अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ़ की घोषणा कर दी है. ट्रंप के इस टैरिफ़ को ‘डिस्काउंटेड रेसिप्रोकल टैरिफ़’ का नाम दिया गया है. इसके साथ ही व्हाइट हाउस ने लगभग 100 देशों की सूची जारी की है, जिन पर ‘डिस्काउंटेड रेसिप्रोकल टैरिफ़’ लगाया गया है.
रेसिप्रोकल टैरिफ़ के तहत जिन देशों पर टैरिफ़ लगाया गया है, यह अमेरिका पर उन देशों के लगाए टैरिफ़ से आधा या लगभग आधे के बराबर है.
हालांकि, इस सूची में ऐसे देश भी हैं, जिन पर उतना ही टैरिफ़ लगाया गया है जितना उन्होंने अमेरिका पर लगाया है. इसके अलावा 10 फ़ीसदी का बेसलाइन टैरिफ़ भी लगाया गया है.
टैरिफ़ की घोषणा करते हुए अमेरिका राष्ट्रपति ने कहा, “आज लिबरेशन डे है, जिसका अमेरिका लंबे समय से इंतज़ार कर रहा था.”
उन्होंने कहा, “आज का दिन अमेरिकी उद्योग के पुनर्जन्म और अमेरिका के फिर से समृद्ध बनने के तौर पर याद किया जाएगा.”
ट्रंप ने अपने भाषण में कहा कि अमेरिका का फ़ायदा उठाया गया और उसे विदेशियों ने ‘लूट’ लिया है.
उन्होंने कहा, “हमारे टैक्स पेयर्स को 50 सालों से अधिक समय से ठगा जा रहा है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.”
डोनाल्ड ट्रंप ने यह टैरिफ़ एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर के जरिए लागू किया है. ट्रंप के ‘डिस्काउंटेड रेसिप्रोकल टैरिफ़’ को 10 प्वॉइंट्स में समझिए.
Goldman Sachs की चेतावनी: अमेरिकी में मंदी का खतरा
अमेरिकी इकॉनमी को लेकर Goldman Sachs ने चौंकाने वाली रिपोर्ट जारी की है. बैंक ने अगले 12 महीनों में मंदी (recession) की आशंका को 20% से बढ़ाकर 35% कर दिया है और 2025 के GDP ग्रोथ एस्टिमेट को घटाकर महज 1% कर दिया है.
नए आयात शुल्कों (tariffs) से व्यापार प्रभावित होगा, जिससे कंज्यूमर स्पेंडिंग और बिजनेस इन्वेस्टमेंट पर दबाव पड़ेगा. Goldman ने अपना इन्फ्लेशन एस्टिमेट भी बढ़ा दिया है, जिससे फेड की ब्याज दरें कम होने की उम्मीदें धुंधली हुई हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 के अंत तक अमेरिकी बेरोजगारी दर 4.5% तक पहुंच सकती है (अभी ~4%).
दुनिया के नेताओं की कैसी प्रतिक्रिया?
इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने अमेरिकी टैरिफ़ को ‘गलत’ बताया है और कहा है कि इससे व्यापार युद्ध छिड़ सकता है.
उन्होंने एक बयान में कहा, “हम अमेरिका के समझौता करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे़. इसका उद्देश्य उस व्यापार युद्ध को रोकना है जो पश्चिमी देशों को कमजोर करेगा.”
इस बीच ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने कहा कि टैरिफ़ ‘अप्रत्याशित नहीं’ हैं, लेकिन वे ‘पूरी तरह से अनुचित’ हैं.
उन्होंने कहा, “टैरिफ़ की घोषा का कोई तर्क नहीं है. ये ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के बीच साझेदारी के ख़िलाफ़ हैं.यह किसी दोस्त का काम नहीं है.”
फ्रांस ने भी भरी हुंकार
फ्रांस की सरकार ने कहा है कि यूरोपीय संघ (EU) अप्रैल के अंत तक अमेरिका के नए टैरिफ़ (आयात शुल्क) का जवाब देगा. फ्रांस की सरकारी प्रवक्ता सोफी प्राइमस ने बताया कि EU की प्रतिक्रिया दो चरणों में आएगी. मध्य अप्रैल तक स्टील और एल्युमिनियम पर लगे टैरिफ का जवाब दिया जाएगा. अप्रैल के अंत तक हर सेक्टर (उद्योग) को ध्यान में रखते हुए एक विस्तृत योजना बनाई जाएगी. प्राइमस ने कहा कि EU एकजुट होकर और मजबूती से अपना फैसला सुनाएगा.
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों 2 अप्रैल की दोपहर को EU प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन से बात करेंगे. यह वही दिन है जब ट्रंप के नए टैरिफ़ लागू होने वाले हैं. EU चाहता है कि इस मामले में सभी देश मिलकर एक साथ रणनीति बनाएं.
ब्रिटिश PM का ट्रंप टैरिफ़ पर रिएक्शन- हम तैयार हैं!
ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने बुधवार को संसद में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित किए जाने वाले नए टैरिफ (आयात शुल्क) पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने स्पष्ट किया कि ‘व्यापार युद्ध किसी के भी हित में नहीं है’, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि ब्रिटिश सरकार ‘हर संभावना के लिए तैयार’ है. स्टार्मर ने ‘प्रधानमंत्री प्रश्नकाल’ के दौरान कहा कि ब्रिटेन ‘जल्दबाज़ी में कोई प्रतिक्रिया नहीं देगा’ और इस मामले में ‘शांत दिमाग से काम लेगा’. उन्होंने स्वीकार किया कि ट्रंप की टैरिफ़ नीति से वैश्विक व्यापार प्रभावित हो सकता है, लेकिन ब्रिटेन अपने आर्थिक हितों की रक्षा करने के लिए तैयार है.
BREAKING: UK Prime Minister Keir Starmer moments ago to the UK Parliament, regarding Trump’s stupid trade war:
“We’ve been preparing for all eventualities ahead of US tariffs later today. Let me be clear with the House — A trade war is in nobody’s interest… Our decisions will… pic.twitter.com/4biHJKzBvy
— Ed Krassenstein (@EdKrassen) April 2, 2025
टैरिफ़ नीति के झटकों का भारत पर असर नहीं
भारत उन्नत और उभरते जी-20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा. हमारा घरेलू बाजार का बड़ा आकार देश को अमेरिकी टैरिफ़ नीति से पड़ने वाले संभावित झटकों के प्रति कम संवेदनशील बनाता है.
एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, भारत के 19 प्रतिशत मोडेस्ट एक्सटर्नल डेब्ट टू जीडीपी रेशो (जीडीपी अनुपात में अपेक्षाकृत मामूली बाह्य ऋण) और अमेरिकी बाजार पर निर्यात को लेकर कम निर्भरता (जीडीपी का मात्र 2 प्रतिशत) भारत को दुष्प्रभावों से मुकाबला करने में सक्षम बनाती हैं.
रेटिंग एजेंसी ने भारत में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 6.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है, जो 2024-25 में 6.7 प्रतिशत से कम है. उसने मुद्रास्फीति के औसतन 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया, जो गत वित्त वर्ष में 4.9 प्रतिशत थी. इससे आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए कम ब्याज दरों और अर्थव्यवस्था में अधिक लिक्विडिटी के साथ सॉफ्ट मनी पॉलिसी का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद है.
भारत पर कितना टैरिफ़
ट्रंप ने भारत पर 26 फ़ीसदी ‘डिस्काउंटेड रेसिप्रोकल टैरिफ़’ की घोषणा की है. व्हाइट हाउस के मुताबिक़, भारत अमेरिका पर 52 फ़ीसदी टैरिफ़ लगाता है.
टैरिफ़ की घोषणा करते हुए अमेरिका राष्ट्रपति ने भारत का भी ज़िक्र किया.
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री (मोदी) कुछ ही दिन पहले ही यहां से गए हैं और वो मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं, पर मैंने उनसे कहा कि आप मेरे दोस्त हैं लेकिन आप हमारे साथ सही नहीं कर रहे.”
ट्रंप ने कहा, “वे हमें 52 फ़ीसदी चार्ज कर रहे हैं. आप समझ रहे हैं.. इस लिहाज़ से हम उनसे लगभग ना के बराबर चार्ज कर रहे हैं…सालों और दशकों से.”
कब से लागू होगा टैरिफ़
विदेशों में निर्मित सभी ऑटोमोबाइल्स पर 25 फीसदी का टैरिफ़ लगाया गया है, जो कि अमेरिकी समयानुसार आज रात (बुधवार-गुरुवार की दरम्यानी रात) 12 बजकर एक मिनट से लागू हो जाएगा.
इसके अलावा, सभी देशों पर 10 फ़ीसदी का बेसलाइन टैरिफ़ अमेरिकी समयानुसार पांच अप्रैल रात 12 बजकर एक मिनट से लागू हो जाएगा.
जबकि 10 फ़ीसदी से अधिक टैरिफ़ अमेरिकी समयानुसार 9 अप्रैल रात 12 बजकर एक मिनट से लागू होगा.
शेयर बाज़ार पर असर
ट्रंप के ‘डिस्काउंटेड रेसिप्रोकल टैरिफ़’ से दुनिया भर में आर्थिक तौर पर उथल-पुथल मचने की आशंका जताई जा रही है.
टैरिफ़ की घोषणा के बाद एशिया-पैसिफ़िक देशों के शेयर बाज़ारों में गिरावट देखने को मिली है.
जापान के शेयर बाज़ार में चार फ़ीसदी की गिरावट दर्ज हुई है, जबकि ऑस्ट्रेलिया के शेयर बाज़ार में दो फ़ीसदी की गिरावट आई है.
उधर, ट्रंप के टैरिफ़ का असर सोने की कीमत पर भी देखने को मिला है. सोने की कीमत रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है.
10 फ़ीसदी का बेसलाइन टैरिफ़ किन देशों पर?
ट्रंप के भाषण से पहले व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने संवाददाताओं को बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप सभी देशों पर 10 फ़ीसदी का बेसलाइन टैरिफ़ लगाएंगे.
ट्रंप ने कुछ देशों मात्र बेसलाइन टैरिफ लगाया है, जबकि कुछ देशों पर इससे ज़्यादा टैरिफ़ लगाया गया है.
बेसलाइन टैरिफ़ का सामना करने वाले कुछ देश:
ब्रिटेन, सिंगापुर, ब्राज़ील, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, तुर्की, कोलंबिया, अर्जेंटीना, अल सेल्वाडोर, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), सऊदी अरब
सबसे ज़्यादा टैरिफ़ किन पर?
व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने बताया कि अमेरिका लगभग 60 देशों पर स्पेसिफ़िक रेसिप्रोकल टैरिफ़ लगाएगा. यानी इन देशों पर सबसे अधिक टैरिफ़ लगाया गया है.
स्पेसिफ़िक रेसिप्रोकल टैरिफ़ का सामना करने वाले कुछ देश:
- यूरोपीय संघ (20%)
- चीन (34%)
- वियतनाम (46%)
- थाईलैंड (36%)
- जापान (24%)
- कोलंबिया (49%)
- दक्षिण अफ़्रीका (30%)
- ताइवान (32%)
कनाडा और मेक्सिको को राहत दी
इन नई टैरिफ़ घोषणाओं में कनाडा और मेक्सिको का उल्लेख नहीं है.
व्हाइट हाउस ने कहा कि वे इन दोनों देशों के साथ पिछले आदेशों में निर्धारित किए गए ढांचे के तहत ही काम करेंगे.
उन आदेशों में कनाडा और मेक्सिको पर फेंटानिल और सरहद से जुड़े मुद्दों को वजह बताते हुए शुल्क लगाया गया था.
ट्रंप ने तब दोनों देशों पर 25% टैरिफ़ का एलान किया था लेकिन बाद में इसे कम किया था.
ट्रंप कनाडा और मेक्सिको पर शुल्क रोकने के लिए सहमत हुए.
ऑटो आयात पर 25% टैरिफ़
इसके अलावा, राष्ट्रपति ने घोषणा की कि अमेरिका विदेशों में निर्मित गाड़ियों पर 25% टैरिफ़ लगा रहा है.
ये शुल्क लगभग तुरंत, तीन अप्रैल की आधी रात को लागू हो जाएंगे.
ट्रंप की इस घोषणा का सबसे बड़ा अमेरिकी कारों पर ही पड़ने वाला है. अमेरिका बड़ी संख्या में कारें आयात करता है और अब उनकी क़ीमत बड़ जाएगी.
अमेरिका में महंगी होंगी ये चीज़े
टैरिफ़ की घोषणा का सबसे बड़ा कारों पर पड़ेगा. एक अनुमान के मुताबिक कई कारें 4,000 से 10,000 डॉलर तक महंगी हो जाएंगी.
अमेरिका में अब बीयर, व्हिस्की और टक़िला जैसे ड्रिंक्स भी महंगे हो जाएंगे. मेक्सिको से आने वाली मोडेलो और कोरोना जैसे बीयर के ब्रैंड अब अमेरिका में महंगे हो जाएंगे.
ट्रंप ने यूरोपीय संघ से आने वाली शराब पर भी 200 फ़ीसदी टैरिफ़ लगाया है. इसकी वजह शैंपेन या जर्मन बीयर वगैहरा महंगे जाएंगे.
इसके अलावा ईंधन, मेपस सिरप, एवोकाडो आदि भी अब अमेरिका में महंगे बिकेंगे.
अमेरिका की चेतावनी पलटवार करने के बारे में न सोचें
अमेरिका ट्रेज़री सैक्रेटरी स्कॉट वेसेंट ने चेतावनी दी है कि टैरिफ़ के जवाब में कोई देश अमेरिका पर शुल्क की घोषणा ने करे.
अमेरिकी न्यूज़ चैनल फॉक्स न्यूज़ को बेसेंट ने बताया, “सारे देशों को मेरी सलाह है कि वो पलटवार न करें. आराम से बैठें, देखते हैं आगे क्या होता है. लेकिन अगर आपने पलटवार किया तो ये बात बढ़ जाएगी.”