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Saturday, July 5, 2025

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Women Archer लोरी गौड़ का जूडो-कराटे से तीरंदाजी का सफर

Women Archer लोरी गौड़ विशेष रूप से सक्षम कैटेगरी में महिला आर्चरी की एक जानीमानी खिलाड़ी है.

Women Archer लोरी गौड़ ने स्टेट और नेशनल लेवल पर कई बार गोल्ड सहित अन्य मेडल हासिल किए हैं. Women Archer लोरी गौड़ का सपना ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करना था. लेकिन ओलंपिक के आखिरी ट्रायल में उनका धनुष टूट गया. तब लोरी का ये सपना तो टूट गया था. लेकिन, अब लोरी एशियन गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी.

Women Archer लोरी गौड़ को बचपन से ही जूडो-कराटे शौक था और उन्होंने मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग ले कर कोच बन गई थी. लेकिन, 2019 में एक बस ने लोरी गौड़ को टक्कर मार दी. जिसके कारण उनको अपना एक पैर गंवाना पड़ा. और उनका पसंदीदा जुडो-कराटे भी छोड़ना पड़ा .

पिता के उत्साहवर्धन और खेल के प्रति लगाव से उन्होंने दीसरा विकल्प तीरंदाजी को चुना और इसमें ही बेहतर करने का संकल्प ले कर इसकी शुरुआत की.

Women Archer लोरी गौड़ कोविड़ के कारण वो भारत की तरफ से 2019 के एशियन गेम्स भी नही खेल पाईं थीं.

ओलंपिक में स्थान बनाने के लिए किसी भी एथलीट को तीन ट्रायल से गुजरना होता है, Women Archer लोरी गौड़ का पहला ट्रायल मुकाबला हरियाणा निवासी पूजा जाटियाल से हुआ और लोरी ने जीत दर्ज की.

दूसरा मुकाबला पूजा खंडियाल से हुआ जहां वो आसानी से जीत गई

और तीसरा मुकाबला फिर पूजा जाटियाल से हुआ, लेकिन इस दौरान Women Archer लोरी गौड़ का धनुष टूट गया,

यही कारण है कि Women Archer लोरी गौड़ ओलंपिक के लिए चयनित नही हुई.

Women Archer लोरी गौड़ ने बताया कि कभी भी जिंदगी में मैंने परेशानिओं से हार नही मानी और हिम्मत भी नही हारी है, गरीबी के कारण कई-कई दिनों तक चटनी और रोटी खाकर गुजारा किया है. लेकिन, अपने द्रढ़ संकल्प और इक्छाशक्ति से आगे बढ़ती रही और आज एशियन गेम्स में अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिल रहा है.

 

कमलेश पाण्डेय
अनौपचारिक एवं औपचारिक लेखन के क्षेत्र में सक्रिय, तथा समसामयिक पहलुओं, पर्यावरण, भारतीयता, धार्मिकता, यात्रा और सामाजिक जीवन तथा समस्त जीव-जंतुओं पर अपने विचार व्यक्त करना।

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