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Friday, July 4, 2025

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दुलारी देवी की बनाई साड़ी पहनकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया बजट

दुलारी देवी: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार आठवां बजट पेश कर एक रिकॉर्ड कायम कर दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट के दिन अपने पहनावे को बाकी दिन से अलग रखती हैं। हर बार की तरह इस बार भी उनके उनके पहनावे को लेकर चर्चा रही।

इस बार बजट पेश करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रीम कलर की साड़ी पहनी है, जिस पर मधुबनी आर्ट बना हुआ है। रिपोर्ट्स के अनुसार ये साड़ी बिहार की दुलारी देवी ने मधुबनी आर्ट या ‘मिथिला कला’ से निर्मला सीतारमण जी के लिए राज्य की कला से अवगत करवाने के लिए बनाई थी और जिससे की उनके राज्य की कला का विकास हो सके।

आखिर कौन हैं दुलारी देवी जिनकी दी हुई साड़ी वित्त मंत्री ने इतने खास मौके पर पहनी है, आइये जानते हैं।

कौन हैं दुलारी देवी ?

दुलारी देवी एक भारतीय कलाकार और चित्रकार हैं, जो मिथिला कला परंपरा में काम करती हैं। 2021 में, उन्हें कला में उनके योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले नागरिक सम्मान पद्म श्री से सम्मानित किया गया। दुलारी देवी बिहार के मधुबनी जिले के रांटी गांव की रहने वाली हैं। उनका जन्म 1968 में मछुआरा जाति में हुआ था। बचपन में उन्हें पढ़ने-लिखने का मौका नहीं मिला और मात्र 12 साल की कम उम्र में ही उनकी शादी हो गई। कम उम्र में उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया, लेकिन वो जिंदा नहीं बची। समाज और पति के ताने इतने बढ़े कि उन्हें 16 साल की उम्र में अपनी शादी से अलग होने का कदम उठाना पड़ा।

कैसे बदली दुलारी देवी की जिंदगी?

दुलारी देवी खेतों में मजदूरी और लोगों के घर झाड़ू-बर्तन करके अपनी जिंदगी जी रहीं थीं। उनके जीवन में एक बड़ा बदलाव तब आया जब दुलारी देवी की मुलाक़ात प्रख्यात मधुबनी पेंटिंग कलाकार कर्पूरी देवी से हुई। बस उसी दिन से दुलारी देवी ने कला की दुनिया में कदम रखा। उन्होंने मधुबनी पेंटिंग बनाने की शुरुआत की और तब से ये सिलसिला जारी है। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने भी दुलारी देवी की तारीफ की थी। साल 2012-13 में दुलारी देवी को कला के क्षेत्र में राज्य पुरस्कार से भी सम्मानित किया था।

दुलारी देवी का प्रेरणा भरा सफर

दुलारी देवी का जीवन संघर्षों से भरा रहा। बचपन में उनके पास कागज और कलम नहीं थे, इसलिए वे जमीन पर लकड़ी से चित्र बनाती थीं। धीरे-धीरे उनकी कला निखरती गई और वे एक प्रसिद्ध कलाकार बन गईं। उन्हें शब्दों की पहचान नहीं थी, लेकिन रंगों की गहरी समझ थी। उनकी कला शैली मिथिला पेंटिंग की ‘कचनी शैली’ से मिलती है।

दुलारी देवी की कला

दुलारी देवी ने अपनी पेंटिंग्स के माध्यम से बाल विवाह, एड्स और भ्रूण हत्या जैसे सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता फैलाई है। उनकी कला में एक संदेश होता है, जो लोगों को सोचने और बदलाव के लिए प्रेरित करता है।

दुलारी देवी को पद्म श्री सम्मान

दुलारी देवी की कला को दुनिया भर में सराहा गया है। उन्होंने मधुबनी कला को एक नई पहचान दी है। उनकी कला की सभी खूबियों को देखते हुए, 2021 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री सम्मान से सम्मानित किया।

कब भेंट की वित्त मंत्री को साड़ी?

दुलारी देवी ने मधुबनी पेंटिंग के साथ-साथ साड़ी पर भी अपनी कला को खूबसूरती से उकेरा है। जब वित्त मंत्री ने मिथिला आर्ट इंस्टीट्यूट में क्रेडिट आउटरीच गतिविधि के लिए मधुबनी जिले का दौरा किया, तब उनकी मुलाकात दुलारी देवी से हुई थी। तभी, दुलारी देवी ने अपने हाथ से तैयार साड़ी उन्हें दी और बजट के दिन पहनने की पेशकश की। इस साड़ी को बजट के दिन पहनकर वित्त मंत्री ने कला का सम्मान किया।

क्या है मधुबनी आर्ट?

मधुबनी आर्ट जिसे ‘मिथिला कला’ के नाम से भी जाना जाता है, बिहार के मिथिला क्षेत्र की पारंपरिक लोक कला है। यह चमकीले रंगों और जटिल डिजाइनों से भरी होती है। मधुबनी आर्ट में सांकेतिक कमल के पौधे, बांस के जंगल, मछली और पक्षी बनाए जाते हैं। मधुबनी आर्ट की विशेषताएं,

  • मधुबनी आर्ट में चमकीले और जीवंत रंगों का उपयोग किया जाता है।
  • मधुबनी आर्ट में जटिल और बारीक डिजाइन बनाए जाते हैं।
  • मधुबनी आर्ट में प्रतीकों और संकेतों का उपयोग किया जाता है।
  • मधुबनी आर्ट में लोक कथाओं और धार्मिक कहानियों का चित्रण किया जाता है।

बजट सत्र के प्रथम दिन दुलारी देवी की बनाई साड़ी पहनकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट पेश करना, दुलारी देवी, मधुबनी आर्ट या ‘मिथिला कला’ के लिए एक उत्साह वर्धन के साथ साथ उन हजारों अ-नाम कलाकारों को सम्मान है जो अपनी कला में निपुण होते हुए भी कभी रोशनी में नहीं आपाते या आना नहीं चाहते हैं।

 

 

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