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Friday, July 4, 2025

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प्रयागराज महाकुंभ 2025 में नहीं होगा उर्दू शब्दों का उपयोग, अखाड़ों ने बदला नियम?

प्रयागराज महाकुंभ (Mahakumbh) 2025 को लेकर तैयारियों जोरों पर हैं।  इसको लेकर प्रशासनिक तैयारियों को भी पूरा कराया जा रहा है। इस बीच अखाड़ों की ओर से उर्दू शब्दों के प्रयोग पर रोक लगाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। शाही शब्द के प्रयोग को रोक दिया गया है।

प्रयागराज महाकुंभ को लेकर विभिन्न अखाड़ों ने बंद किया उर्दू शब्दों का प्रयोग और शाही, पेशवाई जैसे शब्दों को बदले जाने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है। जैसे, शाही स्नान की जगह राजसी स्नान शब्द का शुरू किया गया है

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ तैयारियों को पूरा किया जा रहा है। दिसंबर में पीएम नरेंद्र मोदी के भी प्रयागराज महाकुंभ 2025 की तैयारियों का जायजा लेने आने की संभावना है। इसको लेकर तैयारियों को समय पर पूरा कराया जा रहा है। वहीं, विभिन्न अखाड़ों की ओर से भी तैयारियों को पूरा कराया जा रहा है।

महाकुंभ को लेकर उर्दू शब्दों के प्रयोग पर पाबंदी की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। ‘शाही’ के साथ ही ‘पेशवाई’ शब्द के प्रयोग पर भी रोक लगाई जा रही है। अखाड़ों की ओर से जारी कार्यक्रम में नए शब्दों का प्रयोग शुरू किया गया है।

प्रयागराज महाकुंभ 2025 में अखाड़े के प्रवेश और स्नान से उर्दू शब्दों को हटाने का क्रम शुरू हो गया है। आने वाले दिनों में इसकी भले ही औपचारिक घोषणा हो, लेकिन अभी से इस पर काम होता दिखने लगा है।

प्रशासनिक कार्यालय में चिपकाई गई सूची और अखाड़ों के जारी कार्यक्रम से शाही शब्द को हटा दिया गया है। संतों ने शाही स्नान की जगह ‘राजसी स्नान’ और पेशवाई की जगह ‘शोभायात्रा छावनी प्रवेश’ का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। इसी के साथ संतों ने अपने प्रयागराज संगम में आगमन का कार्यक्रम भी जारी कर दिया है।

निरंजनी अखाड़े ने जारी किया प्रोग्राम

प्रयागराज महाकुंभ को लेकर सनातन धर्म के सबसे बड़े अखाड़े, निरंजनी अखाड़े ने अपना कार्यक्रम जारी किया है। निरंजनी अखाड़े के सचिव और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी की ओर से कार्यक्रम जारी किया।

निरंजनी अखाड़े का कार्यक्रम घोषित कर दिया गया है। इसके तहत 20 दिसंबर को अखाड़े की रमता पंच के सभी नागा सन्यासी हरिद्वार में अपनी-अपनी मनी से निकलेंगे और प्रयागराज पहुंचेंगे।

धर्म ध्वजा की स्थापना

30 दिसंबर को निरंजनी अखाड़े के संतों की अगुवाई में धर्म ध्वजा स्थापना के बाद ,  4 जनवरी को शोभायात्रा छावनी प्रवेश और फिर,

14 जनवरी को पहला राजसी स्नान, 29 जनवरी को दूसरा राजसी स्नान और 3 फरवरी को तीसरा राजसी स्नान होगा।

अब तक अखाड़ों की ओर से जारी कार्यक्रम में पेशवाई और शाही शब्दों का इस्तेमाल होता था। बदले हुए शब्दों के साथ ही अब उर्दू शब्दों में बदलाव होना साफ हो गया है।

नया उदासीन अखाड़े का कार्यक्रम जारी

नया उदासीन अखाड़े ने भी प्रयागराज महाकुंभ 2025 को लेकर अपना कार्यक्रम जारी कर दिया है।

8 जनवरी को धर्म ध्वजा की स्थापना होगी।

10 जनवरी को अखाड़े का नगर प्रवेश होगा।

अखाड़े के प्रकाशित कार्ड में भी पुराने शब्दों को बदला जा चुका है।

प्रयागराज महाकुंभ 2025 राजसी (शाही) स्नान की तिथियां?

  • महाकुंभ का पहला राजसी (शाही) स्नान 13 जनवरी 2025 को होगा।
  • महाकुंभ का दूसरा राजसी (शाही) स्नान 14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति के अवसर पर होगा।
  • महाकुंभ का तीसरा राजसी (शाही) स्नान 29 जनवरी 2025 को मौनी अमावस्या के दिन होगा।
  • महाकुंभ का चौथा राजसी (शाही) स्नान 2 फरवरी 2025 को बसंत पंचमी के दिन होगा।
  • महाकुंभ का पांचवां राजसी (शाही) स्नान 12 फरवरी 2025 को माघी पूर्णिमा के दिन होगा।
  • महाकुंभ का आखरी राजसी (शाही) स्नान 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि के दिन होगा।

 

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