20.7 C
Hyderabad
Monday, December 23, 2024

Top 5 This Week

Related Posts

Margashirsha Purnima 2024: मार्गशीर्ष पूर्णिमा / अगहन पूर्णिमा 15 दिसंबर को, पूजा एवं व्रत विधि

 

Margashirsha Purnima 2024: मार्गशीर्ष पूर्णिमा / अगहन पूर्णिमा 15 दिसंबर को, पूजा एवं व्रत विधि

December Purnima Vrat 2024: दिसंबर में मार्गशीर्ष पूर्णिमा पड़ती है जिसे अगहन पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस पूर्णिमा पर पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा 15 दिसंबर को है, इस दिन शुभ योग बन रहा है. साथ ही चंद्रमा वृषभ राशि में होगा. पूर्णिमा पर स्नान, दान पूजापाठ का विशेष महत्व है.

पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत शनिवार, 14 दिसंबर को शाम 4 बजकर 58 मिनट पर शुरू होगी, इसका समापन 15 दिसंबर को रात 2 बजकर 31 मिनट पर होगा.

इस दिन चंद्रोदय शाम 05 बजकर 14 मिनट पर होगा. पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी की उपासना करने वालों के लिए धन समृद्धि में वृद्धि होती है.

दिसंबर में मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पड़ती है जिसे बत्तीसी पूर्णिमा भी कहा जाता है।

इस दिन व्रत रखने का विशेष महत्व माना गया है। इसके अलावा इस पूर्णिमा पर पवित्र नदियों में स्नान करना बेहद शुभ फलदायी माना जाता है। ये दिन दान-पुण्य, धार्मिक कार्यों और देवी-देवताओं के पूजन का होता है।

इस दिन चंद्र देव की पूजा का भी खास महत्व माना गया है।

  • मार्गशीर्ष पूर्णिमा 15 दिसंबर 2024, रविवार
  • पूर्णिमा उपवास के दिन चन्द्रोदय 05:14 बजे, सायं
  • पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ 14 दिसंबर 2024 को 04:58 बजे, सायं
  • पूर्णिमा तिथि समाप्त 15 दिसम्बर 2024 को 02:31 बजे, रात्री

मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत (Margashirsha Purnima Vrat) :

अगहन पूर्णिमा या मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन व्रत रखने वाले जातक दिनभर फलाहार करने के बाद रात में चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत पारण करते हैं।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन पूरे विधि-विधान से लक्ष्मी नारायण की साथ में पूजा करनी चाहिए।

मान्यताओं अनुसार ये व्रत रखने से जीवन के सभी दुख दूर हो जाते हैं।

इस दिन विष्णु भगवान को पीले रंग के फल, फूल और वस्त्र चढ़ाने चाहिए साथ ही लक्ष्मी माता को गुलाबी या लाल रंग के फूल और श्रृंगार का सामान चढ़ाया जाना चाहिए।

इस दिन सत्यनारायण की कथा सुनने या पढ़ना भी बेहद पुण्यदायक माना जाता है। तथा इस दिन शाम के समय गंगा नदी में विशेष या अन्य किसी सरोवर या जल में दीपदान करना पुण्य फलदायी माना जाता है।

अस्वीकरण (Disclaimer): यहाँ दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों (पंचांग, कैलंडर, एवं अन्य ) पर आधारित है, जिनका हमारे द्वारा सत्यापन नहीं किया गया है। किसी भी भ्रम की स्थिति में योग्य पंडित जी से मार्ग-दर्शन प्राप्त करें। 

 

Popular Articles