लघु कथा संग्रह ‘जिंदगी को चाहिए नमक’ इन दिनों चर्चा में है। पेशे से पत्रकार और युवा लेखिका हिमानी की ये पहली किताब है। इस किताब से पहले भी हिमानी तमाम पत्र-पत्रिकाओं में कविता और कहानियां लिखती रही हैं।
इस किताब के जरिए उन्होंने लघु कथा का एक नया फ्लेवर पेश किया है, जिसे छाया चित्र कहना ज्यादा सही है।
किताब पढ़ते हुए लगता है कि पन्ना दर पन्ना आप एक के बाद एक शॉर्ट फिल्म देखते जा रहे हैं।
वैसे छोटी कहानियां लिखना एक मुश्किल भरा काम माना जाता है, लेकिन 80 कहानियों के इस संग्रह की हर कहानी बेहद एफर्टलेस तरीके से लिखी गई लगती है।
हर कहानी में एक लड़का है, एक लड़की है और उन दोनों के बीच घटित हुआ एक अहम पल है। ऐसा पल, जो किसी के लिए भी जिंदगी भर साथ रहने वाली एक लंबी दास्तान सरीखा हो सकता है।
लघु कथा संग्रह- जिंदगी को चाहिए नमक
लेखिका- हिमानी
प्रकाशक- ऑथर्स प्राइड पब्लिशर
मूल्य- 125 रुपये
किताब को सात भागों में बांटा गया है। शुरुआती भाग में प्यार और जिंदगी के खट्टे-मीठे अहसास हैं, तो आखिरी भागों में दर्द और पीड़ा की भीतर तक झकझोर देने वाली कहानियां हैं।
इस कथा संग्रह की कुछ कहानियों में दोहराव भी नजर आता है, जैसे लेखिका हर बार प्यार की तलाश में एक ही जैसी गलती करने को मजबूर हो।
मगर यह भी सच है कि 125 पन्नों की इस किताब की कुछ कहानियां ऐसी भी हैं, जो हमेशा के लिए आपके साथ हो जाती हैं।
इन कहानियों में टॉमैटो सूप, समटाइम लेटर, पुरानी शर्ट-नई शर्ट, रोमांटिक एक्सरसाइज, मजाक, गुलाब का गमला, मैं मां बनना चाहती हूं, नींद, कयामत, वक्त इत्यादि शामिल हैं।
इस किताब की खास बात ये है कि पढ़ने का वक्त ना मिलने पर भी इसे पढ़ा जा सकता है। तथ्यों के अनुसार कहें तो 80 कहानियां सिर्फ 80 मिनट की मांग करती हैं और कुछ ऐसे अहसास जेहन में छोड़ जाती हैं, जो जिंदगी भर के लिए दिमाग में कैद हो जाते हैं।
किताब की कहानियों से इतर लेखिका ने इसकी भूमिका को काफी शोध और अध्ययन के बाद लिखा है।
भूमिका में ही लेखिका ने पुराणों से लेकर दुनिया के अलग-अलग देशों और परंपराओं से जुड़ी नमक को अहमियत को बताया है। इसे पढ़ना बेहद नई तरह की जानकारी देने वाला है।
ये किताब उन लोगों के लिए खास है, जो हर बड़े-बड़े सपनों, ख्वाहिशों और अरमानों को पूरा करने की कोशिश में जिंदगी के छोटे-छोटे पलों को जीना और याद रखना भूल जाते हैं।