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Friday, January 10, 2025

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शिगात्से भूकंप (Shigatse earthquake) अन्य हिमालय क्षेत्र के लिए खतरे की घंटी है?

शिगात्से भूकंप (Shigatse earthquake), 7.1 तीव्रता का भूकंप गहरी नींद में सो रहे,तिब्बत के आस-पास के अन्य हिमालय क्षेत्र जैसे उत्तरी बंगाल के दार्जिलिंग, सिक्किम, भूटान या नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र के लिए आने वाले खतरे की चेतावनी की घंटी है

शोधकर्ताओं का कहना है कि शिगात्से (Shigatse) का क्षेत्र, उत्तरी बंगाल के सिक्किम-दार्जिलिंग क्षेत्र भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों की अभिसारी (एक बिंदु में मिलने वाली) सीमा के पास स्थित है, और उत्तरी बंगाल के दार्जिलिंग-सिक्किम क्षेत्र (Darjeeling-Sikkim region) ‘भूकंपीय क्षेत्र’ IV (Seismic Zone IV) में आता है, जिससे यह क्षेत्र भूकंप के लिए अति संवेदनशील है.

रात के अंधेरे को हटा, सूरज की किरणों के साथ सुबह की नींद को विदा कर रहे दार्जिलिंग-सिक्किम क्षेत्र (Darjeeling-Sikkim region) को, प्रकृति की तरफ से, मंगलवार सुबह करीब 6.35 बजे हिमालय पर्वत के उस पार से एक चेतावनी मिली, जब रिक्टर पैमाने पर 7.1 की तीव्रता वाले भूकंप (earthquake with a magnitude of 7.1 on the Richter scale) ने चीन प्रशासित तिब्बती (Chinese occupied Tibetan) क्षेत्र, शिगात्से (Shigatse earthquake) में व्यापक तबाही मचा दी।

चीन की आधिकारिक समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, शिगात्से भूकंप (Shigatse earthquake) में सैकड़ों लोग मारे गए हैं या घायल हुए हैं, जिसका केंद्र तिब्बत का दूसरा सबसे बड़ा शहर शिगात्से (Shigatse) था, जो भारत की सीमा के करीब है। भूकंप से करीब हजारों इमारतें भी क्षतिग्रस्त हो गईं हैं।

भूकंप का केंद्र यूरेशियन और भारतीय प्लेटों (Earthquake epicentre was in north of the boundary of Eurasian and the Indian tectonic plates) के बीच की सीमा के उत्तर में स्थित था।

शोधकर्ताओं ने कहा कि दार्जिलिंग-सिक्किम क्षेत्र (Darjeeling-Sikkim region) भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों की अभिसारी सीमा के पास स्थित है।

दार्जिलिंग भूकंपीय क्षेत्र IV (Darjeeling Seismological Zone IV) में आता है, जिससे यह भूकंप के लिए अति संवेदनशील है।

यूरेशियन और भारतीय प्लेटों के बीच की सीमा के पास के क्षेत्र में पहले भी बड़े भूकंप दर्ज किए गए है।

यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) ने कहा कि पिछली सदी में, शिगात्से (Shigatse earthquake) के 250 किमी के दायरे में छह और उससे अधिक तीव्रता वाले 10 भूकंप आए थे।

“इसमें 2015 का M7.3 नेपाल भूकंप शामिल है, जो दक्षिण-पश्चिम में लगभग 160 किमी दूर स्थित था और 1934 का M8.0 भूकंप, जो दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम में लगभग 160 किमी दूर स्थित था।

2015 का M7.3 नेपाल भूकंप 25 अप्रैल, 2015 के M7.8 नेपाल भूकंप का आफ्टरशॉक था। 2015 की घटनाओं के इस क्रम के परिणामस्वरूप 8,669 मौतें हुईं और व्यापक क्षति हुई,” USGS ने कहा।

25, 26 और 27 अप्रैल 2015 को नेपाल में आए भूकंप के कारण दार्जिलिंग में तीन अलग-अलग झटके महसूस किए गए। 27 अप्रैल को आए भूकंप का केंद्र दार्जिलिंग जिले का मिरिक था।

18 सितंबर 2011 को सिक्किम में 6.9 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 100 से ज़्यादा लोग मारे गए थे।

जानकारों का कहना है कि,  भूकंप के डर के बावजूद दार्जिलिंग की पहाड़ियों में ऊंची इमारतों का निर्माण कार्य जारी है। न तो सरकार ऊंची इमारतों पर लगाम लगाने की परवाह करती है और न ही लोगों को ऐसी गतिविधियों के नतीजों का डर है।

पश्चिम बंगाल नगर पालिका भवन नियम 2007 के नियम 162 के तहत, पहाड़ी इलाकों में नागरिक निकाय 11.5 मीटर की ऊंचाई तक की इमारतों के लिए योजनाओं को मंजूरी दे सकते हैं।

13.5 मीटर तक के निर्माण के लिए नागरिक निकायों को राज्य सरकार की पूर्व स्वीकृति लेनी होती है।

जानकारों का कहना है कि, स्थानीय लोग पर्यटन द्वारा, अपनी आजीविका चलाने के लिए के लिए पहाड़ी क्षेत्रों में दोषपूर्ण निर्माण विधियों को तेजी से अपना रहे हैं। पहाड़ियों में, लोग खंभों पर इमारतें बनाते हैं और यह खतरनाक है। भूकंप के दौरान खंभों का डोमिनोज़ प्रभाव पड़ता है।

मंगलवार के भूकंप के प्रभाव में, जलपाईगुड़ी उपखंड अधिकारी के कार्यालय में बांग्ला सहायता केंद्र के सनशेड पर दरार आ गई। बाद में दिन में शेड गिर गया।

कई पुरानी इमारतों की मरम्मत केवल प्लास्टर से दरारें भरकर की जाती है। यह एक अच्छा विचार नहीं है।

एक जानकार ने कहा, मरम्मत के दौरान संरचनात्मक स्थिरता बहाल करने पर ध्यान दिया जाना चाहिए, जिसका मतलब है कि दीवारों और छतों पर कुछ लोहे की सलाखें या मजबूत जाल लगाना।

दार्जिलिंग-सिक्किम क्षेत्र (Darjeeling-Sikkim region) के लोगों को और प्रशासन को आने वाले कल को ध्यान में रखकर, सुरक्षित निर्माण और प्राकृतिक आपदा संभावित क्षेत्र से दूरी बना कर रहना चाहिए।

तिब्बती शहर, शिगात्से भूकंप (Shigatse earthquake) के संबंध में चीनी मीडिया की तरफ बहुत सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है।, लेकिन सीमित संसाधनों वाले इस पहाड़ी तिब्बती क्षेत्र में सरकारी सुविधाओं का अभाव रहता है और ज्यादातर इस  तिब्बती क्षेत्र का सरकारी सेना अपने लिए उपयोग करती है, जिससे स्थानीय तिब्बती आबादी को बहुत सारी मुश्किलों का सामान्य करना पड़ता है।

 

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