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Friday, July 4, 2025

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डैनी डेन्जोंगपा (Danny Denzongpa) बॉलीवुड के अभिनय से लेकर बियर बिज़नेस तक

डैनी डेन्जोंगपा (Danny Denzongpa) को भारत के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म श्री से 2003 में सम्मानित किया गया था।

डैनी डेन्जोंगपा (Danny Denzongpa) भारतीय फिल्म जगत के मशहूर अभिनेता, पार्श्व गायक और फिल्म निर्देशक भी हैं डैनी ने अपने ५० साल से अधिक के फ़िल्मी जीवन में २०० से ज्यादा फिल्मों में काम किया है जिनमें मुख्य रूप से हिंदी, बंगाली, नेपाली, तेलुगु और तमिल भाषा की फ़िल्में शामिल हैं, करीब ५ दशक पहले डैनी डेन्जोंगपा ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 1971 में फिल्म ‘मेरे अपने’ बतौर अभिनेता की थी.

डैनी डेन्जोंगपा (Danny Denzongpa) को भारत के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान ‘पद्म श्री’ से 2003 में सम्मानित किया गया था।

डैनी डेन्जोंगपा (Danny Denzongpa) फिल्म जगत के उन महान कलाकारों में से एक हैं जिनकी शैली स्वाभाविक है. उनके अभिनय में वास्तविकता झलकती है.

डैनी (Danny Denzongpa) अपनी खलनायक छवि के लिए जानेजाते है,. जब फिल्म में हीरो के सामने खलनायक डैनी (Danny Denzongpa) होते है तो परदे के सामने बैठे दर्शक हीरो की क्षमता को संशय की नज़रों से देखते हैं और उस पर दया का भाव रखते है, ऐसी है फिल्म जगत के खलनायक डैनी डेन्जोंगपा (Danny Denzongpa) की छवि.

हिन्‍दी सिनेमा के महान खलनायकों में से एक डैनी डेन्जोंगपा (Danny Denzongpa) सफल अभिनेता होने के साथ ही एक सफल बिजनेसमैन भी है.

डैनी (Danny Denzongpa) भारत की तीसरी सबसे बड़ी बीयर कंपनी युक्सोम ब्रुअरीज (Yuksom Breweries, Sikkim, India) के मालिक हैं.

25 फरवरी 1948 को सिक्किम में जन्‍में डैनी (Danny Denzongpa) ने हिंदी के साथ नेपाली, तमिल, तेलुगु और हॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया है.

किंगफिशर बीयर के मालिक विजय माल्‍या भी एक बीयर कंपनी का अधिग्रहण कर नार्थ-ईस्‍ट में पैर पसारना चाहते थे. लेकिन, डैनी (Danny Denzongpa) ने माल्‍या से पहले ही उस कंपनी का अधिग्रहण कर माल्‍या की योजना पर पानी फेर दिया.

डैनी (Danny Denzongpa) ने युक्‍सोम ब्रुअरीज की स्‍थापना 1987 में की थी. आज इस ब्रुअरीज की क्षमता 300,000 हेक्‍टोलीटर सालाना है. साल 2006 में युक्‍सोम ब्रअरीज लिमिटेड ने ओडिशा में डेंनजोंग ब्रुअरीज की स्‍थापना की. इसकी क्षमता 2 लाख हेक्‍टोलीटर सालाना है. साल 2009 में युक्‍सोम ने आसाम में रहिनो एजेंसीज का अधिग्रहण कर लिया. इस ब्रुअरीज में सालाना 1,80000 हेक्‍टोलीटर बीअर बनाई जाती है.

डैनी डेन्जोंगपा (Danny Denzongpa) की युक्‍सोम ब्रुअरीज लिमिटेड भारत की तीसरी सबसे बड़ी बियर निर्माता कंपनी है. युक्‍सोम अपनी सब्सिडियरी कंपनियों के साथ मिलकर सालाना 680,000 हेक्‍टोलीटर बियर का उत्‍पादन करती है. युक्‍सोम के कुछ प्रमुख ब्रांडों में हिट, ही-मैन 9000 (HE-MAN 9000) और डेंनसबर्ग 16000 (DANSBERG 16000) शामिल हैं.

डैनी (Danny Denzongpa) ने फिल्मी करियर की शुरुआत 1971 में आई फिल्म ‘मेरे अपने’ से की थी. 1973 में उन्होंने बी आर चोपड़ा की फिल्म ‘धुंध’ में पहली बार नेगेटिव किरदार निभा कर सुर्खियां बटोरी.

हॉलीवुड एक्टर ब्रैड पिट के साथ 2003 में उनके द्वारा अभिनीत फिल्म ‘सेवन ईयर्स इन तिब्बत’ को बहुत सराहा गया. डैनी (Danny Denzongpa) को 2003 में पद्मश्री से नवाजा गया.

डैनी (Danny Denzongpa) को ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘शोले’ में गब्बर सिंह का रोल ऑफर हुआ था. लेकिन उन्होंने इस रोल को करने से मना कर दिया था.

शोले के डायरेक्टर रमेश सिप्पी ने जब फिल्म ऑफर की तब वे ‘धर्मात्मा’ फिल्म के लिए फिरोज खान को हां कह चुके थे. फिरोज खान ने अफगानिस्तान में शूटिंग की परमिशन भी ले ली थी. लिहाजा शूटिंग टाली नहीं जा सकती थी. तो मजबूरी में डैनी (Danny Denzongpa) को डेट्स की कमी के कारण गब्बर के रोल को ना कहना पड़ा.

सिक्किम के युकसोम में नेपाली भाषी भूटिया परिवार में जन्मे शेरिंग फिंटसो डेन्जोंगपा (Tshering Phintso Denzongpa) ने अपनी स्कूली शिक्षा बिरला विद्या मंदिर , नैनीताल से की और उसके बाद 1964 में सेंट जोसेफ कॉलेज, दार्जिलिंग से कॉलेज की पढ़ाई पूरी की.

उनकी भारतीय सेना में शामिल होने की महत्वाकांक्षा थी और उन्होंने पश्चिम बंगाल से सर्वश्रेष्ठ कैडेट का पुरस्कार जीता और गणतंत्र दिवस परेड में भाग लिया था।

एक बार एक अखबार को दिए साक्षात्कार में, Danny Denzongpa कहा था कि उन्होंने सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज , पुणे के लिए अर्हता प्राप्त की थी , लेकिन फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII), पुणे में शामिल होने के लिए प्रवेश वापस ले लिया था.

FTII में शेरिंग फिंटसो डेन्जोंगपा ((Danny Denzongpa)) ने अपनी तत्कालीन सहपाठी जया भादुड़ी की सिफारिश पर अपना नाम बदलकर एक सरल लगने वाला “डैनी” रखने का फैसला किया , क्योंकि उनका मूल नाम छेरिंग फिंटसो डेन्जोंगपा कुछ लोगों के लिए उच्चारण करना मुश्किल माना जाता था.

 

 

कमलेश पाण्डेय
अनौपचारिक एवं औपचारिक लेखन के क्षेत्र में सक्रिय, तथा समसामयिक पहलुओं, पर्यावरण, भारतीयता, धार्मिकता, यात्रा और सामाजिक जीवन तथा समस्त जीव-जंतुओं पर अपने विचार व्यक्त करना।

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