International Waterfalls Day: हर साल 16 जून को अंतर्राष्ट्रीय जलप्रपात दिवस (वॉटरफॉल्स डे) मनाया जाता है।
जलप्रपात दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य प्रकृति, पहाड़, झीलों और झरनों को मानव निर्मित विनाश से बचाना और उनका संरक्षण करना है, ताकि मनुष्य या प्राणी इस धरती पर लंबे समय तक पानी और आजीविका की कमी का सामना किए बिना रह सकें।
जलप्रपात या झरना, यानि हरियाली से घिरा हुआ और पहाड़ी चट्टानों के बीच से गिरता हुआ पानी देखने में काफी मनमोहक लगता है। ऐसी कड़ी में भारत में स्थित कुछ जलप्रपातों के बारें में आपको जानकारी दे रहे है यह स्थान जीवन में एक बार घूमने लायक अवश्य हैं.
“अंतर्राष्ट्रीय जलप्रपात दिवस पर अपनी यात्रा की योजना बनाएं और जाकर देखिए, भारत के सुदूर गांव और पर्यटन स्थलों का जीवन, उनकी संस्कृति, उनके आस-पास के सूंदर जंगल, पहाड़, झरने, नदियां और झीलें तथा स्वच्छ वायु में सांस लीजिये.”
- नोहकालिकाई जलप्रपात (Nohkalikai Falls, Cherapunji-Meghalaya)
नोहकलिकाई झरना भारत का सबसे ऊंचा झरना है, जिसकी ऊंचाई 1100 फीट है, नोहकालिकाई झरना को सात बहनों के झरने के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यहां हरे-भरे जंगलों के बीच से सात धाराएं गिरती हैं। यह भव्य झरना भारत का चौथा सबसे ऊंचा झरना माना जाता है, यहां घूमने का सबसे अच्छा समय नवंबर से फरवरी है।
- दूधसागर जलप्रपात (Dudhsagar Falls, Mandovi River, Panaji-Goa)
दूधसागर फॉल्स 1017 फीट की ऊंचाई के साथ भारत के सबसे बड़े झरनों में से एक है। यह झरना देखने लायक है क्योंकि ऊंचाई से गिरता पानी नीचे दूधिया झाग के बादल बनाता है।
यह झरना मानसून के दौरान जाने के लिए एक अच्छी जगह है। आप यहां नवंबर से फरवरी या मानसून के दौरान जून से सितंबर। में जा सकते हैं।
- शिवनसमुद्रम् जलप्रपात (Shivanasamudra Falls, Kaveri River, Mandya-Karnataka)
शिवसमुद्रम झरना कर्नाटक के मांड्या जिले में है। कावेरी नदी पर स्थित यह एक बड़ा जल प्रपात है जहाँ 98 मीटर की ऊँचाई से जल गिरता है।
पहाड़ी चट्टानों से नीचे गिरता हुआ यह झरना फोटोग्राफी प्रेमियों और उत्साही लोगों के लिए एक अच्छी जगह है।
यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा झरना है, यहां एक बार जाने का प्लान अवश्य बनाएं। जून से अक्टूबर का महीना यहां घूमने के लिए बेस्ट है।
- अथिरापल्ली जलप्रपात (Athirapilly Falls, Chalakudy River, Thrissur-Kerala)
मानसून के दौरान दोस्तों या परिवार के साथ समय बिताने के लिए यह एक अच्छी जगह है। अथिराप्पिल्ली झरने हरे-भरे जंगल से घिरे केरल के सबसे बड़े झरनों में से एक हैं। इस झरने को ‘भारत में नियाग्रा’ भी कहा जाता है। यहां घूमने का सबसे अच्छा समय जून से सितंबर का है।
- धुआंधार जलप्रपात (Dhuandhar Falls,Narmada River, Jabalpur-Madhya Pradesh)
नर्मदा नदी द्वारा पोषित इस खूबसूरत झरने का नजारा शहरवासियों के लिए बेहद मनमोहक होगा। भेड़ाघाट जिले में स्थित यह झरना हरे-भरे पेड़ों और झाड़ियों से घिरा है।
पानी के फ्लो के कारण, यह धुंध पैदा करता है जिसे कभी-कभी धुएं का झरना भी कहा जा सकता है। यहां घूमने के लिए जून से नवंबर। का महीना सबसे अच्छा है।
“जलप्रपात दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य प्रकृति, पहाड़, झीलों और झरनों को मानव निर्मित विनाश से बचाना और उनका संरक्षण करना है, ताकि मनुष्य या प्राणी इस धरती पर लंबे समय तक पानी और आजीविका की कमी का सामना किए बिना रह सकें।”
अंतर्राष्ट्रीय जलप्रपात दिवस पर अपनी यात्रा की योजना बनाएं और जाकर देखिए, भारत के सुदूर गांव और पर्यटन स्थलों का जीवन, उनकी संस्कृति, उनके आस-पास के सूंदर जंगल, पहाड़, झरने, नदियां और झीलें तथा स्वच्छ वायु में सांस लीजिये.
यात्रा से सम्बंधित आवश्यक निर्देश और जानकारी के लिए आधिकारिक यात्रा प्रतिनिधि (एजेंट्स) या गवर्नमेंट पर्यटन कार्यलय या वेबसाइट देखें।