भारतीय राजनीति के एक प्रमुख स्तंभ, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) का 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
आइए उनके जीवन से जुड़े कई अनजाने पहलुओं पर नज़र डालते हैं:
- मनमोहन सिंह का जन्म ब्रिटिश भारत के पंजाब में 26 सितम्बर 1932 को गाँव ‘गाह’, ‘चकवाल’ ज़िला, पंजाब, भारत (बटवारे के बाद, अब पाकिस्तान का पंजाब) को हुआ था।
- पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) निधन 26 दिसंबर को नई दिल्ली में निधन हुआ, सिंह 92 वर्ष के थे।
- डॉ. मनमोहन सिंह ने 2004 से 2014 तक कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार में प्रधानमंत्री के रूप में दो कार्यकाल पूरे किए। इससे पहले 1991 से 1996 तक, वे नरसिम्हा राव सरकार में भारत के वित्त मंत्री रहे।
- डॉ. मनमोहन सिंह ने कभी भी लोकभय के सदस्य नहीं रहे, और उन्होंने कभी भी लोकसभा चुनाव नहीं जीता।
- डॉ. मनमोहन सिंह को 1991 में जब वित्त मंत्री बनाया गया, तो कांग्रेस पार्टी ने उन्हें पहली बार राज्यसभा के लिए नामांकित किया। उन्होंने असम से पांच बार राज्यसभा का प्रतिनिधित्व किया और 2019 में राजस्थान से राज्यसभा सदस्य बने। उनका अंतिम कार्यकाल इस साल अप्रैल में समाप्त हुआ।
- भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के दो गवर्नर आगे चलकर वित्त मंत्री बने, एक मनमोहन सिंह और दूसरे सीडी देशमुख।
- चार वित्त मंत्री आगे चलकर प्रधानमंत्री बने – मोरारजी देसाई, चरण सिंह, वीपी सिंह और मनमोहन सिंह।
- टॉप ब्यूरोक्रेट जो आगे चलकर वित्त मंत्री बने उनके नाम है , एचएम पटेल, सीडी देशमुख, यशवंत सिन्हा और मनमोहन सिंह।
- मनमोहन सिंह धाराप्रवाह हिंदी बोल सकते थे, लेकिन उर्दू भाषा में उनकी दक्षता के कारण उनके भाषण उर्दू में लिखे जाते थे।
- उनका बचपन बेहद साधारण था। विभाजन से पहले उनके गांव (गाह, अविभाजित पंजाब) में न बिजली थी, न पानी और न ही स्कूल। वे मीलों चलकर पढ़ाई करने जाते थे और मिट्टी के तेल के दीये की रोशनी में पढ़ाई करते थे
- मनमोहन सिंह 14 साल की उम्र में, उनका परिवार विभाजन के बाद अमृतसर चला गया और नए सिरे से शुरुआत की।
- 1993 में, Euromoney और Asiamoney ने उन्हें “Finance Minister of the Year” (साल के सर्वश्रेष्ठ वित्त मंत्री) का खिताब दिया।
- 2004 में, मनमोहन सिंह भारत के पहले गैर-हिंदू प्रधानमंत्री बने।