Horticulture: आधुनिक किसान ४ एकड़ में उगा रहे 32 तरह की सब्जी-फल
हरियाणा: पलवल के गांव राखोता में मास्टर राजेंद्र पुनिया एक रिटायर्ड अध्यापक हैं, जिन्हें शुरू से खेती करने का शौक था. लेकिन, अध्यापक होने की वजह से वह खेती पर पूरा ध्यान नहीं दे पा रहे थे.
खास बात ये कि वह बच्चों को एग्रीकल्चर विषय ही पढ़ाते थे. ऐसे में उन्हें बागवानी-खेती का अनुभव भी हो चुका था.
अध्यापक रहते हुए वह परंपरागत खेती करते थे, लेकिन उसमें मुनाफा कम होता था. जैसे ही वह रिटायर हुए, उन्होंने ऑर्गेनिक खेती को चुना.
अब वह अपना शौक पूरा करने के साथ-साथ लाखों रुपये भी कमा रहे हैं.
4 एकड़ में अकेले फल-सब्जी की खेती करते हैं. दूसरे किसानों को भी टिप्स देते हैं.
अपने खेत की सब्जी और फलों को मंडी न ले जाकर सीधे फरीदाबाद में ग्राहकों को बेचते हैं, जिससे उन्हें अच्छी आमदनी हो जाती है.
मास्टर राजेंद्र पुनिया ने बताया कि वह 60 साल की उम्र में 32 तरह की फसल उगाते हैं.
उन्होंने ऑर्गेनिक विधि से बागवानी की खेती शुरू की है जिससे कम लागत में अधिक पैदावार होती हैं.
उन्होंने ऑर्गेनिक विधि से खेती के लिए सरकार द्वारा उन्हें सब्सिडी भी मिलती है. साथ ही, उन्होंने बताया कि जीवामृत तैयार करते हैं, जिससे फसल का उत्पादन भी जयादा होता है.
टमाटर, बैंगन, तरबूज, खरबूज, कद्दू, पेठा, मिर्च, ककड़ी, करेला जैसी दर्जनों फसल गाय के गोबर की खाद से उपजाई हैं.
ऑर्गेनिक विधि से उगी सब्जी और फल स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक भी हैं.
वह रोजाना फसल फरीदाबाद में ले जाकर बेचते हैं और एक दिन में 8 से 10 हजार तक की सब्जी-फल बेच लेते हैं.
मास्टर राजेंद्र पुनिया को उनके द्वारा की जा रही आधुनिक खेती के लिए हरियाणा सरकार ने उनको सम्मानित भी किया है.
बागवानी विधि से खेती करने को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा सब्सिडी प्रदान की जाती है.
किसान परंपरागत खेती छोड़कर बागवानी खेती करें तो किसानों की आय लगभग दोगुनी या उससे भी जाया बढ़ जाती है
बागवानी खेती में फल, फूल, सब्जियां शामिल हैं.
इसके अलावा मधुमक्खी पालन, मशरूम की खेती कर सकते हैं.
किसानों को बागवानी खेती करने पर, सीधे किसान के खाते में अनुदान की राशि भेजी जाती है.