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Friday, July 4, 2025

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संस्कृत क्या प्रोटो-इंडो-यूरोपीय भाषा परिवार की जनक है?

संस्कृत (Sanskrit) भाषा की उत्पत्ति वैदिक संस्कृत के रूप में 5000 ईसा पूर्व में हुई थी और इस भाषा को मौखिक रूप से संरक्षित किया गया था। इस भाषा का सबसे पुराना लिखित ग्रंथ तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व का माना जाता है और संस्कृत (Sanskrit) को दुनिया की सबसे पुरानी भाषाओं में से एक माना जाता है.

संस्कृत को हिंद-आर्य भाषा भी माना जाता है जो हिंद-यूरोपीय (Indo-European language group) भाषा परिवार की एक शाखा है। और आधुनिक भारतीय भाषाएँ जैसे, हिंदी, बांग्ला, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, आदि इसी से उत्पन्न हुई मानी जाती हैं। इन सभी भाषाओं में यूरोपीय बंजारों की रोमानी भाषा का भी सम्मिश्रण है। संस्कृत को देवभाषा या देववाणी भी कहा जाता है।

प्रोटो-इंडो-यूरोपीय भाषा (Proto-Indo-European language)

संस्कृत को हिंद-आर्य भाषा भी माना जाता है जो हिंद-यूरोपीय भाषा परिवार (Indo-European language group) की एक शाखा है। आधुनिक हिन्द यूरोपीय भाषाओं में से कुछ हैं : हिन्दी, उर्दू, अंग्रेज़ी, फ़्रांसीसी, जर्मन, पुर्तगाली, स्पैनिश, डच, फ़ारसी, बांग्ला, पंजाबी, रूसी, इत्यादि। ये सभी भाषाएँ एक ही आदिम भाषा से निकली है, उसे आदिम-हिन्द-यूरोपीय भाषा (Proto-Indo-European language) का नाम दिया जा सकता है और यह संस्कृत से बहुत मिलती-जुलती थी, जैसे कि वह संस्कृत का ही आदिम रूप हो।

इन प्रोटो-इंडो-यूरोपीय भाषाओं की कुछ खास विशेषताएं है कि इन भाषाओं में संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया के कई शब्द-रूप होते थे, जो वाक्य में व्याकरण के रूप में उपस्थित होते हैं। रोज़मर्रा की चीज़ों, सामान्य काम-काज या क्रियाकलापों की क्रियाओं के लिये काम आने वाले शब्द इस परिवार की सभी प्राचीन भाषाओं में मिलते-जुलते हैं और इस आधार पर भाषाविदों ने आदिम-हिन्द-यूरोपीय भाषा (Proto-Indo-European language) या हिंद-यूरोपीय भाषा परिवार की परिकल्पना की। इन विभिन्न भाषायों के शब्दों के रूप इसलिए भी मिलते-जुलते थे क्योंकि यह एक ही प्राचीन जड़ से उत्पन्न हुए सजातीय शब्द थे।

नीचे दिये टेबल में कुछ प्राचीन और नयी हिन्द-यूरोपीय भाषाओं की आम शब्दावली के कुछ शब्द और परिकल्पित आदिम-हिन्द-यूरोपीय या प्रोटो-इंडो-यूरोपीय की पुनर्रचना दिये गये हैं  (ध्यान दें: सारणी में दिए शब्द और देवनागरी लिप्यान्तरण पूरी तरह शुद्ध नहीं हैं और इटैलिक्स में प्राचीन भाषा के शब्द दिये गये हैं)।

हिन्दी

संस्कृतलैटिनप्राचीन यूनानीआधुनिक जर्मनअंग्रेज़ी

आदिम-हिन्द-यूरोपीय

माँमातृमातेर materमैतैर meterमुटर mutterमदर mother*मातेर *mater
पितापितृपातेर paterपातैर paterफ़ाटर vaterफ़ादर father*पतेर *pater
भाईभ्रातृफ़्रातेर fraterफ्रातैर phraterब्रूडर bruderब्रदर brother*भ्रातेर *bhrater
बहिनस्वसृसोरोर sororएओर eorश्वॅस्टर schwesterसिस्टर sister*सुएसोर *swesor
कुत्ता (श्वान)श्वन्कानिस canisक्युओन kyonहुण्ड hundहाउण्ड hound*कुओन *k’won
हैअस्तिएस्त estएस्ति estiइस्ट istइज़ is*एस्ति *esti
परपत्त्रपेन्ना pennaप्तेरोन pteronफ़ेडर federफ़ेदर feather*पेत (उड़ना) *pet
भेड़अविओविस ovisओइस oisआउअ (भेड़ी) aueईउअ (भेड़ी) ewe*ओउइ *owi
अश्वअश्वएक्वु-उस equusहिप्पोस hipposएहवाज़ ehwazएओह eoh*एकुओ *ek’wo
मनमनस्मेन्स mensमेनोस menosमिन्न्-अ minneमाइण्ड mind*मेन *men
मानवमानव, मनुमन्न mannमैन man*मनु *manu
नामनामन्नोमेन nomenओनोमा onomaनामे nameनेम name*नोम्न *nomn
तू, तुमत्वम्तू tuसू suदू duदाउ thou*तु *tu
देवतादेवदेउस deusज़िउ ziu*देइवोस *deiwos
गायगौस्बोस bosबोउस bousकू kuhकाउ cow*ग्वोउ *gwou

(स्रोत: इंटरनेट)

संस्कृत भाषा की प्राचीनता

हिन्दू धर्म में संस्कृत को देवभाषा यानि देवो के द्वारा बोली जाने वाल भाषा भी कहा जाता है। वैज्ञानिकों के एक रिपोर्ट के अनुसार संस्कृत भाषा (Sanskrit Language) की उत्पत्ति प्रमाण रूस में भी मिलते हैं तथा अन्य सभी यूरोपीय भाषाएं संस्कृत भाषा से प्रेरित लगती हैं. पुरातन काल के कई अवशेषों के प्रमाणों में यूरोप से लेकर एशिया और ऑस्ट्रेलिया तक के भू-भाग पर संस्कृत भाषा का आधिकारिक प्रयोग लिखने और बोलने में किया जाता था।

भारत में संस्कृत भाषा और संस्कृति को बढ़ावा तथा संस्कृत भाषा सीखने और इसके अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के उदेश्य से संस्कृत दिवस मनाया जाता है।

1969 में, भारत सरकार ने प्राचीन भारतीय भाषा के बारे में नई पीढ़ियों को जागरूक करने के लिए रक्षा बंधन के दिन संस्कृत दिवस मनाने का फैसला किया। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार संस्कृत दिवस सावन माह की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इसी दिन रक्षा बंधन भी मनाया जाता है और इस प्रकार संस्कृत दिवस की शुरुआत सन् 1969 में हुई थी।

प्रामाणिक और अप्रामाणिक तथ्यों के अनुसार संस्कृत ही एक भाषा संस्कृत है जो बिना अपना स्वरूप बदले, ईसा से 5000 साल पहले से विश्व के कई स्थानों पर बोली जाती थी। संस्कृत एक सुसंस्कृत भाषा मानी गई है और आज भी भारत की राजभाषा है।

भारतवर्ष (विशाल भारत उपमहादीप) की सभ्यता दुनियाभर में एक उन्नत, सभ्य और सुसंस्कृत सभ्यता मानी जाती रही है और इस सुसंस्कृत सभ्यता में संस्कृत एक आधिकारिक, सभ्य और सुसंस्कृत भाषा के रूप में उपयोग होती थी। संस्कृत भाषा को व्याकरण सम्मत रूप देने में महान व्याकरणविद ऋषि पाणिनि का योगदान अतुलनीय माना जाता है। उन्होंने व्याकरण पर विश्व के सबसे विशाल और विवरण वाले संस्कृत व्याकरण ग्रंथ की रचना की।

संस्कृत भाषा का विकास वैदिक और लौकिक दो रूपों में हुआ है और भारत की अन्य प्राचीन भाषा पालि, प्राकृत तथा अपभ्रंश भाषाओं का विकास भी वैदिक तथा लौकिक संस्कृत से ही हुआ है.

संस्कृत के संबंध में कुछ विशेष जानकारियाँ

  • हिन्दू कैलेंडर के अनुसार संस्कृत दिवस हर साल श्रावण पूर्णिमा को मनाया जाता है और संस्कृत दिवस की शुरुआत साल 1969 में हुई थी।
  • हिन्दू धर्म ग्रंथ संस्कृत भाषा में रचित हैं और संस्कृत को प्रोत्साहित करके इन प्राचीन ग्रंथों और पांडुलिपियों का संरक्षण करना आसान होगा और इसमें जन-सहयोग भी मिलेगा।
  • हिन्दू कैलेंडर के अनुसार संस्कृत दिवस और रक्षा बंधन का त्योहार एक ही दिन मनाया जाता है।
  • भारत और विश्व में संस्कृत भाषा की उत्पत्ति या प्रयोग के प्रमाण लगभग ईसा से 5000 हजार साल पहले से हैं।
  • विश्व संस्कृत दिवस को संस्कृति में विश्वसंस्कृतदिनम के नाम से जाना जाता है।
  • संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए ही संस्कृत दिवस को मनाया जाता है, क्योंकि यह भारत की प्राचीन भाषा है जिसे देववाणी या देवभाषा कहते हैं।
  • देवभूमि उत्तराखंड की दूसरी आधिकारिक भाषा संस्कृत है।
  • पहला विश्‍व संस्कृत दिवस 1969 में मनाया गया था। सन् 1969 में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के आदेश से केन्द्रीय तथा राज्य स्तर पर संस्कृत दिवस मनाने का निर्देश जारी किया गया था।
  • संस्कृत दिवस के दिन कई तरह के कार्यक्रमों और सेमिनार का आयोजन होता है। जिसमें संस्कृत भाषा के महत्व और इसके प्रभाव को दर्शाने के साथ ही संस्कृति के लोकप्रिय श्लोक और कहानियों को भी बताया जाता है साथ ही इस दिवस के दौरान संस्कृत वाचन और लेखन की प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है।

संस्कृत भाषा का भविष्‍य क्या है?

संस्कृत को सभी भाषाओं की जननी मानी जाती  है, और प्राचीन काल में सभ्य समाज में उपयोग होने वाली भाषा थी, यह भाषा किसी देश या धर्म की भाषा नहीं अपितु सारे विश्व के सभ्य समाज की भाषा संस्कृत रही है और इसका उदाहरण यूरोप में वैज्ञानिकों ने अपने रिसर्च में पाया की पुरातनकाल में संस्कृत भाषा यूरोप में उपयोग होने वाली भाषा थी।

संस्कृत भाषा को देवभाषा कहा जाता है। सभी यूरोपीय भाषाएँ संस्कृत से प्रेरित लगती हैं। दुनिया भर में फैले सभी विश्वविद्यालय और शिक्षण संस्थान संस्कृत को सबसे प्राचीन भाषा मानते हैं। संस्कृत दुनिया की सबसे शुद्ध भाषा भी माना जाता है।

संस्कृत (Sanskrit) एक वैज्ञानिक भाषा ही है और यही कारण है की दुनिया भर की आकाश या ब्रह्मांड से संबंधित सभी रिसर्च एजेंसी चाहे वह नासा हो, या यूरोप की अंतरिक्ष एजेंसी, चीन हो या भारत सभी इसका आधिकारिक कंप्युटर से लेकर आकाशीय गणनाओं में प्रयोग करते है। इसलिए भी वर्तमान में कई देशों के स्कूल, कॉलेज और विश्‍व विद्यालयों में इस भाषा को पढ़ाया जाने लगा है।

 

 

कमलेश पाण्डेय
अनौपचारिक एवं औपचारिक लेखन के क्षेत्र में सक्रिय, तथा समसामयिक पहलुओं, पर्यावरण, भारतीयता, धार्मिकता, यात्रा और सामाजिक जीवन तथा समस्त जीव-जंतुओं पर अपने विचार व्यक्त करना।

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