बसंत पंचमी (Basant Panchami) का त्योहार हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह त्योहार ज्ञान की देवी माँ सरस्वती को समर्पित है। इस दिन माँ सरस्वती की पूजा की जाती है और उन्हें पीले रंग के फूल और भोग अर्पित किए जाते हैं।
Basant Panchami 2025 : बसंत पंचमी को वसंत पंचमी और श्री पंचमी के नाम से भी जाना जाता है.बसंत पंचमी का त्योहार, अलग अलग रूपों में विश्वभर में मनाया जाता है, भारतीय उपमहादीप के सभी देशों भारत, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, थायलैंड, बर्मा और कई राष्ट्रों में बड़े उल्लास से मनायी जाती है।
कब है बसंत पंचमी?
दुनिया के निर्माण के समय ज्ञान और कला के लिए जब भगवान ब्रह्मा जी ने अपने कमंडल से जल छींटा, तब उससे देवी सरस्वती प्रकट हुईं।
देवी सरस्वती ने वीणा बजाकर पूरे संसार में मधुर संगीत और आवाज फैलाई और सृष्टि में जीवन का संचार हुआ। तभी से देवी सरस्वती को ज्ञान, संगीत और कला की देवी माना जाता है, और इस तिथि पर बसंत पंचमी मनाए जाने लगी
हिंदू पंचांग के अनुसार, बसंत पंचमी माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मनाई जाती है।
बसंत पंचमी (Basant Panchami 2025) इस वर्ष बसंत पंचमी माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 2 फरवरी को सुबह 9 बजकर 14 मिनट से शुरू होगी और 3 फरवरी को सुबह 6 बजकर 52 मिनट पर समाप्त होगी।
उदयातिथि के अनुसार, बसंत पंचमी 2 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी।
बसंत पंचमी का महत्व
- ज्ञान की देवी माँ सरस्वती की पूजा: बसंत पंचमी के दिन ज्ञान की देवी माँ सरस्वती की पूजा की जाती है। यह दिन विद्या, बुद्धि और कला के प्रति समर्पित है।
- बसंत ऋतु का आगमन: बसंत पंचमी का त्योहार बसंत ऋतु के आगमन के उत्सव के रूप में भी मनाया जाता है।
- शिक्षा संबंधी शुभ कार्य: बसंत पंचमी को शिक्षा संबंधी शुभ कार्यों के लिए भी उत्तम माना जाता है। इस दिन विध्यालय में पूजा, पुस्तकों की पूजा, लेखनी, वही-खाता इत्यादि को पूजा के साथ साथ कई स्थानों पर अन्य कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश और अन्य मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं।
बसंत पंचमी की पूजा विधि
- सुबह स्नान करके पीले वस्त्र धारण करें।
- माँ सरस्वती की प्रतिमा या चित्र को एक पीले वस्त्र पर स्थापित करें।
- माँ सरस्वती को पीले और सफेद फूल, चंदन, अक्षत और धूप-दीप अर्पित करें।
- सरस्वती जी का मूल मंत्र : ॐ सरस्वत्यै नमः।
- माँ सरस्वती की वंदना करें और मंत्रों का जाप करें।
- माँ सरस्वती को पीले रंग या सफेद रंग का भोग प्रसाद अर्पित करें।
- आरती करें और प्रसाद वितरण करें।
बसंत पंचमी में माँ सरस्वती के लिए भोग प्रसाद कैसे बनाये?
सामग्री:
- 1 कप चावल
- 1/2 कप चीनी
- 1/4 कप घी
- 1/4 कप सूखे मेवे (बादाम, काजू, किशमिश)
- 1/2 चम्मच इलायची पाउडर
- केसर
- चावल को धोकर 30 मिनट के लिए भिगो दें।
- एक पैन में घी गरम करें और उसमें सूखे मेवे भून लें।
- भीगे हुए चावल को पैन में डालें और धीमी आंच पर भूनें।
- जब चावल सुनहरा हो जाए तो उसमें चीनी और 2 कप दूध डालें।
- धीमी आंच पर सुनहरा होने तक या अपने अनुसार पकाएं।
- अब उसमें सूखे मेवे (बादाम, काजू, किशमिश), इलायची पाउडर और केसर डालें।
- और अच्छी तरह मिलाएं तथा परोसें।
बसंत पंचमी का त्योहार ज्ञान, विद्या और कला के लिए बहुत ही महत्व है।
इस दिन माँ सरस्वती की पूजा करके हम अपने जीवन में ज्ञान और सफलता की प्राप्ति के लिए उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।