उत्तर प्रदेश में संभल के पुलिस अधिकारी (सर्कल अफ़सर) अनुज चौधरी के होली के त्योहार और जुमे की नमाज़ से जुड़े बयान पर विपक्षी दलों ने भले ही तीखी प्रतिक्रिया दी हो, लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका समर्थन किया है.
सीएम योगी ने कहा है, “देखिए होली के अवसर पर मुझे लगता है कि एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान होना चाहिए और स्वाभाविक रूप से जुमे की नमाज़ हर शुक्रवार के दिन होती है. होली वर्ष में एक बार होती है. तो यही कहा गया. प्यार से समझाया गया.”
इससे पहले होली और रमज़ान को लेकर संभल में हुई शांति समिति की बैठक के बाद सीओ अनुज चौधरी ने कहा था, “होली का रंग लग जाने से जिसका धर्म भ्रष्ट हो रहा है, वो उस दिन घर से ना निकले.”
उन्होंने कहा, “यदि आप अपने धर्म का सम्मान करते हो तो दूसरे को भी कीड़ा-मकोड़ा मत समझो उसका भी सम्मान करो, जब आदमी ये चीज़ सोच लेगा तो उसके अंदर कोई चीज़ नहीं रहेगी, जब लगेगा कि अल्लाह भी वही है, भगवान भी वही है.”
एक निजी चैनल के कार्यक्रम में सीएम योगी ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी है और इसे अपने सोशल मीडिया पर भी शेयर किया है.
योगी ने कहा, “मैं धन्यवाद दूंगा सभी उन लोगों को जिन लोगों ने बयान जारी कर दिया कि देखो पहले होली का आयोजन होने दो. 14 मार्च को होली है. दो बजे तक होली खेलने दो, उसके बाद आप जुमे की नमाज़ पढ़ना. बहुत सारे मुस्लिम धर्म गुरुओं ने भी पहले से इसके बारे में अपील भी कर दी है कि हमलोग इसको मानेंगे.”
“होली साल में एक बार पड़ती है और जुमे की नमाज़ हर सप्ताह पड़ती है. स्थगित भी हो सकती है कोई बाध्यकारी तो है नहीं कि होना ही होना है. लेकिन कोई व्यक्ति पढ़ना ही चाहता है तो अपने घर में भी पढ़ सकता है ज़रूरी नहीं कि वह मस्जिद में ही जाए.”
मुख्यमंत्री योगी ने कहा, “या तो जाना है तो फिर रंग से परहेज़ न करें. जो हमारा वह पुलिस अधिकारी है वो पहलवान रहा है, अर्जुन पुरस्कार विजेता रहा है. पूर्व ओलंपियन है. अब पहलवान की बात है और पहलवान की तरह बोलेगा तो कुछ लोगों को बुरा लगता है. लेकिन सच है उस सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए.”
अनुज चौधरी ने क्या कहा था?
दरअसल उत्तर प्रदेश के संभल में अदालत के आदेश पर स्थानीय जामा मस्जिद के सर्वे के बाद पिछले साल 24 नवंबर को हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी.
इस घटना के बाद संभल में सांप्रदायिक तौर पर शांति बनाने की कोशिश जारी है और इसी के तहत होली के त्योहार को लेकर भी तैयारी की गई हैं.
दरअसल इस साल 14 मार्च को होली का त्योहार है और इसी दिन रमज़ान का दूसरा जुमा भी है.
संभल में शांति समिति की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में अनुज चौधरी ने कहा था, “जिस प्रकार से मुस्लिम ईद का इंतज़ार करते हैं, उसी तरह हिंदू होली की प्रतीक्षा करते हैं. होली का दिन साल में एक बार आता है, जबकि जुमा साल में 52 बार आता है. यदि किसी को लगता है होली के रंग से उसका धर्म भ्रष्ट होता है तो वह उस दिन घर से ना निकले. मेरी सोच ये है कि रंग से कोई छोटा बड़ा नहीं होता है.”
उन्होंने कहा कि अगर कोई घर से निकलता है तो दिल बड़ा होना चाहिए.
अनुज चौधरी ने कहा कि प्रशासन किसी भी तरह की शरारत बर्दाश्त नहीं करेगा जो भी सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करेगा उसके खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी.
अनुज चौधरी के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया भी हुई है. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस जैसे विपक्षी दलों ने अनुज चौधरी के इस बयान की आलोचना की है.
समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने कहा है कि जब संभल में हिंसा हुई थी अनुज चौधरी ही सीओ थे तो क्या उम्मीद करेंगे.
रामगोपाल यादव ने कहा, “जब कभी व्यवस्था बदलेगी तो ऐसे लोग तो जेलों में रहेंगे.”
लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका बचाव किया है.
अनुज चौधरी कई बार रह चुके हैं खबरों में
अर्जुन पुरस्कार सम्मानित अनुज चौधरी 2012 से पुलिस उपाधीक्षक पद पर हैं. वह खेल कोटे से पुलिस में भर्ती हुए थे तथा वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर के रहने वाले हैं.
अनुज चौधरी कुश्ती में भारत की तरफ से कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुके हैं और उनको अर्जुन पुरस्कार भी मिल चुका है।
संभल में पिछले साल हुई हिंसा में जब पुलिस अधिकारी दावा कर रहे थे कि पुलिस ने गोली नहीं चलाई थी, तब चौधरी ने कहा था, ”एक पढ़े-लिखे आदमी को इस तरह के जाहिल मार देंगे. हम कोई पुलिस में मरने के लिए थोड़े ही भर्ती हुए हैं.”
इससे पहले रामपुर में तैनाती के दौरान उनकी समाजवादी पार्टी के नेता आज़म ख़ान से तीखी बहस भी हो चुकी है.
क़रीब दो साल पुरानी इस घटना में सपा नेता आज़म ख़ान मुरादाबाद कमिश्नर से मिलने जा रहे थे, इसी दौरान सीओ सिटी के पद पर तैनात अनुज चौधरी ने सभी लोगों को अंदर जाने से मना किया था.
तभी आज़म ख़ान ने उन्हें कहा कि समाजवादियों ने ही उनकी (पहलवानों की) पहचान की थी और उन्हें अखिलेश यादव का एहसान याद रखना चाहिए.
इस पर अनुज चौधरी ने जवाब दिया था कि उन्हें अर्जुन अवॉर्ड मिला है, जो किसी के एहसान से नहीं मिलता है.
क़रीब तीन महीने पहले संभल में एक शिव मंदिर को क़रीब 46 साल के बाद खोला गया था. समाचार एजेंसी एएनआई के एक वीडियो में मंदिर खुलने के बाद सीओ और एसपी ख़ुद इस मंदिर में मौजूद शिवलिंग की सफाई करते नज़र आ रहे थे.
हिन्दी अख़बार दैनिक भास्कर की एक ख़बर के मुताबिक़, मंदिर खोलने के बाद अनुज चौधरी एक बार फिर चर्चा में तब आए जो वो मंदिर तक निकल रही शोभायात्रा में पुलिस वर्दी में गदा लेकर आगे-आगे चल रहे थे.
इसके अलावा अनुज चौधरी सोशल मीडिया पर भी काफ़ी एक्टिव हैं. इंस्टाग्राम पर उनके 3.1 लाख फ़ॉलोवर्स हैं जिस पर वो अपनी वर्दी में रील्स शेयर करते रहते हैं.
(मीडिया इनपुट)