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Friday, July 4, 2025

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चीन के फ़ैशन ब्रांड शीन (Shein) के कामगार किन हालात में करते हैं काम?

शीन (Shein) चीन का (चाइनीज फास्ट फैशन) ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और ब्रांड है। शीन (Shein) को भारत सरकार द्वारा सुरक्षा चिंताओं के कारण 2020 में प्रतिबंधित करने के बाद, शीन (Shein) ब्रांड अब मुकेश अंबानी की रिलायंस रिटेल के साथ साझेदारी के माध्यम से भारत में वापसी कर रहा है।

शीन (Shein) अपने प्रोडक्टस का उत्पादन चीन के ग्वांगझू , या गुआंगज़ौ (Guangzhou) में कम कीमत में करवा कर भारत सहित दुनिया के कई देशों में बेचता है।

चीन के ग्वांगझू के ‘शीन विलेज’ में कम कीमत में तैयार इन कपड़ों का भारत, बांग्लादेश या अन्य कपड़ा उत्पादक देशों के कपड़ा उद्योगों पर भी असर पड़ रहा है।

इसका मुख्य कारण चीन के ग्वांगझू के ‘शीन विलेज’ (Shein village) में बेरोजगारी और मंहगाई के कारण, कम मजदूरी, कम सुविधायों और कार्यस्थल की विषम परिस्थितियों में भी काम करते श्रमक है जिसका मुकाबला किसी भी लोकतान्त्रिक देश में संभव नहीं है।

आइए जानते है एक चीन के ग्वांगझू , या गुआंगज़ौ (Guangzhou) के ‘शीन विलेज’ (Shein village) और शीन (Shein) के सस्ते उत्पादों की सच्चाई।

ग्वांगझू , या गुआंगज़ौ (Guangzhou), शंघाई, बीजिंग, शेन्ज़ेन और चोंगकिंग के बाद शहरी आबादी के हिसाब से चीन का पांचवां सबसे अधिक आबादी वाला शहर है।

ग्वांगझू में उपोष्णकटिबंधीय मानसून (गीला-शुष्क) जलवायु है, जिसमें मौसम गर्म, गीला, गर्म और आर्द्र होता है।

पर्ल नदी पर स्थित ग्वांगझू चीन का सबसे महत्वपूर्ण बंदरगाह भी है ग्वांगझू की समुद्री विरासत 2,000 साल से भी ज़्यादा पुरानी है और इसका विशाल बंदरगाह चीन का मुख्य परिवहन और व्यापार केंद्र है।

ग्वांगझू पुराने सिल्क रोड के शुरुआती बिंदुओं में से एक था, जो एशिया के लिए एक व्यापारिक मार्ग था।

यह कपड़ा उद्योग का एक प्रमुख केंद है या यों कहे तो चीन की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण आधार स्तंभ है। यहाँ रात दिन, मजदूर के काम और सिलाई मशीनों का शोर सुनाई देता रहता है जो  सुबह से लेकर देर रात तक इनकी आवाज़ें खुली खिड़कियों से बाहर आती हैं.

ग्वांगझू में टी-शर्ट, शॉर्ट्स, ब्लाउज़, पैंट और स्विमवियर बनाए जा रहे हैं जिन्हें 150 से अधिक देशों को भेजा जाएगा.

इस शहर के एक इलाके को ‘शीन विलेज’ के नाम से जाना जाता है. जो दुनिया के सबसे बड़े फ़ास्ट फ़ैशन रिटेलर ‘शीन’ को फाइनल उत्पाद सप्लाई करने वाली फ़ैक्ट्रियों का गढ़ भी है।

ग्वांगझू  के ‘शीन विलेज’ में आमतौर पर श्रमिक को लगातार 12 घंटे प्रतिदिन के हिसाब से काम करना पड़ता है, जोकि चीनी श्रम क़ानूनों का उल्लंघन है लेकिन यही श्रम और श्रमिक का कार्य के प्रति लगाव चीन के ब्रांड शीन’ और चीन के विशाल आर्थिक साम्राज्य की धड़कन भी है

गुमनामी से दिग्गज कंपनी बनने का सफ़र

ग्वांगझू उन ग्रामीण मज़दूरों के लिए एक औद्योगिक केंद्र है, जो अच्छी आमदनी के लिए यहां आते हैं. यहां या पूरे चीन में जो लंबे समय से दुनिया की बेमिसाल फ़ैक्ट्री रहा है, काम के इतने घंटे होना कोई असमान्य बात नहीं है.

लेकिन शीन (Shein) को लेकर उठते सवालों की सूची में अब यह भी शामिल हो गया है. एक गुमनाम चीनी व्यक्ति की स्थापित की गई कंपनी शीन, महज पांच सालों में ही वैश्विक दिग्गज कंपनी बन गई है.

अभी भी इसका मालिकाना हक निजी है, लेकिन 2023 में इसकी कुल संपत्ति 66 अरब डॉलर थी. अब यह लंदन स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग पाने की कोशिश में है.

हालांकि शीन (Shein), इसकी तेज़ वृद्धि, मज़दूरों के साथ इसके बर्ताव और बंधुआ मज़दूरी के आरोपों के विवाद से घिरी रही है.

पिछले साल ही शीन ने चीन में अपनी फ़ैक्ट्रियों में बाल श्रम (Child labour in the ‘Sheen’ factory) के पाए जाने की बात स्वीकार की थी.

“चीन के उद्योग-जगत में जटिल और थकादेने वाली कार्यशैली, निम्न स्तर का कार्य स्थान, सुविधाएं, वातावरण तथा अंतहीन कार्य दिवस के बावजूद लोग इन नौकरियों को पाने क लिए लंबी लंबी कतारों में खड़े रहते हैं। और शायद यही अधिक विश्व की आर्थिक महाशक्ति की अंदरूनी ताकत है “

बीबीसी की एक न्यूज के अनुसार, शीन (Sheen) ने बीबीसी को भेजे एक बयान में कहा, “शीन अपने सप्लाई चेन में सभी श्रमिकों के साथ निष्पक्ष और सम्मानजनक व्यवहार सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध है.”

बयान के अनुसार, “कंपनी प्रशासन और नियमों के अनुपालन में करोड़ों डॉलर निवेश कर रही है.”

“हम वेतन में उच्चतम मानदंड स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं और सभी सप्लाई चेन साझीदारों से हमारे मानकों का पालन करने की उम्मीद करते हैं. इसके अलावा नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए शीन लेखा परीक्षकों के साथ मिल कर काम कर रही है.”

शीन (Shein) की सफलता इसके विशाल उत्पादन में है. इसके ऑनलाइन उत्पाद लाखों में हैं और इन पर भारी डिस्काउंट दिया जाता।

‘एचएंडएम’, ‘ज़ारा’ और ब्रिटेन के ‘प्रिमार्क जैसे ब्रांडों को पीछे छोड़ते हुए ‘शीन’ की कमाई बहुत आगे निकल गई है. शीन द्वारा दिया गया भारी डिस्काउंट, क़ीमतों में कटौती ‘शीन विलेज’ (Sheen Village) जैसी सस्ते श्रम और निम्नस्तर की सुविधाओं वाली जगहों पर हो रहे कम लागत वाले उत्पादन की बदौलत है, जहां हजारों फ़ैक्ट्रियां शीन की सप्लायर हैं।

मज़दूरों को कितने घंटे काम करना पड़ता है?

‘शीन विलेज’ (Sheen Village) में उत्पादन से संबंधित सामान जैसे, सिलाई मशीनें, धागे के रोल्स और कपड़े के रद्दी से भरे बैग रखने के लिए इमारतों को खाली कर दिया गया है. जिसमें डिलीवरी और अन्य संग्रह के लिए इनके बेसमेंट और निचले तल के दरवाज़े हमेशा खुले रहते हैं.

रात के 10 बजने के बाद भी सिलाई मशीनों और उसपर काम करने वालों की रफ़्तार कम नहीं होती क्योंकि और अधिक धागे ट्रकों से पहुंचते रहते हैं।

आम तौर पर लोग एक दिन में 12 घंटे काम करते हैं और जिसमें रविवार को भी काम करना पड़ता है।

चीन के उद्योग-जगत में जटिल और थकादेने वाली कार्यशैली, निम्न स्तर का कार्य स्थान, सुविधाएं, वातावरण तथा अंतहीन कार्य दिवस के बावजूद लोग इन नौकरियों को पाने क लिए लंबी लंबी कतारों में खड़े रहते हैं। और शायद यही अधिक विश्व की आर्थिक महाशक्ति की अंदरूनी ताकत है।

फ़ैक्ट्रियों को ऑर्डर पर कपड़े बनाने का ठेका दिया जाता है. इनमें से कुछ छोटी हैं और कुछ बड़ी. अगर प्रोडक्ट हिट है तो ऑर्डर बढ़ जाते हैं और उत्पादन भी.

कम वेतन , मजदूरी और विषम कार्यशैली की परिस्थितियों में परमानेंट वर्कर कई बार अधिक उत्पादन की मांग को पूरा नहीं कर पाते, इसलिए फ़ैक्ट्रियां अस्थाई मज़दूरों को काम पर लगाती हैं.

प्रवासी मज़दूर छोटे समय के ठेके वाले काम की तलाश में रहते हैं जिससे वह जल्दी मजदूरी का भुगतान पाकर अपने परिवार, बच्चों को भेज सकें। लेकिन, इसमें कम कमाई और अधिक महंगाई के चलते उनको और अधिक घंटों तक और लगातार महीनों तक बिना छुट्टी के काम करना पड़ता है।

मज़दूरों को कितना मिलता है वेतन?

ग्वांगझू के ‘शीन विलेज’ (Sheen Village) में आम तौर पर काम के घंटे सुबह आठ बजे से रात 10 बजे तक होता है.

स्विस एडवोकेसी ग्रुप पब्लिक आई ने भी शीन के लिए कपड़े बनाने वाली फ़ैक्ट्रियों के 13 टेक्सटाइल वर्करों से बातचीत के बाद ऐसा ही कुछ पाया था.

उन्होंने पाया कि कई मज़दूर बहुत अधिक ओवरटाइम करते हैं. बिना ओवरटाइम के बेसिक वेतन 2,400 युआन (28,370 रुपये) होता है. ये एशिया फ़्लोर वेज अलायंस के मुताबिक़ ‘लिविंग वेज’ के लिए ज़रूरी राशि 6,512 युआन (76,978 रुपये) से कम है.

लेकिन जिन वर्करों से हम बात कर पाए, वे प्रति माह 4000 से 10,000 युआन (47,283 से 118 हज़ार रुपये) के बीच वेतन पा रहे थे.

एशिया फ़्लोर वेज अलायंस के डेविड हैचफ़ील्ड ने कहा, “काम के ये घंटे असमान्य नहीं हैं लेकिन यह साफ़ है कि यह ग़ैरक़ानूनी है और बुनियादी मानवाधिकार का उल्लंघन है. यह शोषण का चरम रूप है और इस पर ग़ौर करने की ज़रूरत है.”

चीनी श्रम क़ानूनों के अनुसार, सप्ताह में औसतन 44 घंटे से अधिक काम नहीं लिया जा सकता और नियोक्ताओं को सप्ताह में एक दिन का विश्राम सुनिश्चित करना चाहिए. अगर नियोक्ता इसे बढ़ाना चाहते हैं तो उसके पीछे विशेष कारण होना चाहिए.

अमेरिका के निशाने पर क्यों है शीन?

शीन (Shein) का हेडक्वार्टर सिंगापुर में है और उसकी तरफ़ से इस बात से इनकार नहीं है कि उसके अधिकांश उत्पाद मेड इन चाइना हैं.

लेकिन चीन की सफलता ने वॉशिंगटन का भी ध्यान आकर्षित किया है, जोकि चीनी कंपनियों को लेकर अधिकाधिक चिंतित है.

डोनाल्ड ट्रंप ने मार्को रूबियो को अपना विदेश मंत्री घोषित किया था. रूबियो ने बीती जून में कहा था कि ‘पीपल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना के साथ शीन के गहरे संबंधों को लेकर उन्हें गंभीर नैतिक आशंकाएं थीं.’

उन्होंने लिखा, “ग़ुलाम श्रमिक, स्वेटशॉप (कम वेतन, काम के खराब और शोषणकारी हालात वाली जगहें) और व्यापारिक चालबाज़ियां शीन की सफलता के पीछे का रहस्य हैं.”

ग्वांगझू में शीन (Shein) के सप्लायरों के हालात, काम के लंबे घंटे, अनुचित और शोषणकारी है.

क्या हैं आरोप और पारदर्शिता मांगें?

वर्करों को प्रति पीस भुगतान किया जाता है. एक सामान्य टी-शर्ट बनाने में एक डॉलर से भी कम भुगतान होता है

मशीनें ही ज़िंदगी की लय को तय करती हैं. ये तभी रुकती हैं जब वर्कर मेटल की प्लेटें और चॉप स्टिक्स हाथों में लिए कैंटीन में खाना खरीदने के लिए जाते हैं. अगर जगह नहीं मिलती तो वे सड़क पर खड़े-खड़े खाते हैं.

महज 20 मिनट में खाना ख़त्म करने वाली एक महिला ने कहा, “मैं इन फ़ैक्ट्रियों में 40 साल से अधिक समय से काम कर रही हूं.” यह उनके लिए एक सामान्य दिन की तरह था.

डेलावेयर यूनिवर्सिटी के फ़ैशल एंड अपैरल स्टडीज़ में प्रोफ़ेसर शेंग लू का कहना है, “यह उनकी प्रतिष्ठा को लेकर है. अगर शीन आईपीओ लाने में सफल होती है तो इसका मतलब है कि उसकी पहचान एक अच्छी कंपनी के रूप में होगी. लेकिन अगर उन्हें अपने निवेशकों का भरोसा बनाए रखना है तो उन्हें कुछ ज़िम्मेदारी भी लेनी होगी.”

शीन (Shein), जिन सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक का सामना कर रही है, वो ये है कि कंपनी चीन के शिनजियांग इलाक़े का कपास इस्तेमाल करती है.

कभी इसे दुनिया का सबसे बढ़िया कपास माना जाता था, लेकिन इसकी चमक तब धूमिल हो गई जब मुस्लिम वीगर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों से बंधुआ मज़दूरी कराए जाने के आरोप लगे.

प्रोफ़ेसर शेंग का कहना है कि इस आलोचना का जवाब देने का एक ही तरीक़ा है कि अधिक पारदर्शिता बरती जाए.

उनके मुताबिक़, “जब तक आप अपनी फ़ैक्ट्रियों की पूरी सूची जारी नहीं करते, जब तक अपने सप्लाई चेन को सार्वजनिक रूप से पारदर्शी नहीं बनाते तब तक ये मुश्किल है और मुझे लगता है कि ‘शीन’ के लिए यह बहुत चुनौतीपूर्ण होने वाला है.”

चीन से मुक़ाबला मुश्किल क्यों?

प्रोफ़ेसर शेंग लू कहते हैं कि सबसे बड़ा फ़ायदा, चीन में ‘शीन’ का सप्लाई चेन है, “बहुत कम देशों के पास पूरी सप्लाई चेन है. चीन के पास ये है और कोई भी इसका मुक़ाबला नहीं कर सकता.”

वियतनाम और बांग्लादेश जैसे महत्वाकांक्षी प्रतिद्वंद्वी कपड़े बनाने के लिए चीन से कच्चा माल आयात करते हैं.

लेकिन चीनी फ़ैक्ट्रियां कपड़े से लेकर ज़िपर और बटन तक हर चीज़ के लिए पूरी तरह से स्थानीय स्रोतों पर निर्भर हैं. इसलिए विभिन्न प्रकार के परिधान बनाना आसान है और वे इसे तेज़ी से करने में सक्षम हैं.

यह शीन के लिए ख़ासतौर पर क़ामयाब है जिसका एलगोरिद्म उसके ऑर्डर तय करता है.

अगर ख़रीदार किसी ख़ास परिधान पर बार-बार क्लिक करते हैं या किसी ऊन के स्वेटर को अधिक देर तक देखते हैं, तो कंपनी जानती है कि फ़ैक्ट्रियों को इसे और अधिक तेज़ी से बनाने को कहना होगा.

ग्वांगझू के वर्करों के लिए यह एक चुनौती हो सकती है.

शीन के फ़ायदे और नुक़सान

एक फ़ैक्ट्री मालिक ने हमें बताया, “शीन के अपने फ़ायदे और नुक़सान हैं. अच्छी बात है कि आख़िरकार ऑर्डर बड़े होते हैं, मुनाफ़ा कम होता है लेकिन यह तय होता है.”

अपने आकार और प्रभाव को देखते हुए ‘शीन’ बहुत कड़ा मोलभाव करने वाली कंपनी है. इसलिए फ़ैक्ट्री मालिकों को लागत में कहीं और कटौती करनी पड़ती है और इसका नतीजा होता है श्रमिकों की कम तनख्वाह.

तीन फ़ैक्ट्रियों के एक मालिक ने कहा, “शीन से पहले हम खुद कपड़े बनाते और बेचते थे. हम लागत का अंदाज़ा लगा सकते थे, क़ीमत तय कर सकते थे और मुनाफ़े का हिसाब लगा सकते थे. अब शीन क़ीमतों को नियंत्रित करती है और आपको लागत कम करने के तरीक़े सोचने पड़ते हैं.”

हालांकि, जब ऑर्डर चरम पर होता है, यह त्यौहार जैसा होता है. लॉजिस्टिक कंसल्टेंसी फ़र्म शिपमैट्रिक्स के डेटा के अनुसार, कंपनी औसतन हर दिन 10 लाख पैकेज भेजती है.

शीन के एक सप्लायर गुओ किंग ई ने कहा, “शीन फ़ैशन इंडस्ट्री का स्तंभ है. शीन की जब शुरुआत हुई, तब मैंने भी शुरुआत की थी. इसके उभार का मैं गवाह हूं. सच कहूं तो चीन में शीन एक बेहतरीन कंपनी है. मुझे लगता है कि यह और मज़बूत होगी क्योंकि यह भुगतान समय से करती है. यही वो बिंदु है जहां वह सबसे अधिक भरोसेमंद है.”

“अगर हमारे सामानों का भुगतान 15 तारीख़ को तय है तो चाहे यह लाखों में हो या करोड़ो में, भुगतान समय से हो जाएगा.”

परिवार के लिए कमाने की उम्मीद

लंबे काम के घंटों और कम वेतन के साथ शीन (Shein) के सभी वर्करों के लिए जिंदगी और परिवार की जरूरतों को पूरा करना आसान नहीं है. लेकिन एक-दूसरे साथ मिलकर बात कर, मुश्किल समय को पार कर ले जाते हैं.

कई लोग आधी रात तक काम करते हैं, वे अधिक कमाना चाहते हैं जिससे अपने परिवार और बच्चों को शायद अच्छी जिंदगी और कुछ और सुविधाएं दे सकें।

 

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