बड़े हिस्से में कोहरा छाया होता है, तो पहाड़ों पर धूप का आनंद होता है।’ बारहमासी या 365 दिनों के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार के दृष्टिकोण की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि साल भर स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से ‘पर्यटन के 360-डिग्री दृष्टिकोण’ की जरूरत है।
‘घाम तापो पर्यटन’ की जरूरत पर के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अभी पहाड़ों में मार्च, अप्रैल और जून में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं लेकिन उसके बाद इनकी संख्या कम हो जाती है। उन्होंने कहा, ‘सर्दियों में होमस्टे और होटल खाली पड़े रहते हैं । यह असंतुलन उत्तराखंड में साल के एक बड़े हिस्से में आर्थिक सुस्ती ला देता है।’
मोदी ने कहा कि वह चाहते हैं कि उत्तराखंड में पर्यटन के लिहाज से कोई भी सीजन ‘ऑफ सीजन’ न हो और हर सीजन ‘ऑन सीजन’ रहे। उन्होंने कहा कि इससे उत्तराखंड को अपना आर्थिक सामर्थ्य बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘अपने पर्यटन क्षेत्र को विविधतापूर्ण बनाना और उसे बारहमासी बनाना उत्तराखंड के लिए बहुत जरूरी है।’
‘घाम तापो पर्यटन’ से उत्तराखंड में बारहमासी पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद जागी है।