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Friday, July 4, 2025

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जिमी कार्टर: अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति का मूंगफली किसान से व्हाइट हाउस तक का सफ़र

जिमी कार्टर (Jimmy Carter), ने एक मूंगफली किसान से लेकर अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति बनकर व्हाइट हाउस तक का सफ़र किया।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर (Jimmy Carter) का देहांत हो गया, वो 100 वर्ष के थे. जिमी कार्टर अमेरिकी इतिहास में सबसे ज़्यादा समय तक जीवित रहने वाले पूर्व राष्ट्रपति थे. उन्होंने पिछले दिनों अक्टूबर में ही अपना 100वां जन्मदिन मनाया था.

जिमी कार्टर ने दुनियाभर में लोकतंत्र और मानवाधिकारों की हिमायत करने की पहल करते हुए कार्टर सेंटर की स्थापना की थी, इसी सेंटर ने पूर्व राष्ट्रपति के निधन की पुष्टि की. कार्टर सेंटर ने बताया कि जिमी कार्टर का रविवार को जॉर्जिया स्थित उनके आवास पर निधन हुआ.

कभी मूंगफली की खेती करने वाले जिमी कार्टर ने वियतनाम युद्ध में शामिल होने से इनकार करने वाले अमेरिकी युवाओं को माफ़ी दी. वह पहले अमेरिकी नेता थे, जिन्होंने जलवायु परिवर्तन को गंभीरता से लिया.

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने इसराइल और मिस्र के बीच शांति समझौता कराने में अहम भूमिका निभाई, लेकिन ईरान में बंधक संकट और अफ़ग़ानिस्तान पर सोवियत संघ के हमले जैसे मसलों पर उन्हें संघर्ष करना पड़ा.

जिमी कार्टर ने 1979 में चीन के साथ दोस्ती की पहल करते हुए घोषणा की कि अमेरिका, चीन के साथ औपचारिक कूटनीतिक रिश्ते कायम करेगा. इसका मतलब था कि अमेरिका को ताइवान से अपने संबंध तोड़ने थे और ताइपे का दूतावास बंद करना पड़ा.

जिमी कार्टर ने राष्ट्रपति के रूप में अपना एक कार्यकाल पूरा किया, लेकिन 1980 में हुए चुनावों में वो रोनाल्ड रेगन से बुरी तरह हार गए. कार्टर को सिर्फ़ छह राज्यों में जीत मिली.

जिमी कार्टर को विश्व शांति, जलवायु परिवर्तन और मानवाधिकार के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए नोबेल शांति पुरुस्कार से सम्मानित किया गया.

नवंबर 2023 में जिमी कार्टर की पत्नी रोसालिन का निधन हो गया. पत्नी को श्रद्धांजलि देते हुए कार्टर ने लिखा, “मैंने जो कुछ भी हासिल किया उसमें वह मेरी बराबर की साझेदार रहीं.”

जिमी कार्टर त्वचा के कैंसर से पीड़ित थे और इसके लिए उनका उपचार किया गया था.

जिमी कार्टर को बास्केटबॉल और धर्म से लगाव था

जिमी कार्टर का जन्म 1 अक्टूबर 1924 को जॉर्जिया के एक छोटे से शहर प्लेन्स में हुआ था. उनका पूरा नाम जेम्स अर्ल कार्टर जूनियर था. वह चार भाई-बहनों में सबसे बड़े थे.

जिमी कार्टर के पिता मूंगफली की खेती करते थे और उनकी मां पेशे से नर्स थीं.

जिमी कार्टर स्कूली दिनों में बॉस्केटबॉल के बेहतरीन खिलाड़ी रहे. उन्होंने सात साल यूएस नेवी में सेवाएं दी और इसी दौरान उन्होंने अपनी बहन की दोस्त रोसालीन से भी शादी कर ली.

जिमी कार्टर अमेरिकी नौसेना में सबमरीन अफ़सर रहे. लेकिन 1953 में पिता की मौत के कारण उन्हें घर लौटना पड़ा और वह खेती-किसानी में जुट गए.

खेती में जिमी कार्टर का पहला साल बेहद खराब रहा, उस साल जबर्दस्त सूखा पड़ा और फसल बर्बाद हो गई, लेकिन जिमी कार्टर ने हिम्मत नहीं हाई और किसानी को कामयाब बिज़नेस बनाया.

इसके साथ ही जिमी कार्टर ने सियासत में भी हाथ आजमाना शुरू किया और स्थानीय चुनावों में जीत हासिल की. जॉर्जिया से सीनेट का चुनाव लड़ने से पहले उन्होंने लाइब्रेरी बोर्ड के चुनाव भी जीते.

जिमी कार्टर का नागरिक अधिकारों के लिए अभियान

दो बार सीनेट के लिए चुने जाने के बाद जिमी कार्टर 1970 में जॉर्जिया के गवर्नर बने. इसके बाद उन्होंने नागरिक अधिकारों के लिए कई काम किए.

जिमी कार्टर ने राष्ट्रपति के रूप में अपने पहले भाषण में नस्लीय भेदभाव पर प्रहार किया. उन्होंने साफ़तौर पर कहा, “मैं आपसे साफ़-साफ़ कहना चाहूँगा कि नस्लीय भेदभाव का दौर खत्म हो गया है.”

जिमी कार्टर ने अमेरिकी संसद की दीवार पर मार्टिन लूथर किंग की तस्वीर लगवाई और सुनिश्चित किया कि अफ्रीकी मूल के अमेरिकियों की सरकारी कार्यालयों में नियुक्ति हो. हालाँकि कार्टर को ईसाई धर्म और उदारवाद में संतुलन बनाए रखने में मुश्किलात आए.

जिमी कार्टर ने जब गर्भपात क़ानून का मामला सामने आया तब एक तरफ उन्होंने गर्भपात का समर्थन तो किया, लेकिन साथ ही उन्होंने इसके लिए पर्याप्त फंड भी नहीं दिया.

राष्ट्रपति के रूप में कार्यालय में पहले ही दिन जिमी कार्टर ने लाखों अमेरिकी युवाओं को माफ़ी का एलान किया, जिन्होंने वियतनाम युद्ध में जाने से इनकार कर दिया था.

जिमी कार्टर ने कई अहम ओहदों पर महिलाओं की नियुक्ति की. इसके अलावा वह पहले अमेरिकी राष्ट्रपति थे, जिन्होंने जलवायु परिवर्तन को गंभीरता से लिया. जिमी कार्टर ने व्हाइट हाउस में जींस और स्वेटर पहना और गर्मी बढ़ाने वाले बिजली उपकरणों को बंद कराया. ये संदेश दिया कि बिजली यानी ऊर्जा को गंभीरता से लेने की ज़रूरत है.

जिमी कार्टर ने राष्ट्रपति रहते हुए, व्हाइट हाउस की छत पर सोलर पैनल लगवाए, हालाँकि उनके बाद राष्ट्रपति पद संभालने वाले रोनाल्ड रेगन ने इन पैनल्स को हटवा दिया.

जिमी कार्टर के लिए चुनौतियां

अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी आने के बाद जिमी कार्टर की लोकप्रियता भी घटने लगी. उन्होंने ऊर्जा संकट से देश को निकालने के लिए कड़े कदम उठाए, इनमें पेट्रोल-डीज़ल की राशनिंग भी शामिल थी, लेकिन संसद में उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा.

यूनिवर्सल हेल्थकेयर सिस्टम बिल भी संसद में पास नहीं हो सका और बेरोज़गारी और ब्याज दरों में आई उछाल ने जिमी कार्टर की मुश्किलें बढ़ाईं.

1978 में मिस्र और इसराइल के बीच समझौता कराने में जिमी कार्टर ने अहम भूमिका निभाई और इसके लिए उनकी खूब वाहवाही भी हुई, लेकिन ईरान में अमेरिकी नागरिकों के बंधक संकट ने जिमी कार्टर को परेशान किया.

जिमी कार्टर ने बंधक संकट को सुलझाने के लिए ईरान के साथ राजनयिक संबंध तोड़ दिए और उस पर कई पाबंदियां भी लगाई.

इसके अलावा अफ़ग़ानिस्तान पर सोवियत संघ के हमले ने भी जिमी कार्टर की कठिन परीक्षा ली.

जिमी कार्टर की लोकप्रियता और रोनाल्ड रेगन से हार

जिमी कार्टर को 1980 में अपनी डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी के लिए उन्होंने सीनेटर एडवर्ड कैनेडी की गंभीर चुनौती का सामना किया और सफल रहे. लेकिन उसके बाद हुए चुनाव में सिर्फ़ 41 फ़ीसदी मत ही हासिल कर पाए.

रिपब्लिकन पार्टी के रोनाल्ड रेगन ने उन्हें चुनावों में हरा दिया.

अपने कार्यकाल के अंतिम दिन जिमी कार्टर ने ईरान के साथ बंधक संकट के ख़त्म होने का एलान किया. लेकिन बंधक हुए अमेरिकी नागरिक राष्ट्रपति रेगन के शपथ समारोह के बाद ही ईरान से अमेरिका के लिए रवाना हो सके.

जब उन्होंने पद छोड़ा उस वक्त उनकी लोकप्रियता किसी भी अन्य किसी अमेरिकी राष्ट्रपति की तुलना में सबसे कम थी.

अमेरिकी सरकार की ओर से जिमी कार्टर ने उत्तर कोरिया के साथ बातचीत की. साथ ही साल 2002 में जिमी कार्टर, थियोडोर रूज़वेल्ट और वूड्रो विल्सन के बाद नोबेल पुरस्कार जीतने वाले तीसरे राष्ट्रपति बने. वे ऐसे पहले राष्ट्रपति बने जिन्हें ये विख्यात पुरस्कार पद छोड़ने के बाद मिला.

नोबेल पुरस्कार स्वीकर करने के बाद दिए अपने भाषण में जिमी कार्टर ने कहा था, “सबसे गंभीर समस्या, पृथ्वी पर सबसे अमीर और सबसे गरीब के बीच बढ़ती खाई है.”

नेल्सन मंडेला के साथ, उन्होंने ‘द एल्डर्स’ नाम की एक संस्था बनाई जो शांति और मानवाधिकारों पर काम करने वाले वैश्विक नेताओं का एक समूह था.

जिमी कार्टर कहते थे कि अमीरी की चाह नहीं

रिटायर होने के बाद जिमी कार्टर ने एक साधारण लाइफ़ स्टाइल को तरजीह दी. उन्होंने आकर्षक भाषणों और कॉर्पोरेट जगत से परहेज किया.

अपने राष्ट्रपति काल से ही जिमी कार्टर साफ़ कहते थे कि उन्हें पैसे नहीं कमाने हैं. जिमी कार्टर ओवल ऑफिस में अपने समय से पैसा नहीं कमाना चाहते थे

एक बार वॉशिंगटन पोस्ट को जिमी कार्टर ने बताया था, “इसमें क्या ग़लत है? जो लोग पैसे कमाते हैं वो ग़लत नहीं हैं. लेकिन अमीर होना कभी भी मेरी महत्वकांक्षा नहीं रही है.”

वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक जिमी कार्टर के घर की कीमत $167,000 थी. ये उनकी सेवा में तैनात सीक्रेट सर्विस की गाड़ियों से भी कम थी.

साल 2015 में उन्होंने कहा था कि उन्हें कैंसर है जिसका इलाज चल रहा है.

कार्टर के जीवन में धर्म का ख़ास स्थान था.

एक बार उन्होंने कहा था, “आप सार्वजनिक सेवा और धर्म के बीच का नाता नहीं तोड़ सकते. मैंने कभी भी भगवान और अपने सियासी फ़र्ज़ में कोई द्वंद्व नहीं पाया है.”

जिमी कार्टर का व्यक्तिगत जीवन एक किसान के जैसा, ईमानदार और साधारण आचरण वाला था, जो उनके राजनैतिक जीवन में भी प्रभावी रहा।

 

 

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