ग्रीस में किड्स वॉलेट के जरिए बच्चों में सोशल मीडिया की लत रोकने के लिए अभियान शुरू किया है, यह ऑस्ट्रेलिया की तरह का अभियान है। ग्रीस ने भी अब किड्स वॉलेट के जरिए बच्चों में सोशल मीडिया और इंटरनेट की लत से बचाने के लिए कदम उठाया है. उसने सोशल मीडिया की लत को रोकने के लिए एक ऐप लॉन्च करने की घोषणा की है जो बच्चों के लिए इंटरनेट के उपयोग को नियंत्रित करेगा
बच्चों में सोशल मीडिया की लत या इंटरनेट की लत को लेकर दुनियाभर में चिंता बढ़ रही है.
बच्चों में सोशल मीडिया की लत को लेकर ग्रीस की सरकार ने एक बड़ा कदम उठाने की घोषणा की है. 2025 में ग्रीस “किड्स वॉलेट” (Kids Wallet) ऐप लॉन्च करेगा. यह ऐप बच्चों के इंटरनेट उपयोग पर नजर रखेगा और माता-पिता को नियंत्रण के आसान तरीके देगा.
ग्रीस सरकार के डिजिटल गवर्नेंस मंत्री, दिमित्रिस पापास्तेरजियू ने बताया कि यह ऐप मार्च 2025 में लॉन्च होगा. इसके जरिए बच्चों के मोबाइल पर ब्राउजिंग सीमाएं और आयु सत्यापन लागू होंगे. यह ऐप सरकार के पहले से मौजूद डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा. माता-पिता इस ऐप की मदद से यह तय कर पाएंगे कि उनके बच्चे कौन-कौन से ऐप और वेबसाइट इस्तेमाल कर सकते हैं.
पापास्तेरजियू ने कहा, “किड्स वॉलेट दो मुख्य काम करेगा. यह माता-पिता के लिए बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियां नियंत्रित करना आसान बनाएगा और उम्र की जांच का एक टूल बनेगा.” यह ऐप सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को भी जिम्मेदारी निभाने के लिए बाध्य करेगा.
एक सर्वे के मुताबिक, 9-12 साल के 76 फीसदी बच्चे व्यक्तिगत डिवाइस से इंटरनेट का उपयोग करते हैं. 22 फीसदी बच्चे अनुचित सामग्री देख चुके हैं. इसके साथ ही, कई बच्चे ऑनलाइन सेफ्टी टूल्स जैसे ब्लॉक और रिपोर्ट बटन का इस्तेमाल करना भी नहीं जानते.
ऑस्ट्रेलिया से प्रेरणा
ग्रीस का यह कदम ऑस्ट्रेलिया की हाल की सोशल मीडिया पाबंदी से प्रेरित है. ऑस्ट्रेलिया ने नवंबर में एक कानून पास किया, जिसके तहत 16 साल से कम उम्र के बच्चों पर सोशल मीडिया इस्तेमाल करने की पाबंदी लगाई गई. यह कानून सोशल मीडिया कंपनियों को बच्चों के अकाउंट रोकने के लिए बाध्य करता है. नियम तोड़ने पर 5 करोड़ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का जुर्माना होगा.
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीजी ने इसे बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी बताया था. उन्होंने कहा, “सोशल मीडिया कंपनियों ने बच्चों से बहुत मुनाफा कमाया है. अब वक्त है कि वे जिम्मेदारी दिखाएं.”
यह कानून आसान नहीं था. कई विशेषज्ञों ने चेतावनी दी थी कि इससे बच्चों को अनियमित और खतरनाक ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों की ओर धकेला जा सकता है. इसके बावजूद, अधिकांश ऑस्ट्रेलियाई नागरिक इस कानून के पक्ष में थे.
जहां ऑस्ट्रेलिया ने सख्त पाबंदी लगाई है, वहीं ग्रीस ने तकनीक का सहारा लिया है. ग्रीस का ऐप माता-पिता, बच्चों और कंपनियों को एक साथ जोड़ेगा.
ग्रीस के प्रधानमंत्री क्यारीकोस मित्सोताकिस ने इसे “बच्चों के दिमाग पर हो रहे बड़े प्रयोग” को रोकने का कदम बताया. उन्होंने कहा कि यह अभियान बच्चों और माता-पिता को शिक्षित करेगा और कंपनियों की जिम्मेदारी बढ़ाएगा.
अन्य देशों में क्या हैं कानून?
सोशल मीडिया या इंटरनेट की लत से निपटने के लिए दुनिया के अन्य देश भी कदम उठा रहे हैं. उदाहरण के लिए चीन ने 2021 में बच्चों के लिए इंटरनेट का उपयोग सीमित कर दिया था. 14 साल से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया डूयीन (टिकटॉक के चीनी संस्करण) पर दिन में 40 मिनट से ज्यादा समय बिताने की अनुमति नहीं है.
फ्रांस ने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर आयु सत्यापन लागू करने का प्रस्ताव रखा है. यहां बच्चों को माता-पिता की अनुमति के बिना सोशल मीडिया का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
अमेरिका में भी कई राज्यों ने सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया है. फ्लोरिडा में 14 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर पूर्ण प्रतिबंध का प्रस्ताव रखा गया है. हालांकि, इसे अदालत में चुनौती दी जा रही है.
दक्षिण कोरिया ने गेमिंग एडिक्शनसे निपटने के लिए “शटडाउन कानून” लागू किया है, जिसके तहत 16 साल से कम उम्र के बच्चे रात 12 बजे से सुबह 6 बजे तक ऑनलाइन गेम नहीं खेल सकते.
मानसिक स्वास्थ्य प्राथमिकता
हालांकि, इन कदमों की आलोचना भी हो रही है. निजता के अधिकार के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह बच्चों की स्वतंत्रता और गोपनीयता का उल्लंघन कर सकता है. साथ ही, विशेषज्ञों को डर है कि इससे बच्चे प्रतिबंधित सामग्री तक पहुंचने के लिए और अधिक तकनीकी रास्ते खोज सकते हैं.
लेकिन ग्रीस और ऑस्ट्रेलिया का मानना है कि बच्चों की सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए. ये कदम बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और उन्हें सुरक्षित डिजिटल माहौल देने की दिशा में उठाए गए हैं. अगर ये प्रयास सफल होते हैं, तो यह दुनिया के अन्य देशों के लिए प्रेरणा बन सकते हैं.