अमेरिकन निजी कंपनी स्पेसएक्स के अंतरिक्ष यान ड्रैगन से भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर की पृथ्वी पर वापसी तय हो गई है.
18 मार्च को भारतीय समयानुसार 10 बजकर 35 मिनट पर इस यान को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) से अलग किया, यानी अनडॉक किया जाएगा.
ड्रैगन का अनडॉकिंग कई कारकों पर निर्भर है. इसमें यान और रिकवरी टीम की तैयारी, मौसम, समुद्री स्थितियां और अन्य कारक शामिल हैं. नासा और स्पेसएक्स क्रू-9 की वापसी के करीब स्प्लैशडाउन स्थान की पुष्टि करेंगे.
सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर 5 जून 2024 को बोईंग कंपनी के परीक्षण यान स्टारलाइनर से आईएसएस के लिए उड़ान भरी थी. वहां आठ दिन गुजारने के बाद उनकी वापसी थी लेकिन यान में ख़राबी के कारण यह अटक गई थी.
ड्रैगन के वापसी का टाइम टेबल
सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर 5 जून 2024 को बोईंग कंपनी के परीक्षण यान स्टारलाइनर से आईएसएस के लिए उड़ान भरी थी.
वहां आठ दिन गुजारने के बाद उनकी वापसी थी लेकिन बोईंग कंपनी के परीक्षण यान स्टारलाइनर में ख़राबी के कारण वह अटक गई थी. अब उनकी वापसी की समय सारिणी सामने आ गई है.
- 18 मार्च सुबह 08.15 बजे – हैच क्लोज (यान का ढक्क्न बंद किया जाएगा)
- 18 मार्च सुबह 10.35 बजे – अनडॉकिंग (आईएसएस से यान का अलग होना)
- 19 मार्च सुबह 02.41 बजे – डीऑर्बिट बर्न (वायुमंडल में यान का प्रवेश)
- 19 मार्च सुबह 03.27 बजे – स्प्लैशडाउन (समुद्र में यान की लैंडिंग)
- 19 मार्च सुबह 05.00 बजे – पृथ्वी पर वापसी के संबंध में प्रेसवार्ता
नासा ने बताया है कि मौसम की स्थिति को देखते हुए स्पलैशडाउन की जगह का निर्धारण किया जाएगा. यह यान वापसी का अनुमानित समय है.
एक यात्रा में सबसे ज्यादा दिन बिताने वाली तीसरी महिला
19 मार्च 2025 को उनकी वापसी होगी तो वह कुल 286 दिन अंतरिक्ष में बीता चुकी होंगी.
इसके साथ ही वह एक यात्रा में तीसरी सबसे ज्यादा दिन आईएसएस में बिताने वाली महिला वैज्ञानिक हो जाएंगी.
इस मामले में सबसे पहले पायदान पर 328 दिनों के साथ क्रिस्टीना कोच पहले स्थान पर हैं. वहीं पिग्गी वीटस्न 289 दिनों के साथ दूसरी पायदान पर हैं.
इससे पहले आईएसएस में एक बार में सबसे ज्यादा 371 दिन अंतरिक्ष यात्री फ्रैंक रूबियों ने बिताए हैं. सबसे ज्यादा दिन बिताने की अगर बात करें तो पिग्गी वीटस्न ने सबसे ज्यादा 675 दिन बिताए हैं.
अंतरिक्ष में स्पेश वॉक के मामले में सुशान हेलम्स और जेम्स वोस ने एक बार में सबसे लंबे समय 8 घंटे 56 मिनट की स्पेसवॉक की है.
वहीं सुनीता विलियम्स ने कुल स्पेशवॉक के मामले में पहले पायदान पर हैं.
सुनीता विलियम्स ने अपनी इस तीसरी अतंरिक्ष को मिलाकर अब तक नौ बार स्पेसवॉक कर चुकी हैं. इस दौरान उन्होंने 62 घंटे 6 मिनट स्पेसवॉक में बिताए हैं.
12 मार्च को ही होना था लांच
भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की वापसी 16 मार्च 2025 को होनी थी लेकिन उड़ान से पहले 12 मार्च को ड्रैगन यान के रॉकेट में ख़राबी की बात सामने आई.
नासा ने बताया है कि अंतरिक्ष यान में लगे रॉकेट के ग्राउंड सपोर्ट क्लैम्प आर्म के हाइड्रोलिक सिस्टम में ख़राबी आ गई थी. इसके कारण लॉन्च रोक दिया गया है.
नासा ने नई समय सारिणी के अुनसार 14 मार्च को ड्रैगन को लॉन्च किया.
मौसम सहित यान वापसी के लिए जरूरी मापदंड अगर सही रहे तो भारतीय समयानुसार 19 मार्च की सुबह सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर के साथ दो अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर यान धरती पर आएगा.
स्टारलाइनर की ख़राबी के कारण अटकी थी वापसी
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की वापसी अंतरिक्ष यान स्टारलाइनर में आई ख़राबी के कारण अटक गई थी.
उड़ान के दौरान जब यह यान आईएसएस के क़रीब पहुंचा तो उसमें समस्याएं पैदा हो गईं और उसके पांच थ्रस्टर्स बंद हो गए. अंतरिक्ष में वैक्युम होता है, ऐसे में थ्रस्टर्स यान को दिशा देने का काम करते हैं.
इसके साथ ही इस यान का हीलियम भी ख़त्म हो गया. इससे जलने वाले ईंधन पर यान को निर्भर होना पड़ा और दोनों अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी की योजना अटक गई. यान में ख़राबी का यह सिलसिला यहीं नहीं रुका. अगले कुछ महीनों में यान की तकनीकी ख़ामियां बढ़ती गईं.
ये पहली बार नहीं था जब बोइंग स्टारलाइनर में किसी तरह की दिक्कत सामने आई थी. इसकी पहली मानवरहित उड़ान दिसंबर 2019 में भेजी गई थी, लेकिन सॉफ़्टवेयर में गड़बड़ी की वजह से ये उड़ान अंतरिक्ष स्टेशन तक नहीं पहुंच पाया.
नासा ने उस वक्त कहा था कि ऑटोमेशन और टाइमर्स में सामंजस्य न होने के कारण स्टारलाइनर को रास्ते से ही वापिस आना पड़ा था.
दूसरी कोशिश 2022 में की गई, जब मानवरहित यान को स्पेस स्टेशन के लिए भेजा गया लेकिन यान में कुछ थ्रस्टर्स ने सही तरीके से काम नहीं किया.
पहली उड़ान में भी अटकी थी सुनीता की वापसी
सुनीता विलियम्स के साथ यह पहला अवसर नहीं है जब उनकी अंतरिक्ष से वापसी अटकी है. उनकी पहली यात्रा में ही उनकी निर्धारित की गई वापसी अटक गई थी.
इस दौरान वह छह से अधिक महीने आईएसएस पर ठहरी थीं.
उस समय नासा अंतरिक्ष यान अटलांटिस प्रयोग कर रहा था. कैनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरने के बाद इसकी बाहरी सुरक्षा कवच में दरार आ गई थी. इसके बाद अंतरिक्ष केंद्र के कंप्यूटरों में ख़राबी आ गई थी.
सोलर पैनल की भी चार बार मरम्मत करने की कोशिश हुई थी. हालांकि इन ख़राबियों को दुरुस्त करने के बाद अटलांटिस से सुनीता विलियम्स की सुरक्षित वापसी हुई थी.
इसी यात्रा के दौरान उन्होंने किसी महिला द्वारा अब तक सबसे ज़्यादा समय तक किया गया स्पेसवॉक का रिकॉर्ड भी बनाया था. इस दौरान वह चार बार स्पेसवॉक पर गई थीं.
इससे पहले यह रिकॉर्ड अंतरिक्ष यात्री कैथरीन थार्नटन के नाम था. उन्होंने 21 घंटे से अधिक समय तक के स्पेसवॉक का रिकॉर्ड बनाया था.
नासा ने क्यों लिया वापसी में देरी का फै़सला
बुच और सुनीता जून 2024 में स्टारलाइनर स्पेस क्रॉफ्ट के ज़रिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचे थे. इसे बोइंग ने बनाया था.
स्पेसक्रॉफ्ट में तकनीकी गड़बड़ियों की वजह से मिशन में सालों की देरी हुई. इस स्पेस क्रॉफ्ट में लॉन्च के दौरान समस्याएं आ रही थीं.
इसमें ऐसी समस्याएं थीं जिनका असर वायुमंडल में एंट्री करने पर पड़ता और समस्याओं में हीलियम गैस का रिसाव भी शामिल था. कोलंबिया यान की यादें कौंध रही थीं.
नासा ने तय किया कि सुनीता और बुच की वापसी में थोड़ा भी जोखिम नहीं लेगा क्योंकि उनके पास स्पेस एक्स के अंतरिक्ष यान के ज़रिए वापसी का विकल्प है.
नासा को क्रू का रोटेशन बेहतर विकल्प महसूस हुआ, भले ही इसकी वजह से अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस स्टेशन में कई महीने गुजारने पड़े.
हालांकि बोइंग ने लगातार दावा किया कि सुनीता और बुच को स्टारलाइनर के ज़रिए वापस लाना सुरक्षित है.