श्रीलंका में बौद्ध भिक्षु ज्ञानसारा को इस्लाम धर्म पर टिप्पणी करने के आरोप में नौ महीने की जेल की सज़ा सुनाई गई है.
साथ ही बौद्ध भिक्षु ज्ञानसारा पर 1500 श्रीलंकाई रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना देने में नाकाम रहने पर उन्हें एक और महीने जेल में रहना होगा.
बौद्ध भिक्षु गालागोडाटे ज्ञानसारा श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के नज़दीकी सहयोगी रहे हैं.
गोटाबाया राजपक्षे को 2022 में श्रीलंकाई जनता के व्यापक विरोध के बाद सत्ता छोड़नी पड़ी थी.
बौद्ध भिक्षु ज्ञानसारा को वर्ष 2016 के एक मामले में इस्लाम पर टिप्पणी करने के लिए गुरुवार को दोषी ठहराया गया था.
बौद्ध भिक्षु ज्ञानसारा श्रीलंका में मुसलमानों के समुदाय के कट्टरपंथियों की देश विरोधी और बौद्ध धर्म विरोधी, गतिविधिओं को लेकर हमेशा मुखर रहते हैं जिससे उन पर कई प्रकार के आरोप लगते रहे हैं.
पिछले साल दिसंबर-2024 में उन्हें इस आरोप में गिरफ़्तार कर लिया गया था.
बौद्ध भिक्षु ज्ञानसारा को सज़ा सुनाते समय अदालत ने कहा कि श्रीलंका में कोई किसी भी धर्म का क्यों न हो, उसे संविधान अपना धर्म मानने की पूरी आज़ादी देता है.
बौद्ध भिक्षु ज्ञानसारा ने अपनी सजा के ख़िलाफ़ अपील की थी. लेकिन अदालत ने उनकी ज़मानत याचिका ख़ारिज कर दी.
गोटाबाया राजपक्षे के राष्ट्रपति रहने के दौरान, बौद्ध भिक्षु ज्ञानसारा को देश में धार्मिक एकता बरकरार रखने के लिए बनी एक टास्क फोर्स का अध्यक्ष बनाया गया था.
टास्क फोर्स के ज़िम्मे धार्मिक एकता बरकरार रखने के लिए क़ानून में सुधार सुझाने का काम था.