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Friday, July 4, 2025

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BGT: अतीत के प्रदर्शन की आड़ में भारत के वरिष्ट बल्लेबाजों ने वर्तमान को शर्मशार किया

BGT: बॉर्डर-गावसकर ट्रॉफ़ी (BGT) के पांचवें और आख़िरी टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को छह विकेट से हरा दिया है. इस जीत के साथ ऑस्ट्रेलिया की टीम वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025 के फ़ाइनल में पहुंच गई है. फ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया टीम का सामना दक्षिण अफ़्रीका से होगा.

BGT: बॉर्डर-गावसकर ट्रॉफ़ी (BGT) का पँचवा और आख़िरी टेस्ट सिडनी में खेला गया, और यह आख़िरी टेस्ट मैच सिर्फ़ तीन दिन तक चला और इसमें जीत दर्ज करने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने भारत को सिरीज़ में 3-1 से हरा दिया है.

बॉर्डर-गावसकर ट्रॉफ़ी (BGT) के हीरो बुमराह

बॉर्डर-गावसकर ट्रॉफ़ी (BGT) सिरीज़ में बुमराह ने 32 विकेट लिए और उन्हें  ‘प्लेयर ऑफ़ द सिरीज़’ चुना गया.

इससे पहले, सिरीज़ का पहला टेस्ट मैच भारतीय टीम ने बुमराह की कप्तानी में जीता था और सिरीज़ में भारत की यही इक़लौती जीत है.

पहले मैच में बुमराह ने कप्तानी के साथ अपनी गेंदबाज़ी से प्रभावित किया था. बुमराह ने पहली पारी में पांच विकेट और दूसरी पारी में आठ विकेट लिए थे. इस प्रदर्शन के चलते बुमराह को प्लेयर ऑफ़ द मैच चुना गया था.

आख़िरी मैच में भी बुमराह कप्तान थे लेकिन इस मैच में भारत को हार का सामना करना पड़ा. इस मैच में बुमराह ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में चोट के कारण गेंदबाज़ी नहीं कर पाए.

बॉर्डर-गावसकर ट्रॉफ़ी (BGT) में जसप्रीत बुमराह के प्रदर्शन की पूर्व क्रिकेटर और क्रिकेट प्रेमी जमकर तारीफ़ कर रहे हैं.

पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर इरफ़ान पठान ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखा,

“अगर जसप्रीत बुमराह के प्रयासों की तारीफ़ नहीं की गई तो यह सही नहीं होगा. उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है.”

कमेंटेटर हर्षा भोगले ने लिखा, “मेरे लिए सिरीज़ का मुख्य आकर्षण और सौभाग्य की बात थी कि मैं जसप्रीत बुमराह को गेंदबाज़ी करते हुए देख रहा था. यह मेरे मीडिया करियर के अहम पलों में से एक होगा.”

बीसीसीआई ने भी अपने एक्स अकाउंट पर कप्तान जसप्रीत बुमराह के इस शानदार प्रदर्शन की तारीफ़ की है.

भारत के पूर्व क्रिकेटर वसीम जाफ़र ने बॉर्डर-गावसकर ट्रॉफ़ी (BGT) सिरीज़ में अंतिम दिन तक भारत के बने रहने का क्रेडिट जसप्रीत बुमराह को दिया.

उन्होंने एक्स पर लिखा, “इस सिरीज़ में हर बार जब बुमराह अपने फॉर्म में रहे तो ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट प्रशंसकों ने अपनी सांसें रोक लीं और गेंद को सुरक्षित रूप से खेलने के बाद ही उसे छोड़ा. किसी क्रिकेटर को ऑस्ट्रेलियाई लोगों पर इतना हावी होते शायद ही कभी देखा हो. उनके पास जो कुछ भी था, सब कुछ दिया और अकेले दम पर यह सुनिश्चित किया कि सिरीज़ अंतिम दिन तक जीवंत रहे.”

हालांकि, भारतीय बल्लेबाज़ों की बॉर्डर-गावसकर ट्रॉफ़ी (BGT) सिरीज़ में प्रदर्शन को लेकर आलोचना हो रही है.

हार-जीत के अंतर में इरफ़ान पठान सीनियर बल्लेबाज़ों को ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं. वहीं हर्षा भोगले का कहना है कि भारतीय बल्लेबाज़ों ने ऑस्ट्रेलिया को चुनौती देने के लिए पर्याप्त रन नहीं बनाए थे और नतीजा 3-1 रहा, कई मुद्दे हैं जिन्हें हल करना होगा.

जसप्रीत बुमराह को ‘प्लेयर ऑफ़ द सिरीज़’

बॉर्डर-गावसकर ट्रॉफ़ी (BGT) सिरीज़ ऑस्ट्रेलिया ने जीती लेकिन भारतीय तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह को ‘प्लेयर ऑफ़ द सिरीज़’ चुना गया है. बुमराह ने पांच मैच खेले और कुल 32 विकेट लिए.

आखरी टेस्ट में, भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने अपने प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए टीम के 11 खिलाड़ियों में से अपना नाम वापस लेलिए था, लेकिन लगातार फ्लॉप चल रहे विराट कोहली ने अपने प्रदर्शन को लेकर बहुत नहीं सोच कर टीम में रहने का प्रयास कियाऔर पहले की तरफ अपने बल्ले से कुछ भी कमाल नहीं कर पाए।

टॉस जीतकर बल्लेबाज़ी करने उतरी भारतीय टीम की पहली पारी 185 रनों पर ऑलआउट हो गई थी जबकि ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में दस विकेट खोकर 181 रन बनाए थे. इस आधार पर भारत को चार रन की मामूली बढ़त मिल गई थी.

लेकिन भारत की दूसरी पारी सिर्फ़ 157 रनों पर सिमट गई और ऑस्ट्रेलिया को इसके बाद 162 रनों का लक्ष्य मिला था.

पांच मैचों की बॉर्डर-गावसकर ट्रॉफ़ी (BGT) सिरीज़ का पहला टेस्ट भारत ने 295 रन से जीता था. तीसरा टेस्ट ड्रॉ हुआ था और बाक़ी बचे तीन मैच ऑस्ट्रेलिया ने जीते.

पैट कमिंस की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने दो बार बॉर्डर-गावसकर ट्रॉफ़ी खेली है. इसमें एक बार जीत और एक बार हार मिली है.

ऑस्ट्रेलिया की टीम ने आख़िरी बार साल 2014-15 में बॉर्डर-गावसकर ट्रॉफ़ी जीती थी.

ऑस्ट्रेलिया ने दस साल बाद जीती सिरीज़

इस बॉर्डर-गावसकर ट्रॉफ़ी (BGT) सिरीज़ से पहले ऑस्ट्रेलिया की टीम ने आख़िरी बार साल 2014-15 में बॉर्डर-गावसकर ट्रॉफ़ी (BGT) जीती थी.

तब ऑस्ट्रेलिया में खेली गई चार टेस्ट मैचों की इस सिरीज़ में मेहमान भारतीय टीम को 2-0 से हार का सामना करना पड़ा था जबकि सिरीज़ के दो टेस्ट मैच ड्रॉ हुए थे.

उस समय ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान माइकल क्लार्क थे और भारतीय टीम की कमान महेंद्र सिंह धोनी संभाल रहे थे.

2014-15 के बाद अब तक दोनों देशों के बीच पांच बार बॉर्डर-गावसकर ट्रॉफ़ी (BGT) खेली जा चुकी है.

पांच में चार मौक़ों पर भारत ने जीत दर्ज की है और एक बार ऑस्ट्रेलिया ने सिरीज़ अपने नाम की है. भारत ने दो बार मेहमान और दो बार बतौर मेज़बान सिरीज़ अपने नाम की है.

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अब तक 17 बॉर्डर-गावसकर ट्रॉफ़ी (BGT) खेली गई हैं जिसमें भारत ने 10 और ऑस्ट्रेलिया ने छह बार ट्रॉफ़ी जीत है. साल 2003-2004 में एक बार सिरीज़ ड्रॉ हो गई थी.

जसप्रीत बुमराह ने इस बॉर्डर-गावसकर ट्रॉफ़ी (BGT) सिरीज़ में पांच मैच खेले और 32 विकेट लिए और इस सिरीज़ में जसप्रीत बुमराह ने अपने टेस्ट करियर के 200 विकेट भी पूरे किए हैं.

बुमराह के नाम दर्ज हुआ एक और रिकॉर्ड

तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह ने इस सिरीज़ में कुल 32 विकेट लिए और विदेश में किसी भारतीय गेंदबाज़ के द्वारा एक टेस्ट सिरीज़ में लिए गए सबसे ज़्यादा विकेट हैं.

इससे पहले यह रिकॉर्ड बिशन सिंह बेदी के नाम था. बेदी ने साल 1977-78 में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ पांच मैचों में 31 विकेट लिए थे.

इस सिरीज़ में जसप्रीत बुमराह ने अपने टेस्ट करियर के 200 विकेट भी पूरे किए. इसके साथ बुमराह सबसे कम टेस्ट मैच खेलकर 200 विकेट लेने वाले भारत के पहले तेज़ गेंदबाज़ बन गए थे. बुमराह ने अपने 44वें टेस्ट मैच में यह रिकॉर्ड बनाया था.

भारत के लिए सबसे कम टेस्ट मैचों में 200 विकेट की बात करें तो इस मामले में रविचंद्रन अश्विन शीर्ष पर हैं जिन्होंने 37 टेस्ट मैच में यह उपलब्धि हासिल की है.

इस मामले में बुमराह और जडेजा दोनों ने 44वें टेस्ट में यह रिकॉर्ड बनाया है.

फिर फ़्लॉप हुए विराट कोहली

बॉर्डर-गावसकर ट्रॉफ़ी (BGT) सिरीज़ में ऑफ़ स्टंप के बाहर की गेंदों ने विराट कोहली को लगातार परेशान किया और सिरीज़ की आख़िरी पारी में भी विराट ऐसी ही गेंद पर आउट हुए.

विराट कोहली भारतीय क्रिकेट में बड़ा नाम है और क्रिकेट खेलते-खेलते वह अब एक बड़े बिजनस के मालिक भी बन चुके है, अपनी व्यस्त जिंदगी के चलते शायद अब वह क्रिकेट के मैदान पर ज्यादा समय नहीं दे पा रहे हैं और पिछली कई वर्षों से लगातार अपनी बल्लेबाजी की धार नहीं दिखा प रहे हैं।

बॉर्डर-गावसकर ट्रॉफ़ी (BGT) सिरीज़ में अपनी आख़िरी पारी में विराट कोहली ने सिर्फ़ छह रन बनाए और तेज़ गेंदबाज़ स्कॉट बौलेंड ने एक बार फिर कोहली का विकेट चटकाया.

ऑफ़ स्टंप के बाहर की गेंद ने कोहली का आख़िरी पारी तक पीछा नहीं छोड़ा और इस बार भी वो इस तरह की गेंद पर अपना विकेट दे बैठे. इस पारी में बौलेंड की गेंद पर पहली स्लिप पर खड़े स्टीव स्मिथ ने उनका कैच पकड़ा.

सिडनी टेस्ट की पहली पारी में विराट कोहली ऐसी ही गेंद पर आउट हुए थे. तब गेंदबाज़ भी बौलेंड थे और तीसरी स्लिप पर खड़े वेबस्टर ने उनका कैच पकड़ा था. बॉर्डर-गावसकर ट्रॉफ़ी में बौलेंड ने विराट कोहली को कुल चार बार आउट किया है.

इस सिरीज़ के पांच मैच में विराट ने नौ पारियों में कुल 190 रन बनाए हैं. इसमें पहले टेस्ट की एक नाबाद शतकीय (100) पारी भी शामिल है.

विराट के अलावा रोहित शर्मा का नाम भी पूरी सिरीज़ के दौरान चर्चा में रहा. आख़िरी टेस्ट मैच में रोहित शर्मा नहीं खेले और उनकी जगह भारतीय तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह ने टीम का नेतृत्व किया. इस दौरान रोहित ने रिटायरमेंट की अटकलों को भी ख़ारिज कर दिया था.

रोहित ने इस सिरीज़ में तीन मैच खेले और बल्लेबाज़ी में वो अपना कोई ख़ास प्रभाव नहीं छोड़ पाए. सिरीज़ की पांच पारियों में उन्होंने सिर्फ़ 31 रन बनाए और इस दौरान उनका सर्वश्रेष्ठ 10 रन रहा.

अनुभवी और वरिष्ट खिलाड़ियों के लगातार असफल रहने के बावजूद सम्मानजनक अतीत के चलते, उनको टीम से बाहर का रास्ता नहीं दिखाया जा सका और इसके चलते नए प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को मौका नहीं मिल सका, जो इस बॉर्डर-गावसकर ट्रॉफ़ी (BGT) सिरीज़ की हार का एक महत्वपूर्ण और विचारणीय पहलू है।

बीसीसीआई के लिए भी एक विचारणीय प्रश्न है की यदि कोई वरिष्ट खिलाड़ी लगातार असफल हो रहा है और वह अपनी प्रदर्शन को ठीक करने के लिए मैदान पर समय भी नहीं दे रहा है, धरेलू क्रिकेट भी नहीं खेल रहा है, लेकिन आईपीएल के लिए उपलब्ध है तो क्या इन खिलाड़ियों को टीम में जगह मिलनी चाहिए ?

वरिष्ट खिलाड़ियों के अतीत के प्रदर्शन की आड़ में भारत के वरिष्ट खिलाड़ियों की बल्लेबाजी ने इस सीरीज में शर्मशार किया।

 

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