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Friday, July 4, 2025

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फेसबुक पर धोखाधड़ी से बचने के लिए क्या सावधानियां रखें?

एक दिन प्रीतम के फेसबुक अकांउट से एक गंभीर विषय पर पोस्ट डाली गई और जिसमें लिखा था, “मेरी मां अस्पताल में भर्ती हैं और मुझे उनके इलाज के लिए तुरंत कुछ पैसों की ज़रूरत है.”

प्रीतम के फेसबुक पर कई दोस्त थे. उसका फेसबुक अकाउंट पब्लिक था. वह हमेशा फेसबुक पर कुछ न कुछ मजेदार पोस्ट डालते रहते थे.

लेकिन एक दिन अचानक उनके दोस्तों ने देखा कि फेसबुक ने एक पोस्ट डाली है, जिसमें लिखा है कि उसे अपनी मां के इलाज के लिए तुरंत पैसों की जरूरत है.

उस पोस्ट के साथ फेसबुक ने एक बैंक अकाउंट की डिटेल भी दी थी.  यह पोस्ट देखकर उनका दोस्त नितिन हैरान रह गया.

अपने दोस्त की मदद करने के लिए, नितिन ने तुरंत उस अकाउंट में बड़ी रकम ट्रांसफर कर दी.

इस बीच, उसी शाम, नितिन ने जब फेसबुक देखा, तो वह हैरान रह गया. फिर से प्रीतम ने कोई मज़ाकिया पोस्ट डाल दी थी.

उन्होंने उसको तुरंत फोन किया कि उनकी मां कैसी हैं तब प्रीतम ने रोज़मर्रा के अंदाज़ में कहा, “भाई, मां ने बढ़िया हलुवा बनाया है. आ रहा है घर खाने के लिए ?”

यह सुनकर नितिन उलझन में पड़ गया, फिर उसने उस पोस्ट के बारे में पूछा, जिसे पढ़कर प्रीतम  को पैसे भेजे थे. लेकिन प्रीतम तो इस बात से अनजान था, उसको इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी एवं उसकी मां भी बिल्कुल स्वस्थ और ठीक थीं.

तुरंत ही, जब दोनों ने मिलकर फेसबुक अकाउंट चेक किया, तो उन्हें एहसास हुआ कि नितिन के साथ साइबर अपराधियों (Cybercrime) ने आर्थिक धोखाधड़ी की है.

हुआ यह था कि साइबर अपराधियों ने प्रीतम की जानकारी के बिना, उनका दूसरा फर्जी फेसबुक अकाउंट बना लिया गया था और सभी दोस्तों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी तथा उस फर्जी अकाउंट से एक पोस्ट डाली कि उन्हें पैसों की जरूरत है।

इस प्रकार प्रीतम के दोस्त नितिन उस पोस्ट के झांसे में आ गए और बिना पूछे या जानकारी जुटाए ही रकम प्रीतम के अकाउंट में ट्रांसफर कर दी।

अक्सर, हमें फेसबुक पर जब किसी जान-पहचान वाले का फ्रेंड रिक्वेस्ट आता है, तो हम बिना सोचे-समझे उसे स्वीकार कर लेते हैं.

हम उस अकाउंट की कोई जांच-पड़ताल नहीं करते और साइबर अपराधी इसी बात का फायदा उठाते हैं.

समझने के लिए ऊपर दिए गए एक काल्पनिक नाट्य उदाहरण (Cybercrime) के जरिए हमें यह समझ आया कि कैसे फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर ठगी की जाती है.

आगे इस लेख में जानते है कि,  ऐसे मामलों में सावधानी कैसे बरतें और यदि आपके साथ धोखाधड़ी हो जाए तो क्या करना चाहिए.

“अगर आपको लगता है कि आप साइबर ठगी का शिकार हो गए हैं तो आप सबसे पहले नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर के उसको रिपोर्ट करें। अपने पास इससे जुड़े हर तरह के सुबूत को एकत्रित कर के रखिए। अगर 1930 पर फोन नहीं उठता है तो साइबर क्राइम की वेबसाइट पर रिपोर्ट करें।”

धोखाधड़ी कैसे होती है?

साइबर अपराधी (Cybercrime) धोखाधड़ी करने के लिए लोगों के सोशल मीडिया या फेसबुक अकाउंट जैसा ही एक फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाते हैं. वो उस फर्जी फेसबुक अकाउंट से उस व्यक्ति की फ्रेंड लिस्ट में मौजूद लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं.

जिस व्यक्ति का फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाया जाता है, उनके नाम से उनके दोस्तों को मैसेज भेजकर, भावनात्मक वजहें बताकर, पैसों या अन्य किसी तरह की मदद की मांग की जाती है.

इसके लिए साइबर अपराधी फेसबुक मैसेंजर का भी इस्तेमाल करते हैं. वे पैसों के लेन-देन के लिए फोनपे, गूगल पे, पेटीएम या बैंक अकाउंट नंबर भी देते हैं.

जो दोस्त बिना किसी जांच-पड़ताल के तुरंत पैसे भेज देते हैं, वे आसानी से इस जाल में (Cybercrime) फंस जाते हैं.

कई बार फेसबुक पर किसी मशहूर व्यक्ति के नाम से भी फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाया जाता है और भावनात्मक अपील करके पैसे मांगे जाते हैं.

कभी-कभी नकली एनजीओ का अकाउंट बनाकर दान के नाम पर भी आर्थिक धोखाधड़ी की जाती है.

एक बार जब अपराधियों को पैसा मिल जाता है, तो वह व्यक्ति और वह फर्जी संस्था अचानक गायब हो जाते हैं.

वित्तीय धोखाधड़ी करने वाले साइबर अपराधी (Cybercrime) अक्सर वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों, सेवानिवृत्त अधिकारियों, निजी क्षेत्र के प्रतिष्ठित व्यक्तियों और अलग- अलग क्षेत्रों के मशहूर सेलिब्रिटीज के नाम और फोटो का इस्तेमाल करके फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाते हैं.

उस फर्जी अकाउंट के जरिए से वो कई लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर संपर्क करते हैं और उनसे दोस्ती कर लेते हैं.

इसके बाद, वे नौकरी देने का लालच देकर, बीमार होने का बहाना बनाकर या किसी मुसीबत में फंसे होने का नाटक करके लोगों को धोखा देते हैं.

ऐसे कई मामले इन दिनों लगातार सामने आ रहे हैं.

धोखाधड़ी (Cybercrime) से बचने के लिए सावधानियां

  • सोशल मीडिया या फेसबुक अकाउंट पर निजी जानकारी केवल दोस्तों तक ही सीमित रखें, इसे सार्वजनिक न करें.
  • अपने सोशल मीडिया अकाउंट का पासवर्ड बनाते समय अक्षरों, अंकों और विशेष चिन्हों का इस्तेमाल जरूर करें और इसे किसी के साथ साझा न करें.
  • अपने फेसबुक अकाउंट का पासवर्ड समय-समय पर बदलते रहें और प्राइवेसी सेटिंग्स में जाकर अपनी प्रोफ़ाइल लॉक कर लें.
  • यदि किसी मशहूर व्यक्ति या किसी भी अन्य व्यक्ति की तरफ से फ्रेंड रिक्वेस्ट आए, तो उस प्रोफ़ाइल की अच्छी तरह जांच करें.
  • किसी भी स्थिति में सोशल मीडिया या फेसबुक पर किसी अनजान व्यक्ति को ऑनलाइन पैसे न भेजें.
  • यदि आपसे फेसबुक, व्हाट्सएप या अन्य सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए पैसे मांगे जाते है, तो आपको पैसे देने से पहले उस व्यक्ति को फोन करके या मिलकर इस बात की जांच कर लेनी चाहिए कि उन्हीं ने पैसे मांगे है. उसके बाद कोई पैसे देने चाहिए.
  • यदि आपको अपनी फ्रेंड लिस्ट में से किसी भी दोस्त का कोई फर्जी अकाउंट दिखता है तो तुरंत उस अकाउंट को ब्लॉक करें. साथ में उस दोस्त को इसकी जानकारी दें.
  • यदि कोई आपसे फेसबुक पर मोबाइल नंबर मांगे और खुद को फर्नीचर विक्रेता, सेना अधिकारी या सैनिक बताकर झांसा देने की कोशिश करे, तो उसे तुरंत ब्लॉक कर दें.
  • आपको उस फेसबुक प्रोफ़ाइल पर जाकर रिपोर्ट पर क्लिक करना चाहिए और फिर फर्जी प्रोफ़ाइल का विकल्प चुनकर इसे फेसबुक को रिपोर्ट करना चाहिए क्योंकि यह साइबर अपराधियों की चाल हो सकती है.

धोखाधड़ी का शिकार होने पर क्या करें?

यदि आपको पता चलता है कि आप ऐसे किसी ऑनलाइन धोखे (Cybercrime) का शिकार हो गए हैं, तो आपको तुरंत पुलिस की मदद लेनी चाहिए.

साथ ही अपने फेसबुक फ्रेंड लिस्ट के लोगों को सोशल मीडिया के जरिए सतर्क करना चाहिए, जिससे वह लोग इस तरह की धोखाधड़ी से बच जाएं.

किसी फर्जी फेसबुक अकाउंट को बंद करवाने के लिए उसकी रिपोर्ट करें और अपने दोस्तों से भी उस अकाउंट को रिपोर्ट करने के लिए कहें. इससे फेसबुक उस अकाउंट पर ध्यान देगा और उसे बंद कर देगा.

अपने बैंक अकाउंट से हुए सभी लेन-देन का रिकॉर्ड रखें, जिस दिन आपके बैंक अकाउंट से पैसे निकाले जाए, उस दिन का बैंक स्टेटमेंट भी निकाल लें.

बैंक स्टेटमेंट में उस वित्तीय लेन-देन का नंबर होता है जो आगे की कार्रवाई के लिए आपके और पुलिस के काम आ सकता है.

आपको उस लेन-देन और उस व्यक्ति के साथ हुई बातचीत के स्क्रीनशॉट संभालकर रखने चाहिए, जिसे आपने पैसे भेजे थे.

वित्तीय लेन-देन के दौरान जिस बैंक खाते से पैसे ट्रांसफर किए गए हैं, उस बैंक को तुरंत इस धोखाधड़ी की सूचना दें.

ताकि बैंक अपनी प्रक्रिया के अनुसार आगे की कार्रवाई कर सके और यह सुनिश्चित कर सके कि आपको आगे कोई और नुकसान न हो.

आपको तुरंत नेट बैंकिंग बंद कर देनी चाहिए और बैंक अधिकारियों व पुलिस से आगे के निर्देश मिलने तक इसे फिर से इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.

साइबर अपराधियों की ओर की जाने वाली इस प्रकार की वित्तीय धोखाधड़ी का कोई भी शिकार हो सकता है.

यदि आपका कोई परिवार का सदस्य या परिचित इस तरह के साइबर हमले का शिकार हो जाए, तो उसकी मदद जरूर करें.

धोखाधड़ी (Cybercrime) रिपोर्ट कैसे करें?

  1. अगर आपको लगता है कि आप साइबर ठगी (Cybercrime) का शिकार हो गए हैं तो आप सबसे पहले नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर के उसको रिपोर्ट करें। तथा अपने पास इससे जुड़े हर तरह के सुबूत को एकत्रित कर के रखिए।
  2. अगर 1930 पर फोन नहीं उठता है तो साइबर क्राइम की वेबसाइट (cybercrime.gov.in) पर रिपोर्ट करें।
  3. अपने बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी से संपर्क करें.
  4. स्थानीय पुलिस विभाग की साइबर क्राइम टीम से संपर्क करें, शिकायत करते समय, आपको ये बातें ध्यान में रखनी चाहिए जैसे,
  5. शिकायत करते समय, आपको अपना नाम, पता, फ़ोन नंबर, और फ़्रॉड से जुड़ी जानकारी देनी होगी.
  6. शिकायत करते समय, आपको कोई भी पर्सनल जानकारी, जैसे कि एटीएम पिन या नेट बैंकिंग पासवर्ड, किसी के साथ शेयर नहीं करनी चाहिए.

ज्यादातर धोखाधड़ी (Cybercrime) का शिकार वही लोग हो रहे हैं जो अपनी सभी जानकारी फेसबुक अकाउंट या सोशल मीडिया पर डाल देते हैं और अपनी फ्रेंड लिस्ट या फॉलोवर बढ़ाने के लिए किसी भी अकाउंट से आई फ्रेंड रीक्वेस्ट एक्सेप्ट कर लेते हैं।

सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम या अन्य एप्प को उपयोग करते समय सावधानी रखें और मुसीबत (Cybercrime) में फसनें से बचें।

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