आज, 1 अप्रैल से नया वित्त वर्ष शुरू हो गया है और इस वित्त वर्ष में कई अहम बदलाव हो रहे हैं, जिनसे खासतौर पर आयकर में (Income Tax) मध्यम वर्ग को फायदा होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को आयकर से संबंधित नई घोषणाएं की थीं, जो आज से लागू हो रही हैं।
इस बार, 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर आयकर से पूरी छूट दी गई है। वेतनभोगी करदाताओं को 75,000 रुपये की मानक कटौती के साथ 12.75 लाख रुपये तक कोई कर नहीं लगेगा। इसके अलावा, टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया है, जिससे 25 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वालों को 1.1 लाख रुपये तक कर में छूट मिलेगी।
आयकर छूट की सीमा को 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख रुपये किया गया है, जिससे एक करोड़ लोगों को कोई कर नहीं देना पड़ेगा। इससे लगभग 80 प्रतिशत करदाता, यानी 6.3 करोड़ लोग, फायदा उठाएंगे। वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर कर छूट की सीमा भी 50,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी गई है।
नई कर व्यवस्था के तहत, 12 लाख रुपये से अधिक की आय पर विभिन्न दरों पर कर लगाया जाएगा। 12 से 16 लाख रुपये की आय पर 15 प्रतिशत कर, और 24 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत कर होगा।
इसके अलावा, आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की समयसीमा को बढ़ाकर चार साल कर दी गई है, ताकि लोग अपनी आय में बदलाव को सही समय पर अपडेट कर सकें।