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Monday, December 23, 2024

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Organic Farming: उर्वरक कई बीमारियों का स्रोत हैं, जैविक खेती अपनाएं

 

Organic Farming: उर्वरक कई बीमारियों का स्रोत हैं, जैविक खेती अपनाएं

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि अब यह साबित हो चुका है कि उर्वरकों में मौजूद रसायन उच्च रक्तचाप, मधुमेह, थायराइड और यहां तक ​​कि कैंसर जैसी कई स्वास्थ्य बीमारियों का स्रोत हैं।

उन्होंने कहा कि जैविक खेती 140 करोड़ भारतीयों के स्वास्थ्य से जुड़ी है।

श्री शाह की मौजूदगी में नेशनल को-ऑपरेटिव ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (एनसीओएल) और उत्तराखंड ऑर्गेनिक कमोडिटी बोर्ड (यूओसीबी) के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।

इस अवसर पर सहकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर, उत्तराखंड के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गणेश जोशी और सहकारिता मंत्रालय के सचिव आशीष कुमार भूटानी मौजूद थे।

श्री शाह ने कहा कि जैविक खेती का आंदोलन महत्वपूर्ण चरण में पहुंच गया है और भारत को दुनिया का सबसे बड़ा जैविक खाद्य उत्पादक देश बनाने में सहकारी समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका है।

उन्होंने कहा कि दुनिया भर में जैविक उत्पादों के बारे में जागरूकता है और इसके लिए एक बड़ा वैश्विक बाजार है। “जब हम इस बाजार का दोहन करके भारत की हिस्सेदारी बढ़ाते हैं, तो जैविक उत्पादों के लाभदायक व्यवसाय में हमारे किसानों की हिस्सेदारी और उनकी आय भी बढ़ती है।” उन्होंने कहा,

“उर्वरकों के इस्तेमाल से जो रसायन हमारे शरीर में जाते हैं, उनसे कई तरह की बीमारियां होती हैं। इससे जमीन की गुणवत्ता भी कम होती है, इतनी कि कई राज्यों में जमीन सीमेंट की तरह सख्त होने लगी है, जिससे बाढ़ का खतरा भी बढ़ गया है।

इसके विपरीत, पिछले नौ वर्षों से जैविक खेती के मेरे अनुभव से पता चलता है कि इस बार सात इंच बारिश होने के बावजूद सारा पानी जमीन में समा गया।

जैविक खेती से भूजल स्तर बढ़ता है, उत्पादन बढ़ता है और उपभोक्ता का स्वास्थ्य भी बेहतर होता है। इन सभी लाभों के बावजूद जैविक खेती को उचित रूप से बढ़ावा नहीं दिया गया।” उन्होंने कहा कि पहले जैविक उत्पादों की गुणवत्ता की जांच करने की कोई व्यवस्था नहीं थी और किसानों को उच्च मूल्य नहीं मिलते थे और इन उत्पादों का उपयोग करने में झिझक होती थी। उन्होंने कहा, “इस समस्या के समाधान के लिए मोदी सरकार ने एनसीओएल की स्थापना की।

अमूल और एनसीओएल मिलकर देश भर में अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रयोगशालाओं का एक नेटवर्क स्थापित करेंगे जो जैविक भूमि और उत्पादों दोनों की जांच करेंगे। वे उपभोक्ताओं को ‘भारत’ और ‘अमूल’ ब्रांड के रूप में विश्वसनीय जैविक उत्पाद उपलब्ध कराएंगे।”

एनसीओएल यह सुनिश्चित करेगा कि जैविक उत्पादों से होने वाला लाभ सीधे उत्पादक किसानों के बैंक खातों में जाए। उन्होंने कहा कि यह केवल सहकारी व्यवस्था में ही संभव है।

उन्होंने कहा कि अगले दो से तीन सालों में ‘भारत’ ब्रांड के उत्पाद सभी प्रकार के शाकाहारी खाद्य पदार्थों को कवर करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत ब्रांड के जैविक उत्पाद गुणवत्ता और जैविक गुणों के मामले में विश्वसनीय हैं और सस्ते भी हैं क्योंकि सहकारी समितियों का उद्देश्य पैसा कमाना नहीं है। उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा उत्पादित जैविक चावल, दालें और गेहूं को सरकार खरीदेगी।

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