रेवाशक्ति (Revashakti) केवल बेटियों वाले परिवारों के लिए इस जिले ने शुरू की नई स्कीम, इस योजना के तहत, ‘कीर्ति कार्ड’ धारकों को किराने की दुकानों, निजी स्कूलों और अस्पतालों में 15% से भी अधिक तक की छूट दी जाएगी
मध्य प्रदेश के हरदा जिले में जिला प्रशासन ने इकलौती बेटियों के माता-पिता के लिए ‘रेवाशक्ति’ या ‘रेवशक्ति अभियान’ (Revashakti) छूट योजना शुरू की है।
रेवाशक्ति (Revashakti) योजना क्या है?
‘रेवाशक्ति’ (Revashakti) इस योजना के तहत, ‘कीर्ति कार्ड’ धारकों को किराने की दुकानों, निजी स्कूलों और अस्पतालों में 15% से भी अधिक तक की छूट दी जाएगी। इसका लक्ष्य बेटियों के माता-पिता को विशेष महसूस कराना है।
हरदा जिले में प्रशासन की तरफ से बेटियों को बढ़ावा देने के लिए अनोखी पहल हुई है। यहां एकलौती बेटी या केवल बेटियों वाले माता-पिता को कई तरह की छूट मिलेगी। यह छूट किराने की दुकान, प्राइवेट स्कूल और अस्पताल जैसी जगहों पर मिलेगी।
इस योजना का नाम ‘रेवाशक्ति’ है और यह 1 जनवरी से शुरू हो गई है। इसके तहत लाभार्थियों को ‘कीर्ति कार्ड’ दिया जाता है, जिससे छूट मिलती है।
इस योजना का मकसद जिले में घटते लिंगानुपात को सुधारना है। हरदा का लिंगानुपात 894 है, जबकि मध्य प्रदेश का 933 है।
रेवाशक्ति को समाज का सहयोग
प्रशासन ने स्कूलों, अस्पतालों, दुकानों सभी से इस योजना में सहयोग मांगा गया है। और सबने खुशी से मदद करने की बात कही है। कुछ अस्पताल और स्कूल तो पूरी फीस माफ़ करने को भी तैयार हैं। यह रेवाशक्ति (Revashakti) योजना पूरी तरह से स्वैच्छिक है। ज़्यादातर किराना दुकानों ने 15% से 20% तक छूट देने का वादा किया है। जिला कलेक्टर के अनुसार, हम बेटियों के माता-पिता को खास एहसास दिलाना चाहते हैं। सरकारी दफ्तरों में ‘कीर्ति कार्ड’ धारकों को लाइन में नहीं लगना होगा। उनके कामों को प्राथमिकता दी जाएगी।
जिला प्रशासन के अनुसार, अलग-अलग विभाग इस योजना को लागू करवाएंगे। मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी प्राइवेट अस्पतालों में छूट पर नज़र रखेंगे। परिवहन विभाग किराए में छूट का काम देखेगा। खाद्य सुरक्षा अधिकारी किराने की दुकानों में छूट सुनिश्चित करेंगे। जिला शिक्षा अधिकारी प्राइवेट स्कूलों में फीस और किताबों में छूट दिलवाएंगे। खेल और पर्यटन विभाग खेलों में भागीदारी बढ़ाएगा और पर्यटन स्थलों पर छूट दिलाएगा।
रेवाशक्ति (Revashakti) का उद्देश्य क्या है?
इस योजना का मुख्य उद्देश्य समाज में बेटियों के प्रति सोच बदलना है। माता-पिता को यह एहसास दिलाना है कि बेटी होना बोझ नहीं, बल्कि गर्व की बात है।
सरकारी सुविधाओं में प्राथमिकता मिलने से माता-पिता को प्रोत्साहन मिलेगा। इसके साथ ही, ज़रूरी चीज़ों पर छूट मिलने से आर्थिक मदद भी होगी।
जिला प्रशासन को उम्मीद है कि इस योजना से लिंगानुपात में सुधार आएगा और बेटियों को बेहतर भविष्य मिलेगा।
जिला प्रशासन और जिला अधिकारी की इस अनूठी पहल और सामाजिक उत्थान के प्रति उनकी सोच को प्रणाम, देश का समुचित विकास, उन्नत समाज के साथ ही संभव होता है।
समाज का एक वर्ग सोचता है कि, उन्नत देश से उन्नत समाज का निर्माण होता है , जो की पूर्ण रूप से अमान्य सोच है। एक उन्नत समाज, उन्नत व्यक्तित्व और उन्नत देश का निर्माण करता है और इसी सोच को आगे बड़ा रहा है मध्यप्रदेश का हरदा जिला प्रशासन रेवाशक्ति (रेव शक्ति) के साथ।