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Monday, December 23, 2024

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Lunar Eclipse 2024: उपछाया चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) समय और उसके प्रभाव

 

Lunar Eclipse 2024 (Chandra Grahan 2024): 18 सितंबर को साल का दूसरा चंद्र ग्रहण लगेगा। यह एक उपछाया चंद्र ग्रहण होगा। इस ग्रहण की शुरुआत सुबह 6 बजकर 12 मिनट से होगी।

जब चंद्र ग्रहण लगेगा तो उस समय भारत में सुबह का समय रहेगा इस कारण से इस दूसरे चंद्र ग्रहण का नजारा भारत में नहीं दिखाई देगा।

इस ग्रहण में चांद पर धूल की एक पट्टी सी नजर आएगी जिसे देख पाना कठिन होगा। इस ग्रहण को अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका और एशिया के कुछ हिस्से में देखा जा सकेगा।

Chandra Grahan 2024 Daan Samagri: चंद्र ग्रहण पर करें इन चीजों का दान
हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण अशुभ होते हैं। ग्रहण के बाद दान करने से ग्रहण के दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है। इसलिए चंद्र ग्रहण के बाद कुछ सफेद चीजों का दान करना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से ग्रहण के दुष्प्रभाव कम होते हैं। साथ ही मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती है। इन सफेद चीजों का संबंध चंद्रमा ग्रह से माना जाता है। इसलिए आप चावल, चीनी, आटा, दूध के अलावा सफेद कपड़ा और सफेद मिठाई आदि चीजों का दान कर सकते हैं।

ग्रहण के दौरान क्या करें (Chandra Grahan 2024 Do and Don’ts)

  • चंद्र ग्रहण के दौरान भगवान विष्णु के नाम का मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
  • ग्रहण के बाद स्नान-ध्यान करना चाहिए और पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करना चाहिए।
  • इसके बाद विधि-विधान से भगवान विष्णु या महादेव की पूजा कर सकते हैं।
  • ग्रहण के बाद स्नान-ध्यान और पूजा-पाठ से निवृत्त होकर कुछ चीजों का दान करें।

ग्रहण के दौरान क्या नहीं करना चाहिए (Chandra Grahan 2024 Do and Don’ts)

  • चंद्र ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ नहीं करनी चाहिए।
  • इस दौरान देवी-देवताओं की प्रतिमा को स्पर्श भी नहीं करना चाहिए।
  • ग्रहण के समय खाना नहीं बनाना चाहिए और भोजन भी नहीं करना चाहिए।
  • बीमार व्यक्ति, बच्चे और गर्भवती महिलाओं को आवश्यकता पड़ने पर खाने की अनुमति होती है।
  • ग्रहण के दौरान सोना नहीं चाहिए ऐसा करने से सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
  • चंद्र ग्रहण के दौरान नुकीली चीजों का प्रयोग करने से बचें।
  • ग्रहण के दौरान श्मशान एवं नकारात्मक जगहों पर भी नहीं जाना चाहिए।

कुंभ राशि पर ग्रहण का प्रभाव (Lunar Eclipse 2024 Impact on Aquarius):

कुंभ राशि के जातकों की वाणी पर चंद्र ग्रहण का बुरा प्रभाव देखने को मिल सकता है। इस दौरान आप कुछ ऐसा कह सकते हैं जिससे आपको समस्या हो सकती है। इसीलिए जब भी बोलें सोच विचारकर बोलें। धन से जुड़े मामलों के लिए भी चंद्र ग्रहण के बाद के कुछ दिन अच्छे नहीं कहे जा सकते, संचित धन आपको खर्च करना पड़ सकता है। इस राशि के कुछ जातकों को गले या उदर से संबंधित स्वास्थ्य समस्या भी हो सकती है, इसलिए सेहत को लेकर भी लापरवाही न बरतें। उपाय के तौर पर आपको सफेद चीजों का दान करना चाहिए।

कन्या राशि पर ग्रहण का प्रभाव (Lunar Eclipse 2024 Impact on Virgo):

कन्या राशि के जातकों पर चंद्र ग्रहण का प्रभाव पड़ने से उनकी सामाजिक स्तर पर छवि खराब हो सकती है। इस दौरान आपको किसी भी प्रकार के वाद-विवाद से बचने की आवश्यकता है।

ऑफिस में होने वाली राजनीति से जितना दूर रहेंगे उतना ही आपके लिए फायदेमंद होगा। अपनी गुप्त बातें किसी से साझा न करें। वैवाहिक जीवन की बात करें तो उसमें उतार-चढ़ाव रह सकता है।

जीवनसाथी आपकी बातों का गलत मतलब निकाल सकता है, इसलिए जो भी कहना हो सोच-समझकर कहें। माता-पिता के स्वास्थ्य को लेकर भी सावधानी बरतनी होगी। उपाय के तौर पर चंद्रमा के बीज मंत्रों का जप करें।

मेष राशि पर ग्रहण का प्रभाव  (Lunar Eclipse 2024 Impact on Aries):

मेष राशि के जातकों पर चंद्र ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव रहेगा। आपको पारिवारिक जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। माता-पिता के साथ किसी बात को लेकार मन मुटाव हो सकता है।

अचानक बड़े खर्चे होने की भी संभावना है। व्यापार से जुड़े जातकों को इस समय बहुत सावधान रहने की जरूरत है। किसी पर ज्यादा भरोसा न करें, ये आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है।

उपाय के तौर पर मेष राशि वाले लोगों को भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए और शिवलिंग पर दूध चढ़ाना चाहिए। इससे आपकी कई समस्याएं दूर हो सकती हैं।

चंद्र ग्रहण पर मीन राशि में चंद्रमा-राहु की युति (Lunar Eclipse 2024 Impact on Pisces ): 

साल 2024 का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण 18 सितंबर को मीन राशि में लगने जा रहा है।

चंद्रमा इस दिन मीन राशि में राहु के साथ युति बनाएंगे, वहीं केतु की सप्तम दृष्टि भी चंद्रमा और राहु की इस युति पर होगी। राहु-केतु की युति का प्रतिकूल प्रभाव कुछ राशियों पर नजर आ सकता है।

हिंदू परंपरा में ग्रहण (Astronomical phenomenon) को अशुभ माना जाता है:

चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है। लेकिन हिंदू मान्यता के अनुसार, सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण को अशुभ माना जाता है। चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दिन लगता है और इस बार यह चंद्र ग्रहण भाद्रपद पूर्णिमा को लग रहा है। साथ ही इसी दिन पितृ पक्ष का भी पहला दिन है।

18 सितंबर को लगने वाले इस उपछाया ग्रहण का प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ने वाला है। हालांकि सभी राशियों पर अलग-अलग तरह के प्रभाव पड़ेंगे। इस ग्रहण का प्रभाव अगले एक महीने तक देखने को मिल सकता है।

इस चंद्र ग्रहण का प्रभाव चार राशियों पर सर्वाधिक रहेने वाला है। इन राशियों को ग्रहण काल के दौरान संभलकर रहने की जरूरत है। इनमें मेष, सिंह, मकर और मीन राशि शामिल है।

लेकिन यह कुछ राशियों के लिए शुभ होने वाला है। इन राशियों के जातकों को धन लाभ होने की भी संभावना है। चंद्र ग्रहण वृषभ, तुला और धनु राशि के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।

भारतीय समय अनुसार चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2024 Timing In India): 
मीन राशि में लगने जा रहा यह उपछाया चंद्र ग्रहण भारतीय समय के अनुसार, सुबह 6:12 बजे प्रारंभ होगा और सुबह के 10:17 बजे इसका समापन होगा। इसके अनुसार इसकी कुल अवधि करीब 5 घंटे 4 मिनट की होने वाली है।

चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है। चंद्रमा हमारी पृथ्वी का चक्कर लगाती है, इस प्रक्रिया में एक समय ऐसा आता है जब पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य के बीच आ जाती है। इस दौरान चंद्रमा पर पृथ्वी की परछाई पड़ती है। आमतौर पर ऐसे वक्त चंद्रमा गहरे रंग का दिखने लगता है।

उपछाया चंद्र ग्रहण (Penumbral lunar eclipse) की स्थिति तब बनती है, जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया के बाहरी हिस्से (उपछाया) से होकर गुजरता है, तो इसे उपच्छाया चंद्र ग्रहण के नाम से जाना जाता है।

यह पूर्ण चंद्र ग्रहण और आंशिक चंद्र ग्रहण के बीच की स्थिति होती है। उपच्छाया चंद्र ग्रहण में चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया नहीं पड़ती है, बल्कि उपछाया पड़ती है। इसके कारण चंद्रमा हल्का सा धुंधला दिखाई देता है।

18 सितंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण यूरोप, एशिया के अधिकांश भाग, अफ्रीका, उत्तरी-दक्षिण अमेरिका, अटलांटिक, हिंद महासागर, प्रशांत, अंटार्कटिका और आर्कटिक में दिखाई देगा।

साल का यह दूसरा चंद्रमा ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। ऐसे में ग्रहण के 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाएगा। लेकिन यह भारत में मान्य नहीं होगा।

शास्त्रों के अनुसार, सूतक काल लगता तो इसके नियमों का पालन करना जरूरी होता है। बता दें, इस दौरान मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। इसके अलावा, सूतक काल में शुभ और मांगलिक कार्य भी नहीं किए जाते।

यह चंद्र ग्रहण एक उपछाया चंद्र ग्रहण होगा। इस चंद्र ग्रहण का इंतजार सभी को रहेगा। खास तौर पर खगोल वैज्ञानियों को तो इस ग्रहण का बेसब्री से इंतजार है।

यह चंद्र ग्रहण साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण होगा। भारतीय समय के अनुसार चंद्र ग्रहण की शुरुआत 18 सितंबर को सुबह 6 बजकर 12 मिनट से होगी और इसका समापन सुबह के 10 बजकर 17 मिनट पर होगा।

 

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