33.5 C
New Delhi
Thursday, July 3, 2025

Top 5 This Week

Related Posts

वास्तु दोष: दक्षिणमुखी घर के वास्तु दोष दूर करने के क्या उपाय हैं?

वास्तु दोष: वास्तु शास्त्र में दक्षिण दिशा में मुख्य द्वार वास्तु के अनुसार शुभ नहीं माना जाता है। क्योंकि ज्योतिष में दक्षिण दिशा को  यमराज और पितरों की दिशा मन गया है और इस दिशा में मुख्य द्वार होने से नकारात्मक ऊर्जा (Negative Energy) का सतत प्रवेश होता रहता है जो परेशानियों का कारण बनता है। लेकिन कई बार या तो निर्माण कार्य के समय किसी गलती से या फिर कोई अन्य कारण से घर का दरवाजा दक्षिण दिशा में बन जाता है। इस स्थिति में हम आगे जानेंगे कि अगर घर या दुकान या ऑफिस का दरवाजा दक्षिण दिशा में है, तो वास्तु दोष दूर करने के लिए क्या उपाय करने चाहिए।

दक्षिण दिशा में नीम का पेड़

मंगल ग्रह के प्रभाव को नीम का पेड़ कम करने का काम करता है। इसलिए दक्षिण दिशा में नीम का बड़ा पेड़ होना चाहिए। अगर दक्षिणमुखी घर के सामने हरा-भरा नीम का पेड़ है, जोकि द्वार से करीब दोगुनी दूरी पर है। या फिर कोई अन्य मकान है, जो घर से दोगुना बड़ा है तो यह दक्षिण दिशा के वास्तु दोष के प्रभाव या आने वाली नकारात्मक ऊर्जा (Negative Energy) को कम करने का काम करता है।

मुख्य द्वार पर पंचमुखी हनुमान जी का चित्र

दक्षिणमुखी घर का वास्तु दोष दूर करने के लिए घर के मुख्य द्वार पर पंचमुखी हनुमान जी का चित्र लगाए। अगर घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में हैं, तो हनुमान जी की आशीर्वाद मुद्रा वाली मूर्ति या चित्र भी लगा सकते हैं। इससे नकारात्मक ऊर्जा (Negative Energy) का प्रभाव कम होता है।

गणेश जी की दो मूर्तियां

दक्षिणमुखी घर का वास्तु दोष दूर करने के लिए भगवान श्री गणेश जी की दो पत्थर की मूर्तियां बनवाएं। इन दोनों मूर्तियों की पीठ आपस में जुड़ी होनी चाहिए। इस जुड़ी हुई गणेश प्रतिमा को घर के मुख्य द्वार पर लगाएं। जिसमें एक गणेश जी की मूर्ति घर के बाहर देखती हुई और दूसरी घर के अंदर की ओर देखती हुए। इस उपाय से घर में नकारात्मक ऊर्जा (Negative Energy) को कम करने में मदद मिलेगी, शांति बनी रहेगी और वास्तु दोष दूर होता है।

बड़ा शीशा (दर्पण) लगाएं

दक्षिणमुखी घर में नकारात्मक ऊर्जा (Negative Energy) को आने से रोकने के लिए या दक्षिणमुखी घर का वास्तु दोष दूर करने के लिए, प्रवेश द्वार या मुख्य द्वार पर एक बड़ा सा दर्पण लगाएं। यह दर्पण यानी की शीशा इतना बड़ा होना चाहिए कि घर में प्रवेश करने वाले व्यक्ति का शीशे में पूरा प्रतिबिंब दिखाई दे। माना जाता है कि ऐसा करने से निगेटिव एनर्जी वापस लौट जाती है।

ज्योतिष शास्त्र में दक्षिणमुखी घर का वास्तु दोष दूर करने के लिए और भी कई अन्य उपाय बताए गए हैं जिनको विशेषज्ञ से परामर्श करके उपयोग  किया जा सकता है ।

अस्वीकरण (Disclaimer): यहाँ दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों पर आधारित है,जिनका हमारे द्वारा सत्यापन नहीं किया जाता है। किसी भी भ्रम की समस्या की स्थिति में योग्य विशेषज्ञ से परामर्श करें, और मार्ग-दर्शन प्राप्त करें। चिकित्सा संबंधी समाचार, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, व्रत-त्योहार, ज्योतिष, इतिहास, पुराण शास्त्र आदि विषयों पर मोंकटाइम्स.कॉम (MonkTimes हिन्दी समाचार सेवा) में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न स्रोतों से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि मोंकटाइम्स.कॉम नहीं करता है। किसी भी जानकारी को प्रयोग में लाने से पहले उस विषय से संबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

 

 

Popular Articles