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Friday, July 4, 2025

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पाकिस्तान की इशा को योग के दौरान परेशान करते कट्टरपंथी और नफ़रत भरे ऑनलाइन मैसेज

पाकिस्तान न्यूज: कुछ दिन पहले पाकिस्तान के शहर लाहौर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसकी हेडलाइन थी- ‘ब्रेकिंग न्यूज़: लाहौर में योग की इजाज़त नहीं है.’

इशा अमजद के इस वीडियो को पाकिस्तान के लाहौर के रिहायशी इलाक़े डिफ़ेंस हाउसिंग अथॉरिटी (डीएचए) की इशा अमजद ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से शेयर किया था.

क्या है मामला?

इशा अमजद एक ट्रेनर हैं. उन्होंने यह वीडियो अपने फ़ोन पर उस वक़्त रिकॉर्ड किया था जब वह पाकिस्तान लाहौर में डीएचए में अपने घर के पास एक पब्लिक पार्क में योग करने के लिए गई थीं.

लेकिन उनके योग करने के दौरान उन्हें पहले एक शख़्स ने कथित तौर पर परेशान किया. बाद में वहां मौजूद सुरक्षा गार्ड ने उन्हें यह कहकर पार्क से जाने को कहा कि यहां इसकी इजाज़त नहीं है.

इस वीडियो और इस घटना के बारे में बीबीसी से बात करते हुए इशा का कहना था कि योग के दौरान पार्क में मौजूद “एक मर्द बहुत देर से मुझे घूर रहा था, हंस रहा था, मेरे वीडियो बना रहा था. वह आकर मुझसे कहने लगा कि मेरे साथ टिक टॉक बनाओ और फिर मुझे योग से मना करने लगा.”

उन्होंने इस घटना के बारे में बात करते हुए बताया कि इसके बाद वहां मौजूद एक सिक्योरिटी गार्ड ने भी आकर उन्हें वहां से चले जाने को कहा.

इशा के मुताबिक़ यह सब उनके लिए नया नहीं था. उन्हें “पाकिस्तान में रहते हुए इस बात की आदत पड़ चुकी है.”

वह कहती हैं कि वह गार्ड के पार्क से चले जाने पर वहां से जाने को भी तैयार हो गई थीं लेकिन उन्हें ग़ुस्सा इस बात का था कि उन्हें कथित तौर पर परेशान करने वाला मर्द ही उन्हें बता रहा था कि महिलाओं के लिए पार्क में क्या करना ठीक नहीं है.

इशा कहती हैं कि इसके बारे में जब उन्होंने पार्क में मौजूद सिक्योरिटी गार्ड से शिकायत की तो उसने भी उस शख़्स पर कार्रवाई करने और उन्हें सुरक्षा देने के बजाय ख़ुद उन्हें ही वहां से चले जाने को कहा.

वह कहती हैं कि जब उस शख़्स की शिकायत की तो गार्ड का जवाब था, “मैं उनकी आंखें तो बंद नहीं कर सकता.”

इशा को नफ़रत भरे ऑनलाइन मैसेज

पाकिस्तान की इशा के मुताबिक़ इंस्टाग्राम पर उनका यह वीडियो काफ़ी वायरल हुआ लेकिन जहां बहुत सी महिलाओं ने उनकी पोस्ट्स पर कमेंट में अपने साथ होने वाले ऐसी घटनाओं का ज़िक्र किया.

वहीं इशा को नफ़रत भरे ऑनलाइन मैसेज भी मिले जिनमें अशोभनीय है और धमकी भरे शब्द भी थे.

इशा इस बारे में बात करते हुए कहती हैं कि सोशल मीडिया या ऑनलाइन मिलने वाले नफ़रत भरे कमेंट्स पार्क से निकाले जाने से ज़्यादा बड़ी समस्या है. “वह खौफ़नाक ट्रोलिंग थी.”

वह कहती हैं कि उन्हें सोशल मीडिया यूज़र्स ने जिस तरह आसानी से कमेंट्स में नफ़रत भरे मैसेज भेजे, वह बहुत ख़तरनाक है.

वह कहती हैं कि लोगों की ऑनलाइन प्रतिक्रिया देखकर “मुझे मेरे घर वालों और सहेलियों के मैसेज आ रहे थे कि तुम पोस्ट पर कमेंट्स ना पढ़ना और ना ही उनसे परेशान होना. कुछ ने तो उन कमेंट्स के बाद मुझसे पूछा, इशा तुम ठीक हो ना?”

इशा बताती हैं कि इस घटना के बाद कुछ महिलाओं ने उनसे संपर्क किया और उनका एक ग्रुप मिलकर दोबारा उस पार्क में वर्ज़िश के लिए गया.

एक बार फिर उनके साथ वही सलूक किया गया. उस गार्ड ने उन्हें वहां से चले जाने को कहा. इस बार कुछ महिलाओं के पति भी उनके साथ थे.

सिक्योरिटी गार्ड से बहस के दौरान उन्होंने पार्क के नियम क़ानून पूछे जिसकी कॉपी पार्क के गेट पर रखी गई है. जवाब में जो काग़ज़ दिखाया गया उस पर कहीं यह नहीं लिखा था कि पार्क में योग करना मना है. अलबत्ता, मर्दों के लिए लिबास की शर्तें लगाई गई हैं जैसे कि शॉर्ट्स पहनने पर पाबंदी वग़ैरा.

इशा के मुताबिक़ उन्होंने पाकिस्तान के शहर लाहौर के पार्क के अंदर जाने के वक़्त वैसा ही लिबास पहन रखा था जो योग जैसी वर्ज़िश के लिए ज़रूरी है क्योंकि “खुले या ढीले ढाले लिबास में योग करना आसान नहीं होता.”

पार्क में योग पर पाबंदी है?

पाकिस्तान के शहर लाहौर के किसी भी पब्लिक पार्क के व्यवस्थापक या सिक्योरिटी गार्ड से यह सवाल किया जाए कि क्या लाहौर में पार्कों में महिलाओं का योग करना प्रतिबंधित है, तो जवाब में पार्क के लिए तय किए गए नियम क़ानून दिखाए जाते हैं. इन नियमों में यह कहीं नहीं लिखा गया है कि महिलाएं पार्क में योग नहीं कर सकतीं.

डीएचए के सुरक्षा अधिकारियों और प्रशासन के लिखित निर्देश जो पार्क के बाहर भी लगे हुए हैं और जो इशा को भी दिखाए गए थे. इनमें कहीं भी महिलाओं के योग या वर्ज़िश करने पर पाबंदी नहीं है.

दूसरी तरफ़ पाकिस्तान भर के पार्कों में मर्द अक्सर योग करते नज़र आते हैं.

ठीक उसी तरह जैसे घर से बाहर चहलक़दमी करना, मोटरसाइकिल चलाना या किसी भी काम के लिए अकेले निकलना मर्दों के लिए तो आम बात मानी जाती है लेकिन महिलाओं को किसी भी समय रोक कर कहा जा सकता है कि यह ठीक नहीं.

पाकिस्तान में ऐसे अनगिनत केस हर रोज होते रहते हैं जहाँ इशा जैसी महिलाओं को एक असुरक्षित माहौल का सामना करना पड़ता है और जिसमें प्रशासन की तरफ से भी कोई सहायता नहीं मिलती है।

पाकिस्तान में आतंकवाद और कट्टरपंथ की जड़ें इतनी मजबूत हो चुकी हैं की अब अराजकता हर गली में मौजूद है। संस्कृति, आचार विचार, सब नष्ट हो चुके हैं। पाकिस्तान में धर्म का स्वरूप अब मुल्लाओं द्वारा अपने सहूलियत और फ़ायदा के हिसाब से बदल दिया गया है।

 

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