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Saturday, July 5, 2025

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बांग्लादेश और भारत में तनाव का नुक़सान किसे ज़्यादा हो रहा है?

बांग्लादेश में शेख़ हसीना की सत्ता को कटरपंथियों द्वारा उखाड़ने के बाद भारत से बांग्लादेश के संबंध बदल गए हैं लेकिन इसका सबसे ज़्यादा नुक़सान किसे हो रहा है?

बांग्लादेश में शेख़ हसीना की सत्ता को पाकिस्तान समर्थित, कटरपंथियों द्वारा उखाड़ने के बाद से वह अपनी सुरक्षा की चिंता को लेकर भारत में हैं यह हिंसा बांग्लादेश में शेख़ हसीना की सरकार को बदलने तक ही सीमित नहीं रही, उसके बाद उनका टारगेट अल्पसंख्यक हिन्दू रहे और अब तक अनगिनत हिन्दू अल्पसंख्यक मारे जा चुके हैं।

अल्पसंख्यक हिंदुओं के प्रति हो रही टारगेट हिंसा के प्रति, पश्चिमी मीडिया या अमेरिका द्वारा कभी भी संज्ञान नहीं लिया गाया है और न की इसकी आलोचना की गई है।

विश्व को समझना होगा और अमेरिका तथा यूरोप के मीडिया और सरकारों के ‘दोहरे मापदंड वाले बुनियादी विचारों’ को दुनिया के सामने लाना होगा।

बांग्लादेश में अगस्त से जारी हिंसा, शेख़ हसीना की सरकार को बदलने तक ही सीमित नहीं रही, उसके बाद उनका टारगेट अल्पसंख्यक हिन्दू रहे और अब तक अनगिनत हिन्दू अल्पसंख्यक मारे जा चुके हैं।

बांग्लादेश में पाकिस्तान समर्थित कटरपंथियों द्वारा हिंसा

विचारणीय प्रश्न है की यह हिंसा सुनुयोजित तरह से सिर्फ हिंदुओं के प्रति हो रही है, जबकि बौद्ध, क्रिश्चियन या अन्य समुदायों के प्रति नहीं।

शेख़ हसीना दूसरी बार भारत में निर्वासित ज़िंदगी जी रही हैं

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर हिंदुओं अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में नाकाम रहने की शिकायत करता रहा है, लेकिन पाकिस्तान समर्थित कटरपंथियों की अंतरिम सरकार कुछ भी कदम उढ़ाने में नाकाम रही है, बल्कि कटरपंथियों को हिंसा, अराजकता, लूटपाट के लिए प्रशासन की तरफ से खुली छूट है।

“विचारणीय प्रश्न है की यह हिंसा सुनुयोजित तरह से सिर्फ हिंदुओं के प्रति हो रही है ,

जबकि बौद्ध, क्रिश्चियन या अन्य समुदायों के प्रति नहीं।”

ऐसे में सवाल उठता है कि पिछले पाँच महीनों में भारत और बांग्लादेश के आपसी संबंधों में आए तनाव से ज़्यादा नुक़सान किसे हो रहा है?

बांग्लादेश में आई अस्थिरता के कारण भारत के निर्यात में गिरावट आई है. ख़ास कर ज्वैलरी, इंजीनियरिंग गु़ड्स, खाद्य सामग्री और कॉटन का निर्यात घटा है. इसके अलावा टेक्सटाइल निर्यातक भुगतान में देरी का सामना कर रहे हैं.

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के डेटा के अनुसार, इस साल अगस्त महीने में अगस्त 2023 की तुलना में बांग्लादेश को भारत का निर्यात 28 फ़ीसदी गिरा है. अगस्त 2023 में भारत ने बांग्लादेश को 94.3 करोड़ डॉलर का निर्यात किया था जो इस साल अगस्त में गिरकर 68.1 करोड़ डॉलर हो गया.

इकोनॉमिक टाइम्स से इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रोमोशन काउंसिल के अध्यक्ष पंकज चड्ढा ने कहा, ”बांग्लादेश से प्राइवेट ऑर्डर में कमी आई है और वहाँ की सरकार का रुख़ भारत को लेकर नकारात्मक है. हमें बांग्लादेश की सरकार से कोई नया ऑर्डर नहीं मिल रहा है.”

”इसके साथ ही भारतीय बैंक लेटर्स ऑफ क्रेडिट स्वीकार नहीं कर रहे हैं. लेटर्स ऑफ क्रेडिट ख़रीदार देश और विक्रेता देश के बैंकों के बीच समझौता होता है. पिछले सात महीनों में भारत से बांग्लादेश में इंजीनियरिंग गुड्स के निर्यात में आठ फ़ीसदी की गिरावट आई है.”

बांग्लादेश में बैंकों के पास डॉलर की कमी?

कॉटन एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष अतुल गनात्रा ने इकोनॉमिक टाइम्स से कहा, ”बांग्लादेश में भारत के कॉटन निर्यात पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ा है. कपड़ा उद्योग बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. बांग्लादेश टेक्सटाइल इंडस्ट्री के साथ कोई जोखिम नहीं उठाना चाहता है.”

”कुछ बैंक टाइम पर भुगतान कर रहे हैं और कुछ बैंकों के पास डॉलर नहीं हैं. कुछ ख़रीदार लोकल मुद्रा टका में भुगतान कर रहे हैं लेकिन बैंकों के पास डॉलर की कमी है इसलिए टका को कन्वर्ट नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में भारत के निर्यातकों को भुगतान में देरी हो रही है.”

बांग्लादेश, भारतीय कॉटन का सबसे बड़ा बाज़ार है. भारतीय कॉटन के कुल निर्यात का क़रीब 35 प्रतिशत हिस्सा बांग्लादेश को जाता है. ज़ाहिर है इसका असर भारत पर भी पड़ेगा, लेकिन कई लोग मानते हैं कि इससे भारत के भीतर कॉटन की क़ीमत में कमी आएगी और घरेलू टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए अच्छा रहेगा.

कोलकाता से प्रकाशित होने वाले अंग्रेज़ी दैनिक टेलिग्राफ़ की रिपोर्ट के अनुसार, अहम ट्रेड कॉरिडोर पेत्रापोल-बेनापोल, चंग्राबंधा-बरीमारी, महादीपुर और हिली से कारोबार में गिरावट आई है.

पेट्रापोल (भारत)-बेनापोल (बांग्लादेश) व्यापार और यात्री आवागमन दोनों के लिहाज से भारत-बांग्लादेश के लिए सबसे महत्वपूर्ण भूमि सीमा क्रॉसिंग में से एक है। भारत और बांग्लादेश के बीच लगभग 70 प्रतिशत भूमि आधारित व्यापार (मूल्य के हिसाब से) इसी भूमि बंदरगाह के ज़रिए होता है।

अगस्त के पहले महादीपुर से भारत के 350 ट्रक सामान लेकर जाते थे और रोज़ाना 26 करोड़ रुपए का व्यापार होता था. लेकिन अब 150 ट्रक ही जा रहे हैं और कारोबार गिरकर 13 करोड़ रुपए पर आ गया है.

बांग्लादेश को भारत की मदद

भारत और बांग्लादेश के बीच फूलबारी बॉर्डर, यह बॉर्डर सिलीगुड़ी से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है

वित्त वर्ष 2023-24 में भारत और बांग्लादेश का द्विपक्षीय व्यापार 13 अरब डॉलर का था।

भारत अभी तक बहुत ही सस्ते दामों पर या बिना किसी शुल्क के, मदद से रूप में, खाद्यान्न, जरूरी सामान, दवाइयां बांग्लादेश को भेजता रहा है। लेकिन वर्तमान परिस्थितों को देखकर लगता है की यह भविष्य में बंद हो सकता है

बांग्लादेश के मीडिया का कहना है कि भारत के साथ संबंध में अंतरिम सरकार द्वारा तनाव कम नहीं किया गया तो कारोबारी वर्ग को प्याज, आलू, चावल और चीनी के लिए पाकिस्तान का रुख़ करना पड़ेगा, जो बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था के लिए ताबूत में कील के समान होगी।

अगस्त माह से बांग्लादेश में मंहगाई आसमान छू रही है, खाने-पीने के सामान की किल्लत हो रही है, दैनिक उपयोग की वस्तुएं आम-जन की खरीद की पहुँच से बाहर जा चुकी हैं।

“भारत अभी तक बहुत ही सस्ते दामों पर या बिना किसी शुल्क के मदद से रूप में, खाद्यान्न, जरूरी सामान, दवाइयां बांग्लादेश को भेजता रहा है। लेकिन वर्तमान परिस्थितों को देखकर लगता है की यह भविष्य में बंद हो सकता है “

बांग्लादेश से हर साल तकरीबन 20 लाख से ज़्यादा गरीब और माध्यम वर्गीय बांग्लादेशी इलाज के लिए भारत आते  हैं जो की दुनिया में आधुनिक और किफायती चिकित्सा का केंद्र है। लेकिन इस तनाव के कारण उनको वीजा मिलने में रुकावट हो सकती है जिसका सीधा असर उनकी जेब और स्वास्थ पर पड़ेगा।

पिछले महीने ही पाकिस्तान का एक मालवाहक पोत कराची से बांग्लादेश के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित चटगांव बंदरगाह पर पहुँचा था.

पाकिस्तान से क़रीबी और चीनी कर्ज से दिवालिया होने की आशंका?

पिछले महीने ही पाकिस्तान का एक मालवाहक पोत कराची से बांग्लादेश के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित चटगांव बंदरगाह पर पहुँचा था. 1971 में बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के बाद से दोनों देशों के बीच यह पहला समुद्री संपर्क हुआ था. इससे पहले दोनों देशों के बीच समुद्री व्यापार सिंगापुर या कोलंबो के ज़रिए होता था. इसे पाकिस्तान के साथ क़रीबी बढ़ने की ठोस शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है.

पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच 2023 में द्विपक्षीय व्यापार 80 करोड़ डॉलर के क़रीब था.

बांग्लादेश में पाकिस्तान के उच्चायुक्त सैयद अहम मारूफ़ ने छह नवंबर को बताया था, “बांग्लादेशी नागरिकों के लिए पाकिस्तान में फ़्री वीज़ा दिया जाएगा और 48 घंटों में इस पर फ़ैसला होगा. एक वेबसाइट पर सिर्फ़ जानकारी देनी होगी. वीज़ा की दो श्रेणियां हैं, बिज़नेस और टूरिस्ट वीज़ा. यात्रा करने वालों को सिर्फ़ वापसी का टिकट और जहाँ रुकना चाहते हैं, वहाँ की जानकारी देनी होगी.”

चटगांव और मोंगला बांग्लादेश के दो बड़े बंदरगाह हैं और ये दोनों ही पाकिस्तान के लिए पांच दशक से दूर रहे. इससे पहले दोनों देशों के बीच समुद्री संपर्क वाया कोलंबो और श्रीलंका होता था.

अब पाकिस्तानी पोत सीधे चटगांव पहुंचेंगे. आशंका जताई जा रही है कि पाकिस्तान से प्रतिबंधित सामान भी बांग्लादेश आ सकते हैं.

पाकिस्तान और पाकिस्तान के बीच हवाई सेवा नहीं है. दोनों देश फ्लाइट सर्विस शुरू करने की बात कर रहे हैं, लेकिन इसके लिए भारत की सहमति ज़रूरी होगी. क्योंकि भारत के हवाई क्षेत्र इस्तेमाल किए बिना यह संभव नहीं है.

बांग्लादेश में निवेश का चीन सबसे बड़ा स्रोत है. बांग्लादेश चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का हिस्सा है. चीन ने बांग्लादेश में सात अरब डॉलर का निवेश किया है.

साल 2023 में चीन ने बांग्लादेश में 22 अरब डॉलर का निर्यात किया था. कहा जा रहा है कि भारत और बांग्लादेश में तनाव का सबसे ज़्यादा फ़ायदा चीन और पाकिस्तान को होगा.

चीन का कर्ज जाल दुनिया के कई देशों को अपनी गिरफ्त में ले चुका है, भारतीय उपमहादीप में पाकिस्तान, श्री लंका मालदीप इसके उदाहरण है।

पाकिस्तान को छोड़कर श्री लंका और मालदीप ने अर्थव्यवस्था क दिवालिया होने के बाद भारत से मदद मांगी और भारत की मदद से आज उनकी अर्थव्यवस्था धीरे धीरे पटरी पर लौटती दिख रही है। लेकिन बांग्लादेश को कट्टरपंथी, शायद पाकिस्तान से भी बुरी हालत में लाकर खड़ा कर देंगे , जिसका खामियाजा बांग्लादेश के उस गरीब वर्ग को भुगतना पड़ेगा, जो शायद कभी इस गलत और हिंसक सूच का हिस्सा नहीं रहा।

 

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