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Saturday, July 5, 2025

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तुर्की की शहद में मिलावट विश्व के लिए कितनी खतरनाक?

प्राकृतिक शहद बनाने के लिए मधुमक्खियां (Bees) सम्मिलित रूप से जी-तोड़ मेहनत करके शहद बनाती हैं। तुर्की जैसे आर्थिक रूप से अस्थिर एवं अराजकता की मार झेल रहे इस्लामिक देश में मधुमक्खियां (Bees) के स्थान पर इंसान सम्मिलित रूप से मेहनत करके नकली शहद बनाकर (Adulterated Honey Production in Turkiye) विश्व को निर्यात भी कर रहे हैं।

तुर्की में शहद के साथ हो रही मिलावट या फिर नकली शहद उत्पादन के बड़ा रूप लेने के कारण प्राकृतिक शहद बेचने वाले उत्पादक भी परेशान हैं. उनकी चिंता है कि इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में तुर्की से आने वाले शहद की साख पर असर पड़ रहा है.

शहद (Honey) मधुमक्खियों द्वारा पौधों के पुष्पों में स्थित मकरन्दकोशों से स्रावित मधुरस से तैयार किया जाता है और आहार के रूप में मौनगृह में संग्रह किया जाता है। फूलों के रस से बनाया गया यह एक मीठा, चिपचिपा, और सुगंधित पदार्थ है. यह एक प्राकृतिक स्वीटनर है। शहद का इस्तेमाल भोजन में और औषधि के रूप में भी किया जाता है।

तुर्की में नकली शहद का उत्पादन

रेपोर्ट्स के अनुसार, 2023 में चीन ने 4,63,500 मीट्रिक टन से ज्यादा शहद का उत्पादन किया, जबकि दूसरे नंबर पर तुर्की में इसका सालाना उत्पादन 1,15,000 टन रहा। विशाल मात्रा में उत्पादन के कारण शहद के वैश्विक बाजार में तुर्की बड़ा खिलाड़ी है, लेकिन अब वहां से निर्यात हो रहे मिलावटी शहद (Adulterated Honey) लेकर विश्वभर नागरिक सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ रही है।

तुर्की से निर्यात होने वाले शहद के सबसे बड़े खरीदार अमेरिका और जर्मनी हैं। और तुर्की से निर्यात होने वाली शहद में  बड़ी मात्रा मिलावटी होने की आशंका जताई जा रही है। अपुष्ट खबरों के मुताबिक, तुर्की से निर्यात हो रहे शहद में चीनी की चाशनी समेत कई सामग्रियों की मिलावट की जा रही है, स्वस्थ को प्रभावित कर सकते हैं। जर्मनी में पिछले कुछ  महीनों में बड़ी मात्रा में मिलावटी शहद (Adulterated Honey) जब्त किया था।

“शहद की मान्य परिभाषा कहती है कि यह “वो प्राकृतिक मीठा तत्व है, जिसका उत्पादन शहद बनाने वाली मक्खियां पौधों के नेक्टर या पौधों के जीवित हिस्सों से होने वाले रिसाव या पौधों के जीवित हिस्सों को चूसने वाले कीड़ों से होने वाले स्राव से करती हैं.” इसे मधुमक्खियां इकट्ठा करती हैं, सुखाती हैं, जमा करती हैं और पकने के लिए इसे अपने छत्ते में जमा करती हैं. अगर शहद में चीनी या ऐसे पदार्थों की मिलावट है, तो वो शहद नहीं है.”

शहद में इन चीजों की मिलावट

पहले भी तुर्की की स्थानीय मीडिया में मिलावटी शहद की खबरें आती रही हैं. जैसे, नवंबर 2024 में ‘तुर्कीये टुडे’ ने एक खबर में बताया कि कृषि और बागवानी मंत्रालय ने अपनी जांच में दो चिर-परिचित ब्रैंडों के शहद में मिलावट (Adulterated Honey) और नकली पाई गई। कई जाने माने तुर्की  के उत्पादक और ब्रैंड नकली-मिलावटी शहद  बेचने के दोषी पाए गए हैं.

‘तुर्कीये टुडे’ ने अपनी खबर में बताया कि तुर्की में लंबे समय से नकली शहद की दिक्कत रही है. इसके मद्देनजर मंत्रालय की ओर से बढ़ाई गई सतर्कता और जांच से पता चला कि कंपनियां असली शहद की नकल के लिए गलत व भ्रामक तौर-तरीकों का इस्तेमाल करती हैं। नकली या मिलावटी शहद (Adulterated Honey) सेहत के लिए नुकसानदेह होता है.

नकली और मिलावटी शहद आमतौर पर अपने रूप, रंग और स्वाद में कुदरती शहद जैसे होते हैं. इनमें शुगर/फ्रूक्टोज/कॉर्न सिरप, कृत्रिम रंग-फ्लेवर मिला दिया जाता है. ऐसे मिलावटी उत्पादों को कानूनन शहद के तौर पर नहीं बेचा जा सकता है.

तुर्की में शहद में मिलावट से साख में कमी

तुर्की में शहद के साथ हो रही मिलावट या फिर नकली शहद उत्पादन के बड़ा रूप लेने के कारण प्राकृतिक शहद बेचने वाले उत्पादक भी परेशान हैं. उनकी चिंता है कि इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में तुर्की से आने वाले शहद की साख पर असर पड़ रहा है.

तुर्की के बाजार में भी लोगों को नकली-मिलावटी शहद की सेंधमारी से आगाह करने की कोशिश की जा रही है. इसके तहत स्थानीय मीडिया के साथ-साथ शैक्षणिक संस्थान भी लोगों को नकली शहद की पहचान के तरीके बता रहे हैं।  इस्तांबुल स्थित येदितेपे यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर एक लेख में बताया गया, “तुर्की के फूड सेक्टर में नकली-मिलावटी खाद्य सामग्रियां बड़ी समस्या हैं, इनमें शहद भी शामिल है.” लेख में नकली या मिलावटी शहद से सेहत को होने वाले नुकसान के प्रति भी आगाह किया गया है साथ ही, यह भी सलाह दी गई है कि नकली और असली इतने एक जैसे होते हैं कि देखकर या सूंघकर पहचान नहीं की जा सकती और इसके लिए में लैब में गुणवत्ता की जांच करवाना बेहतर तरीका है.

कुछ लॉनगों के अनुसार, आम ग्राहक के लिए गुणवत्ता की जांच लैब में करवाने का संदेश, सरकार की तरफ से एक मूर्खतापूर्ण संदेश हैं और सरकार शहद के मिलावट पर उचित कार्यवाही नहीं कर रही है।

तुर्की पिछले कुछ दशक पहले तक, विश्व में एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था हुआ करती थी, लेकिन सरकारी की कट्टरपंथी नीतियों के कारण पर्यटन उद्योग से लेकर अन्य विदेशी निवेश पर भी असर पड़ा है। इस समय तुर्की में बेरोजगारी और मुद्रास्फीति (Unemployment and inflation in Türkiye) अपने चरम पर है।

विश्व में शहद (Honey) का उत्पादन

वैश्विक शहद बाज़ार लगातार बढ़ रहा है. साल 2023 में इस बाज़ार का राजस्व 9.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर था. साल 2033 तक इस बाज़ार का राजस्व 15.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है

स्विटजरलैंड और जर्मनी में प्रति व्यक्ति प्रतिवर्ष शहद की खपत 1.5 kg. से अधिक, अमेरिका में 1 Kg तथा फ्रांस, इंग्लैंड, जापान, इटली में 250-500 gm ग्राम प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष के लगभग होती है।

भारत में शहद अभी भी औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है तथा ऊर्जा दायक आहार के रूप में इसका प्रचलन नहीं हैं। भारत में प्रति व्यक्ति प्रतिवर्ष शहद की खपत लगभग २५ ग्राम होती है।

साल 2020 में, शहद का वैश्विक उत्पादन लगभग 1.8 मिलियन टन था, जिसमें सबसे शहद मे चीन ने किया था, जो  विश्व के कुल उत्पादन का 26% हिस्सा था। और तुर्की विश्व में दूसरे नंबर का सबसे अधिक शहद उत्पादन करने वाला देश था अन्य प्रमुख उत्पादक देशों में ईरान, अर्जेंटीना और यूक्रेन और अमेरिका भी हैं।

शहद (Honey) के तत्व क्या है?

शहद मुख्यतः ग्लूकोज़ लगभग (31%) और एकलशर्करा फ्रक्टोज लगभग (38.5%) एवं अन्य यौगिकों का मिश्रण होता है इसका प्रयोग मुखतः पौष्टिक भोज्य पदार्थ एवं औषधि रूप में भी होता है। शहद में ग्लूकोज व अन्य शर्कराएं तथा विटामिन, खनिज और अमीनो अम्ल भी पाए जाते हैं। शहद के गुणकारी, पौष्टिक, औषधीय एवं चिकित्सीय तत्व प्राचीन समय में, कई प्रकार की रोग-चिकित्सा में भी उपयोग होता था। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में शहद का प्रयोग, घाव को ठीक करने और उतकों के बढ़ने के उपचार में भी करते हैं। प्राचीन काल से ही शहद को एक जीवाणु-रोधी (Antibacterial) के रूप में जाना जाता रहा है।

शहद में मुख्य रूप से लौह, तांबा और मैंगनीज जैसे तत्व पाए जाते हैं जो की पौष्टिक आहार का महत्वपूर्ण हिस्सा माने जाते हैं।

प्राकृतिक या कुदरती शहद ही शुद्ध होता है, उसमें किसी तरह का एडिटिव नहीं होता है। बाजार में बेचने से पहले  मधुमक्खी के छत्तों से निकाले गए शहद की सफाई की जाती है, ताकि उसमें मोम या कोई गंदगी ना रहे और फिर उसको छान कर ग्राहकों के लिए उपलब्ध कराया जाता है।

पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों जैसे, होम रेमेडीज या आयुर्वेद में शहद को वैकल्पिक उपचार के तौर पर प्रयोग में लाया जाता है। शहद एक हाइपरस्मॉटिक एजेंट (Hyperosmotic Agents) होता है जो घाव से तरल पदार्थ निकाल देता है और शीघ्र उसकी भरपाई भी करता है और उस जगह के हानिकारक जीवाणु (Harmful bacteria) भी मर जाते हैं।  शुद्ध शहद को जब इसको सीधे घाव में लगाया जाता है तो यह सीलैंट की तरह कार्य करता है और ऐसे में घाव संक्रमण से बचा रहता है।

अंतरराष्ट्रीय तौर पर शहद की मान्य परिभाषा कहती है कि यह “वो प्राकृतिक मीठा तत्व है, जिसका उत्पादन शहद बनाने वाली मक्खियां पौधों के नेक्टर या पौधों के जीवित हिस्सों से होने वाले रिसाव या पौधों के जीवित हिस्सों को चूसने वाले कीड़ों से होने वाले स्राव से करती हैं.” इसे मधुमक्खियां इकट्ठा करती हैं, सुखाती हैं, जमा करती हैं और पकने के लिए इसे अपने छत्ते में जमा करती हैं. अगर शहद में चीनी या ऐसे पदार्थों की मिलावट है, तो वो शहद नहीं है.

शहद का उपयोग क्या है?

घरेलू उपचार और आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में शहद का प्रयोग कई प्रकार से किया जाता है,

विशेष निवेदन: शहद के उपयोग से पूर्व इसके संबंध में विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह लेना आवश्यक है। बिना विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह के शहद का सेवन किसी भी रूप में (बाहरी या खाने के लिए) न करें। 

खांसी से आराम

नेचुरल शहद खांसी से आराम दिलाने की असरदार घरेलू दवा है। इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण संक्रमण को बढ़ने से रोकते हैं। साथ ही यह कफ को पतला करता है। जिससे कफ आसानी से बाहर निकल जाता है। इसलिए जो लोग सूखी खांसी से परेशान रहते हैं उन्हें शहद का सेवन करना चाहिए।

कटने या जलने पर लाभदायक

त्वचा के कटने-छिलने या जल जाने पर नेचुरल शहद का उपयोग करना बहुत लाभकारी होता है। शहद में मौजूद एंटीसेप्टिक गुण जले हुए हिस्से को जल्दी ठीक करते हैं और त्वचा को संक्रमण से भी बचाते हैं।

वजन कम करने में सहायक

जो लोग बढ़ते वजन या मोटापे से परेशान हैं। उन्हें शहद का सेवन करना चाहिए। क्योंकि यह वजन कम करने में मदद (helpful in weight loss )करता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शहद में वसा बिल्कुल भी नहीं होता है। इसलिए यह वजन को नियंत्रित रखने के साथ-साथ शरीर के कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी कम करता है। इसलिए नियमित रूप से शहद का सेवन किया जा सकता है।

प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाता है

नेचुरल शहद में ज़रुरी एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा काफी ज्यादा होती है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। जिसके बाद इम्यूनिटी पावर मजबूत होने से कई तरह की संक्रामक बीमारियों से बचाव होता है।

घाव भरने में मदद करता है

शहद में मौजूद तत्वों फ्लेवोनॉयड, फेनोलिक एसिड और लैसोजाइम में एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। जो सूजन को रोकते हैं और क्षतिग्रस्त ऊतकों और कोशिकाओं की मरम्मत करते हैं। इन्हीं गुणों की वजह से यह घाव को जल्दी ठीक करने में मदद करता है।

गले की खराश को दूर करता है

इस शहद के फायदों में गले की खराश को दूर करना भी शामिल है। यह खांसी और सर्दी-जुकाम से आराम दिलाने के साथ ही गला बैठने और गले की खराश में भी आराम दिलाता है।

कब्ज़ से राहत

शहद शरीर में फ्रक्टोज के अवशोषण को कम करता है। इस वजह से इसका उपयोग कब्ज़ को दूर करने में भी किया जाता है। शहद कब्ज़ से आराम दिलाने के अलावा पेट फूलने और गैस की समस्या से भी आराम दिलाता है।

मांसपेशियों (Masculine strength) को मजबूत बनाता हैं

शहद का सेवन पुरुषों में मर्दाना ताकत बढ़ाने का भी काम करता है। दूध के साथ शहद का सेवन पुरुषों के शुक्राणु की मात्रा को बढ़ता है और मांसपेशियों (Masculine strength) को मजबूत बनाता हैं, रात को एक गिलास हल्के गर्म दूध में करीब दो स्पून शहद डालकर पीना लाभदायक होता है और इससे टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की बढ़ोतरी भी होती है।

त्वचा के लिए फायदेमंद

शहद त्वचा में निखार लाने में भी मदद करता है। क्योंकि शहद में ऐसे गुण मौजूद होते हैं जो त्वचा की नमी को बरकरार रखने में मदद करते हैं। जिन लोगों की त्वचा बहुत रूखी होती है, उन्हें त्वचा की नमी बनाए रखने के लिए इस शहद का इस्तेमाल करना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि त्वचा में निखार लाने के लिए इसे खाने की बजाय त्वचा पर लगाया जाता है।

बालों के लिए फायदेमंद

शहद के उपयोग से बालों की सुन्दरता बढ़ती है और उनके रूखेपन में कमी आती है। शहद में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण बालों के लिए फायदेमंद होते हैं। यह फ्री रेडिकल को हटाते हैं और ज्यादा देर तक धूप में रहने से या किसी हानिकारक केमिकल से बालों को होने वाले नुकसान से भी बचाते हैं। इस रूप में शहद से बालों को सही पोषण मिलता है। इसलिए बालों के लिए शहद को हेयर मास्क के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है।

शहद के नुकसान क्या हैं?

अधिक मात्रा में या गलत चीजों के साथ शहद मिलाकर खाया जाए। तो शहद के नुकसान हो सकते हैं जैसे,

अधिक मात्रा में सेवन करने से बचें

औषधि के रूप में या त्वचा के लिए चिकित्सक द्वारा बताए खुराक के अनुसार ही शहद का सेवन और उपयोग करें। अधिक मात्रा में सेवन करने से शहद के साइड इफ़ेक्ट हो सकते हैं और इससे उल्टी-मितली आना और कुछ मामलों में डायरिया की शिकायत भी हो सकती है।

एक साल से कम उम्र के बच्चे को न खिलाएं शहद

आधुनिक चिकित्सा पद्धति में ऐसा माना गया है कि एक साल से कम उम्र के बच्चों को शहद नहीं खिलाना चाहिए। इससे बच्चों में बोटुलिज़्म (Botulism) का खतरा हो सकता है। इसलिए एक साल से कम उम्र के बच्चे को शहद खिलाने के लिए डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें। इसी तरह छोटे बच्चों की त्वचा पर भी शहद लगाने से परहेज करना चाहिए।

पराग कणों से एलर्जी वाले लोग करें परहेज

यदि किसी को पराग कणों से एलर्जी (pollen allergy) है। तो उसे शहद के सेवन या उपयोग से परहेज करना चाहिए। शोध के अनुसार जिन लोगों को पराग कणों से एलर्जी होती है। अगर वह शहद का उपयोग करते हैं, तो उनकी एलर्जी और बढ़ सकती है।

संवेदनशील त्वचा वाले लोग करें परहेज

बहुत संवेदनशील त्वचा वाले लोग सीधे तौर पर शहद न लगाएं। बल्कि शहद में गुलाब जल या दूध मिलाकर उसे पतला कर लें और फिर उसे त्वचा पर लगाएं। क्योंकि दूध और शहद का मिश्रण त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है।

भारत शहद का बड़ा बाजार

पिछले कुछ सालों में भारत भी सबसे ज्यादा शहद उत्पादन करने वाले शीर्ष की लिस्ट में शामिल हो गया है और इसके उत्पादन और गुणवत्ता लिए भारत सरकार विशेष ध्यान भी देती है । प्रधानमंत्री मोदी ने साल 2000 में, देश में नेशनल बी बोर्ड (National Bee Board) का गठन भी कर दिया था।

इसके गठन का उदेश्य मधुमक्खीपालन में वैज्ञानिक पद्धतियों को बढ़ावा देना, पोलिनेशन के माध्यम से फसलों का उत्पादन बढ़ाना और मधुमक्खीपालकों व किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए शहद उत्पादन में वृद्धि करना है।

कृषि मंत्रालय के अनुसार,  भारत में जितना भी शहद का उत्पादन होता है, उसका करीब 50 फीसदी हिस्सा अमेरिका, सऊदी अरब, यूएई, बांग्लादेश और कनाडा  जैसे देशों को निर्यात किया जाता है।

 

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