बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष खालिदा जिया आधी रात ढाका के हज़रत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से लंदन के लिए रवाना हुई थीं.
79 वर्षीय बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया अपने घर से रात 8:12 बजे निकल गई थीं और क़तर से प्लेन 10 बजे पहुँचा था उसके बाद वह आधी रात 11:47 बजे ढाका के हज़रत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से लंदन के लिए रवाना हुई थीं.खालिदा जिया को विदा करने बड़ी संख्या में बीएनपी के समर्थक एयरपोर्ट पर जुटे थे.
खालिदा जिया लंबे समय से सक्रिय राजनीति से बाहर रहने पर मजबूर थीं. लेकिन वह लंदन ऐसे समय गईं, जब उनकी अपनी ही पार्टी देश में आम चुनाव की मांग कर रही है जो बांग्लादेश की राजनैतिक स्थिति पर कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है। कई लोग ये आरोप लगा रहे हैं कि अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद युनूस जानबूझकर चुनाव में देरी कर रही है.
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पाँच अगस्त 2024 को सत्ता में आई थी और इसके प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने उस समय जल्द ही चुनाव कराने का वादा किया था, लेकिन वह और उनके समर्थक जल्दी चुनाव कराने के मूड में नहीं दिख रहे हैं.
अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद युनूस ने जल्द ही चुनाव कराने का वादे के लिए, अब नए बहाने के साथ इसका बचाव करते नजर आते हैं, अब अंतरिम सरकार प्रमुख मोहम्मद युनूस का कहना है कि चुनाव सुधारों के बाद ही चुनाव कराए जाएंगे.
बीएनपी के महासचिव मिर्ज़ा फ़खरुल इस्लाम आलमगीर ने कहा कि खालिदा जिया, छह सालों से जेल में थीं.
आलमगीर ने कहा, “क़ैद के दौरान वह गंभीर रूप से बीमार थीं. उन्हें इलाज की ज़रूरत थी और हम शेख़ हसीना की सरकार से विदेश में इलाज के लिए आग्रह करते रहे, लेकिन अनुमति नहीं मिली थी.”
बुधवार को हीथ्रो एयरपोर्ट पर खालिदा जिया का विमान उतरा और वहां अगवानी में उनके बेटे तारिक़ रहमान मौजूद थे.
तारिक़ रहमान की अपनी माँ से लगभग सात सालों बाद मुलाक़ात हुई. तारिक़ रहमान के साथ उनकी पत्नी ज़ुबैदा रहमान भी एयरपोर्ट पर मौजूद थीं.
तारिक़ रहमान बीएनपी के कार्यकारी अध्यक्ष हैं. रहमान पिछले कई सालों से लंदन में रह रहे हैं और वहीं से पार्टी चलाते हैं.
खालिदा जिया का बांग्लादेश छोड़ना क्या मोहम्मद यूनुस की चाल?
खालिदा जिया लंबे समय से सक्रिय राजनीति से बाहर रहने पर मजबूर जरूर थीं, लेकिन वह ऐसे समय देश से बाहर गईं, जब उनकी अपनी ही पार्टी देश में आम चुनाव की मांग कर रही है खालिदा जियाका भी देश से बाहर जाना, बांग्लादेश की राजनैतिक स्थिति पर कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है। कई लोग ये आरोप लगा रहे हैं कि अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद युनूस जानबूझकर चुनाव में देरी कर रही है.
बांग्लादेश के एक पत्रकार सलाहुद्दीन शोएब चौधरी ने एक्स पर लिखा है कि पहले मोहम्मद यूनुस और उनके छात्र समर्थकों ने शेख़ हसीना को सत्ता से बाहर किया और अब चुनाव नहीं करा कर ये बीएनपी को भी रास्ते से हटाना चाहते हैं.
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस जल्दी चुनाव कराने के मूड में नहीं दिख रहे हैं. हालांकि मोहम्मद युनूस ने जल्द चुनाव कराने का वादा जरूर किया था और अब अंतरिम सरकार का कहना है कि चुनाव सुधारों के बाद ही चुनाव कराए जाएंगे.
अतीत के अनुभवों और राजनीतिक संदर्भों को देखते हुए सवाल उठ रहा है कि अब ख़ालिदा ज़िया वापस आएंगी या नहीं?
बीएनपी एडवाइजरी काउंसिल के सदस्य सैयद हुसैन अलाल ने कहा, ”बांग्लादेश के लोग शायद निराश होंगे क्योंकि अतीत के अनुभव बहुत ख़राब रहे हैं. लेकिन हमें डरने की ज़रूरत नहीं है. फिर भी हम सतर्क हैं.”
बीएनपी की स्टैंडिंग कमिटी के सदस्य डॉ मुशर्रफ़ हुसैन ने बीबीसी बांग्ला से कहा, ”हम उम्मीद करते हैं कि खालिदा जिया इलाज से ठीक होने के बाद देश का नेतृत्व करने आएंगी.”
ढाका यूनिवर्सिटी में लेक्चरर ज़ुबैदा नसरीन कहती हैं, ”खालिदा जिया की पार्टी में तनाव का मुख्य कारण है कि लंदन ट्रिप को राजनीतिक संदर्भ में देखा जा रहा है. पार्टी नेताओं के बीच इस सवाल पर सबसे ज़्यादा चर्चा हो रही है कि क्या खालिदा जिया इलाज के बाद सामान्य तरीक़े से वापस आ पाएंगी या वापसी में दिक़्क़त होगी.”
इससे पहले, 2007 में सेना समर्थित केयरटेकर सरकार ने अवामी लीग की अध्यक्ष शेख़ हसीना को वापस लौटने से रोक दिया था. तब शेख़ हसीना के सामने शर्त रखी गई थी कि वह आने के बाद सक्रिय राजनीति से दूर रहेंगी.
बांग्लादेश में क्या राजनैतिक पार्टियों को खत्म किया जा रहा ?
पाँच अगस्त 2024 को शेख़ हसीना बांग्लादेश छोड़ भारत आ गई थीं और तब से अंतरिम सरकार की कमान मोहम्मद यूनुस के पास है.
मोहम्मद यूनुस को सेना का भी समर्थन हासिल है. बांग्लादेश की दो प्रमुख राज नेता देश से बाहर चली गई, या बाहर चले जाने का माहौल बना कर बाहर भेज दिया गया है।
पिछले साल पाँच अगस्त से शेख हसीना भारत में हैं और खालिदा जिया भी अब लंदन चली गई हैं.
खालिदा जिया ने इलाज के लिए बांग्लादेश तब छोड़ा है, जब अंतरिम सरकार के क़रीबियों ने नई राजनीतिक पार्टी बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. वहीं सरकार का एक समूह कह रहा है कि पहले चुनाव सुधार होगा, तभी चुनाव की घोषणा होगी.
अंतरिम सरकार की इस बात के लिए आलोचना हो रही है कि सरकार में रहते हुए नई राजनीति पार्टी कैसे बनाई जा सकती है. लेकिन इसके जवाब में लोग कह रहे हैं कि ज़िया-उर रहमान जब सत्ता में थे, तभी उन्होंने नई पार्टी बनाई थी.
वैसे एक और एशिया के अस्थिर देश पाकिस्तान के इतिहास में इस तरह के कई उदाहरण मोजूद हैं, जिसमें सत्ता में रहकर राजनैतिक पार्टी बना, चुनाव के रास्ते वापस सत्ता हासिल की।
अभी तक यह भी स्पष्ट नहीं है कि बीएनपी के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक़ रहमान कब वापस लौटेंगे. अब खालिदा जिया भी लंदन चली गईं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि पार्टी का क्या होगा?
देश लौट पाएंगी खालिदा जिया?
हाल ही में बांग्लादेश के सेना प्रमुख वक़ार-उज़-ज़मां और खालिदा जिया की मुलाक़ात हुई थी. इस मुलाक़ात को लेकर भी कई तरह की अटकलों का बाज़ार गर्म है क्योंकि, इससे पहले पाँच अगस्त 2024 को भी शेख़ हसीना की सरकार को, अंतरिम सरकार प्रमुख मोहम्मद यूनुस के समर्थकों द्वारा हिंसक रूप से हटाए जाने के समय भी बांग्लादेश के सेना प्रमुख और शेख़ हसीना की मुलाकात हुई थी जिसके बाद ही उन्होंने देश छोड़ दिया था।
हालांकि खालिदा जिया के विदेश जाने को लेकर पिछले कुछ महीनों से चर्चा गर्म थी. इस यात्रा में देरी के कई कारण हो सकते है जैसे, खालिदा जिया देखना चाह रही थीं कि देश की राजनीति किस करवट जाती है.
बीएनपी के सीनियर नेताओं का कहना है कि खालिदा जिया इलाज के लिए गई हैं और इसे सियासी चश्मे से नहीं देखना चाहिए. खालिदा जिया के बेटे, बहू और उनके बच्चे भी लंदन में ही रहते हैं और इनकी मुलाक़ात भी वर्षों से नहीं हुई थी.
ज़ुबैदा नसरीन कहती हैं, ”बांग्लादेश में अभी राजनीतिक पार्टियों की नहीं चल रही है. ऐसे में खालिदा जिया के लंदन जाने पर कई तरह की बातों को हवा मिली है.
अवामी लीग पूरे सियासी परिप्रेक्ष्य से ग़ायब है. ऐसे में बीएनपी सबसे बड़ी पार्टी है. ऐसी स्थिति में खालिदा जिया कहीं जाएंगी तो लोग बातें तो करेंगे ही.
बीएनपी नेताओं और कार्यकर्ताओं के जेहन में अतीत के अनुभव अब भी ज़िंदा होंगे. बीएनपी एक तरफ़ जल्द चुनाव की मांग कर रही थी और दूसरी तरफ़ खालिदा जिया लंदन चली गईं. यहाँ पहले तो यह उम्मीद की जा रही थी कि तारिक़ रहमान वापस आएंगे. ऐसे में सवाल उठना बहुत स्वाभाविक है.”
शेख़ हसीना के बाद खालिदा जिया के भी बांग्लादेश छोड़ देने के बाद अंतरिम सरकार प्रमुख मोहम्मद यूनुस द्वारा सत्ता पर बने रहने की मंशा नजर आती दिख रही है।