दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति यून सुक-योल को उनके आवास पर गिरफ़्तार करने पहुंची पुलिस टीम उन तक पहुंच नहीं पा रही है.
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल के समर्थक बड़ी संख्या में इस गिरफ़्तारी का विरोध करने के लिए जुटे हुए हैं.
प्रेसिडेंशियल सिक्योरिटी फोर्स, पुलिस को राष्ट्रपति यून तक पहुंचने से रोक रही है.
दरअसल यून ने 3 दिसंबर की रात अचानक से मार्शल लॉ की घोषणा कर दी थी. इसका देश भर में खूब विरोध हुआ.
राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाया गया और फिर उनके ख़िलाफ़ इस हफ्ते की शुरुआत में गिरफ़्तारी वारंट जारी हुआ.
यून को राष्ट्रपति की शक्तियों का दुरुपयोग और विद्रोह को उकसाने के मामले में जांच कर रहे अधिकारियों के सामने पेश होने के लिए समन भेजा गया था. लेकिन उन्होंने इसका जवाब देने से इनकार कर दिया.
अब करीब 20 पुलिस अधिकारियों की टीम यून सुक-योल को गिरफ़्तार करने उनके घर पहुंची है.
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति के वकील का कहना है कि वो इस “गैरक़ानूनी गिरफ़्तारी वारंट” को चुनौती देंगे.
14 दिसंबर को सांसदों ने उन पर महाभियोग चलाने के लिए मतदान किया था. इसके बाद यून को उनके कर्तव्यों से निलंबित कर दिया गया.
लेकिन उन्हें देश की संवैधानिक अदालत के फ़ैसले के बाद ही पद से हटाया जा सकता है.
इस बीच उत्तर कोरिया की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई है. वहां के सरकारी मीडिया ने कहा है कि दक्षिण कोरिया में ‘राजनीतिक अराजकता’ की स्थिति बनी हुई है.