21.2 C
Hyderabad
Monday, December 23, 2024

Top 5 This Week

Related Posts

Women Archer: लोरी गौड़ का जूडो-कराटे से तीरंदाजी का सफर

 

लोरी गौड़ विशेष रूप से सक्षम कैटेगरी में महिला आर्चरी की एक जानीमानी खिलाड़ी है.

उन्होंने स्टेट और नेशनल लेवल पर कई बार गोल्ड सहित अन्य मेडल हासिल किए हैं.

लोरी गौड़ का सपना ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करना था. लेकिन ओलंपिक के आखिरी ट्रायल में उनका धनुष टूट गया.
तब लोरी का ये सपना तो टूट गया था. लेकिन, अब लोरी एशियन गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी.

लोरी को बचपन से ही जूडो-कराटे शौक था और उन्होंने मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग ले कर कोच बन गई थी. लेकिन, 2019 में एक बस ने लोरी गौड़ को टक्कर मार दी. जिसके कारण उनको अपना एक पैर गंवाना पड़ा. और उनका पसंदीदा जुडो-कराटे भी छोड़ना पड़ा .

पिता के उत्साहवर्धन और खेल के प्रति लगाव से उन्होंने दीसरा विकल्प तीरंदाजी को चुना और इसमें ही बेहतर करने का संकल्प ले कर इसकी शुरुआत की.

कोविड़ के कारण वो भारत की तरफ से 2019 के एशियन गेम्स भी नही खेल पाईं थीं.

ओलंपिक में स्थान बनाने के लिए किसी भी एथलीट को तीन ट्रायल से गुजरना होता है,
लोरी गौड़ का पहला ट्रायल मुकाबला हरियाणा निवासी पूजा जाटियाल से हुआ और लोरी ने जीत दर्ज की.
दूसरा मुकाबला पूजा खंडियाल से हुआ जहां वो आसानी से जीत गई

और तीसरा मुकाबला फिर पूजा जाटियाल से हुआ, इस दौरान लोरी गौड़ का धनुष टूट गया,

यही कारण है कि लोरी ओलंपिक के लिए चयनित नही हुई.

लोरी गौड़ ने बताया कि कभी भी जिंदगी में मैंने परेशानिओं से हार नही मानी और हिम्मत भी नही हारी है, गरीबी के कारण कई- कई दिनों तक चटनी और रोटी खाकर गुजारा किया है. लेकिन, अपने द्रढ़ संकल्प और इक्छाशक्ति से आगे बढ़ती रही और आज एशियन गेम्स में अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिल रहा है.

 

Popular Articles